लेग स्पिनर माया सोनावणे की गेंदबाज़ी देख आती है पॉल एडम्स की याद
अंडर 19 प्रतियोगिता के दौरान माया को पता चला कि उनका गेंदबाज़ी ऐक्शन अलग है
ऑन्नेशा घोष
26-May-2022
"मुझे पता है कि लोग क्या कहेंगे! यही कि माया का असामान्य गेंदबाज़ी ऐक्शन पॉल एडम्स की तरह है।"
अनकैप्ड भारतीय गेंदबाज़ माया सोनावणे इस बारे में अनुमान लगा रही थीं कि जब वह टेलीविजन पर महिला टी 20 चैलेंज में खेलती हुई दिखाई देंगी, तब क्रिकेट जगत उनके बारे में क्या सोचेगा? जब वह मंगलवार को अपने पदार्पण पर 11वें ओवर में वेलॉसिटी के लिए गेंदबाज़ी करने आईं, तो सोशल मीडिया पर जो प्रतिक्रियाएं आईं, वह बिल्कुल उनकी भविष्यवाणी के अनुरूप ही थी।
असंभव प्रतीत होने वाली जिस ऐंठन के साथ वह गेंदबाज़ी करती हैं वह सबसे पहले लोगों का ध्यान आकर्षित करती है। ऑस्ट्रेलिया की पूर्व कॉमेंटेटर लिसा स्टालेकर ने मैच के दौरान ट्वीट किया, "मेरा शरीर उसकी गेंदबाज़ी को देखकर बहुत दर्द में है। हालांकि यह अद्वितीय है, लेकिन सवाल यह है कि क्या कोई इस ऐक्शन के साथ वर्षों तक शीर्ष स्तर पर बने रह सकता है?"
राशिद ख़ान और शेन वॉर्न को अपना आदर्श मानने वाली माया ने कहा, "बहुत से लोगों ने मुझसे कहा है कि मौजूदा वक़्त में महिला क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज़ का मेरे जैसा गेंदबाज़ी ऐक्शन नहीं है, लेकिन मुझे यह असाधारण या असामान्य प्रतीत नहीं होता। जब तक मैंने महाराष्ट्र की सीनियर टीम के लिए खेलना शुरु नहीं किया था तब तक मुझे पॉल एडम्स के बारे में पता भी नहीं था। वह कैसे दिखते थे, वह किसके लिए खेला करते थे मुझे इसकी ज़रा भी जानकारी नहीं थी।"
राष्ट्रीय स्तर पर अंडर 19 प्रतियोगिता खेलने के दौरान माया को पता चला कि वह बाक़ी लेग स्पिनर्स से जुदा हैं। माया ने बताया, "टीम की सीनियर गेंदबाज़ों में से एक स्नेहल प्रधान ने मुझसे आकर कहा था, 'माया, तुम्हें पता है कि तुम किसकी तरह गेंदबाज़ी करती हो?' 'नहीं दीदी।' इसके बाद उन्होंने मुझे पॉल एडम्स की तस्वीर या वीडियो दिखाई, मैंने तुरंत ही कहा, 'हम दोनों तो सेम ही हैं, यह कैसे हो गया?'"
आईपीएल 2016 के दौरान दाएं हाथ के स्पिनर शिविल कौशिक भी अपनी असामान्य गेंदबाज़ी एक्शन को लेकर चर्चा में आए थे। हालांकि कौशिक और एडम्स के बनिस्बत माया बाएं हाथ की गेंदबाज़ हैं जो कि उन्हें अपने तरह का एक अलग गेंदबाज़ बनाता है।
माया ने अपने गेंदबाज़ी एक्शन पर कहा, "मुझे यह हमेशा से ही स्वभाविक प्रतीत हुआ है। जब मैंने गेंदबाज़ी करने के बारे में पहली बार सोचा था तब से मैं इसी अंदाज़ में गेंदबाज़ी कर रही हूं। मुझे तब (दस वर्ष की उम्र में) लेग स्पिन या ऑफ़ स्पिन के बारे में नहीं पता था। मुझे बस इतना पता था कि कुछ लोग क्रीज़ के पास या उससे दूर से गेंदबाज़ी करते हैं। एक दिन मैंने क्रीज़ के पास से गेंदबाज़ी करने के बारे में सोचा और मेरा यह ऐक्शन बन गया, जो आज है।"
महिला टी20 चैलेंज में ट्रेलब्लेज़र्स की अगुवाई कर रहीं स्मृति मांधना ने माया की गेंदबाज़ी में आए बदलाव पर कहा, "वह गुगली और लेग ब्रेक दोनों ही डालने में सक्षम हैं। सबसे अहम बात यह है कि उन्हें इसका ज्ञान है कि कौन सी गेंद किस दिशा में जाएगी। मुझे लगता है कि दो वर्ष पहले यह चीज़ गायब थी।"
वेलॉसिटी की कप्तान दीप्ति शर्मा ने कहा, "माया गेंदबाज़ी आक्रमण में चार चांद लगा देती हैं। उनके पास मिश्रण है, लाइन और लेंथ पर उनका नियंत्रण क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। उनकी यह ख़ूबी उन्हें किसी भी परिस्थिति में गेंदबाज़ी करने में सक्षम बनाती है। कप्तान मैच के किसी भी चरण में उनकी और रुख़ कर सकती हैं।"
पिछले वर्ष बेंगलुरु में आयोजित हुए एक सत्र को याद करते हुए माया ने कहा, "मितू दीदी (मिताली राज), झूलन दीदी (झुलन गोस्वामी) और रमेश (पवार) सर ने मेरा काफ़ी उत्साह वर्धन किया था। मैं भले ही ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाई लेकिन भारतीय टीम के खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ़ से मुख़ातिब होने से मेरे आत्मविश्वास में काफ़ी वृद्धि हुई थी।"
माया ने वड़ोदरा में हुई एक घरेलू सीरीज़ को याद करते हुए कहा, "स्मृति दीदी महाराष्ट्र टीम की कप्तान थीं और उन्होंने मुझसे कहा था कि अगर मैं इस मुक़ाबले में तीन या उससे ज़्यादा विकेट लेती हूं तो वह मुझे उपहार में जूतें देंगी। मैंने उस मुक़ाबले में चार या पांच विकेट लिए थे। उन्होंने अपना वादा निभाते हुए मुझे एक जोड़ी जूती उपहार में दी और मुझे आगे और भी अच्छा करने के लिए प्रेरित किया।"
23 वर्षीय माया महाराष्ट्र के एक साधारण से परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वह नासिक से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिन्नार की रहने वाली हैं। माया ने बताया, "मेरे पिता और बड़े भाई कम वेतन वाली नौकरी करते हैं, जहां उन्हें काफ़ी मेहनत करनी होती है। लिहाज़ा मेरे लिए क्रिकेट खेलना इतना आसान नहीं था लेकिन मैं शुक्रगुज़ार हूं कि मैं क्रिकेट को जारी रख पाई।"
माया ने आगे कहा, "अंडर 23 की घरेलू प्रतियोगिता में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज़ बनने और 2018-19 में वेस्ट ज़ोन के लिए खेलते हुए हैट्रिक के क़रीब पहुंचने तक मैं क्रिकेट में जो कुछ भी कर पाई हूं वह सब इसीलिए हुआ है क्योंकि मैं उसी अंदाज़ में गेंदबाज़ी करती हूं जैसा मुझे करना चाहिए। मैं अपने कोच प्रदीप इंगले सर और दिवंगत अविनाश आगरकर सर की शुक्रगुज़ार हूं। प्रदीप सर ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने हमेशा मेरे ऐक्शन का समर्थन किया और इसमें बदलाव करने की किसी भी गुंजाइश से भी इनकार किया।"
वेलॉसिटी की कोच देविका पल्शीकर का भी यही मानना है कि माया को अपने गेंदबाज़ी ऐक्शन में बदलाव करने की कोई भी ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा, "कई कोचों ने उनके ऐक्शन को बदलने की कोशिश की, लेकिन वह अभी भी ऐसा कर रही है और कोई चोट नहीं है, इसलिए हमें इसे बदलने की ज़रूरत नहीं है। वह इस ऐक्शन में बहुत सहज हैं और अपने राज्य के लिए अच्छा भी कर रही हैं। उनकी पीठ और कंधे पर तनाव उत्पन्न होता होगा, लेकिन मैं कहूंगी कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें आज तक कोई चोट नहीं आई है।"
ऑन्नेशा घोष (@ghosh_annesha) एक स्वतंत्र पत्रकार हैं।