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फ़ीचर्स

भारतीय टीम को IPL से क्या चाहिए

टी20 विश्व कप के लिए सही खिलाड़ियों की पहचान करने के लिए IPL सबसे अच्छी जगह है

यह तो तय है कि टी20 विश्व कप में बुमराह ही तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण की कमान संभालेंगे  •  AFP/Getty Images

यह तो तय है कि टी20 विश्व कप में बुमराह ही तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण की कमान संभालेंगे  •  AFP/Getty Images

घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देने के बारे में आप जो भी कहें (या ना कहें), IPL अंतर्राष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट के चयन के लिए सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण होगा। भारत ने हालिया समय में काफ़ी कम टी20 मैच खेला है। साथ ही वनडे विश्व कप के बाद जो भी टी20 मैच हुए, उसमें काफ़ी ज़्यादा नए खिलाड़ियों को मौक़ा दे दिया गया था। इसी कारण से IPL उन खिलाड़ियों की पहचान करने में या टीम के उन रिक्त पदों को भरने में मदद करेगा, जिनकी भारतीय टीम को टी20 विश्व कप के दौरान सख़्त आवश्यकता है।
सबसे पहले उन खिलाड़ियों पर नज़र डालते हैं, जिनका विश्व कप टीम में खेलना तय है। ऐसी किसी भी सूची की शुरुआत हमेशा जसप्रीत बुमराह से होनी चाहिए। इसके बाद आते हैं कप्तान रोहित शर्मा। उनका ओपनिंग पार्टनर कमोबेश तय है - यशस्वी जयसवाल। और एक बार जब आप टीम में रोहित को वापस लाते हैं, तो ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि आप विराट कोहली को वापस न लाएं। इसमें अनुभव और तेज़ गति के ख़िलाफ़ कोहली की बल्लेबाज़ी उनके चयन का एक अतिरिक्त कारण है। इसके अलावा बल्लेबाज़ों की सूची में सिर्फ़ सूर्यकुमार यादव का ही नाम तय है।
वहीं स्पिन गेंदबाज़ों की बात करें तो कलाई के स्पिनर के तौर पर कुलदीप यादव ने अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है। साथ ही रवींद्र जाडेजा भी टीम में स्पिन ऑलराउंडर के तौर पर शामिल किए जा सकते हैं।
ये तो हुई सात खिलाड़ियों की सूची। इसका मतलब है कि भारतीय टीम में अभी भी आठ रिक्त पदों की भर्ती होनी है। इसी चीज़ को ध्यान में रखते हुए, चयनकर्ता इस बार के IPL में क्या ढूढेंगे, आइए उस पर नज़र डालते हैं।
अगर चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन ने रोहित और कोहली के साथ बने रहने का फै़सला किया है, तो विपक्षी स्पिन गेंदबाज़ों को यह फ़ैसला पसंद आएगा। यहां तक कि सूर्यकुमार एक बेहतरीन टी20 बल्लेबाज़ होने के बाद भी तेज़ गति की तुलना में स्पिन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ धीमी गति से रन बनाते हैं। ऐसे में विपक्षी टीमों के लिए बाएं हाथ के स्पिनर हमेशा से एक प्रमुख हथियार बन जाता है।
इसी समस्या का सामना करने के लिए भारत शिवम दुबे को लगातार बैक कर रहा है, जिन्होंने पिछले साल के IPL में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बिल्कुल यही भूमिका निभाई थी। हालांकि एक बात यह भी है कि CSK इम्पैक्ट प्लेयर नियम के कारण ऐसा कर सका। इम्पैक्ट प्लेयर के कारण ही CSK शिवम को एक विशेषज्ञ बल्लेबाज़ के तौर पर इस्तेमाल करने में सफल हो पाया।
शुभमन गिल और ऋतुराज गायकवाड़ ने भी स्पिनरों के ख़िलाफ़ काफ़ी रन बनाए हैं, लेकिन ऐसा इसलिए है क्योंकि वे नई गेंद के ख़िलाफ़ शुरुआत करते हैं।
सीम बॉलिंग ऑलराउंडर
अगर हार्दिक पंड्या पूरी तरह से फ़िट और फ़ॉर्म में रहते हैं तो उनके चयन पर कोई भी सवालिया निशान नहीं होगा। हालांकि चयनकर्ता यह भी देखना चाहेंगे कि हार्दिक अपनी टीम में किस तरह की भूमिका अदा करते हैं। अगर ऐसा होता है तो चयनकर्ताओं के पास एक सवाल शिवम के चयन को लेकर होगा। चयनकर्ता यह चाहेंगे कि हार्दिक और शिवम की भूमिका टीम में अलग-अलग हो।
विकेट कीपर
अब विकेटकीपर कोई विशेषज्ञ पद नहीं रह गया है। जितेश शर्मा एक अच्छे हिटर हैं, जो कीपिंग भी करते हैं। वह अभी टी20 टीम में चयनित होने के काफ़ी क़रीब हैं। हालांकि चयनकर्ता यह भी देखना चाहेंगे कि जितेश अंतर्राष्ट्रीय गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ थोड़ा ज़्यादा रन बनाएं। जितेश के ख़िलाफ़ अगर चयनकर्ताओं के मन में कोई भी संदेह है तो उसका एक मुख्य कारण यह रहा है कि जब भारत ने हालिया समय में टी20 मैच खेले तो उनके पास विश्व कप के लिए कोई कप्तान या कोच नहीं था। ऐसे में मैनेजमेंट बिना कोई सोच-विचार किए, इशान किशन को ज़्यादा मौक़ा देता रहा। इससे दो समस्याएं हुईं। एक तो यह कि किशन को झूठी उम्मीद मिली और दूसरा यह कि इस पोज़ीशन पर ज़्यादा उपयुक्त खिलाड़ी को पर्याप्त मौक़ा नहीं मिला।
इस IPL की सबसे बेहतरीन कहानियों में से एक कहानी ऋषभ पंत की वापसी होगी। हालांकि भारतीय टीम में उन्हें वापस बुलाने से पहले चयनकर्ता कुछ सावधानी बरत सकते हैं। साथ ही इतने कम समय में टी20 विश्व कप के लिए उन्हें चयनित कर लेना, जल्दबाज़ी वाला फ़ैसला हो सकता है।
अगर केएल राहुल IPL में मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी करते हैं और 2016 की तरह बल्लेबाज़ी करते हैं तो वह एक दिलचस्प विकल्प हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि उनकी बल्लेबाज़ी में काफ़ी विविधता है। इसी कारण से वह अलग-अलग पोज़ीशन पर बल्लेबाज़ी करने के लिए बैक अप बल्लेबाज़ हो सकते हैं।
डेथ ओवर में तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ आक्रमण
जो भी बल्लेबाज़ 17 से 20 ओवर के बीच तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ आक्रामक शैली में बल्लेबाज़ी कर सकता है, उनका चयन काफ़ी अहम है। इसके लिए कोई अलग से बल्लेबाज़ चुनने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि जो भी बल्लेबाज़ टीम में मौजूद हों, उनमें से कम से कम दो बल्लेबाज़ों के पास यह क्षमता हो। रिंकू सिंह ने हालिया समय में यह भूमिका निभाई है। वह आसानी से 15 खिलाड़ियों में अपनी जगह बना लेंगे लेकिन प्लेइंग XI में उनके लिए जगह बना पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
दो और तेज़ गेंदबाज़
बुमराह निश्चित रूप से टीम में हैं, लेकिन भारत अपने को कम से कम दो और तेज़ गेंदबाज़ों की ज़रूरत है। फ़िलहाल कोई भी गेंदबाज़ अभी चयन के क़रीब नहीं है। आदर्श रूप से इन तेज़ गेंदबाज़ों को एक या दो सिक्सर मारने में सक्षम होना चाहिए। हालांकि चयनकर्ता विकल्पों को लेकर बिल्कुल भी परेशान नहीं हैं। इस लिस्ट में अर्शदीप सिंह, आवेश ख़ान और मुकेश कुमार हालिया टी20आई टीमों का हिस्सा रहे हैं। साथ ही भारत के पास मोहम्मद सिराज का भी विकल्प है। अगर मोहसिन ख़ान पूरी तरह से फ़िट रहते हुए, लखनऊ के लिए गेंदबाज़ी करते हैं तो चयनकर्ता उन पर गौर करना चाहेंगे।
बैकअप
इस लिस्ट में चार खिलाड़ी हो सकते हैं। चयनकर्ता चाहेंगे कि वह चौथे तेज़ गेंदबाज़ को भी बैक अप के तौर पर रखें। साथ ही रवि बिश्नोई के रूप में एक और कलाई के स्पिनर, अक्षर पटेल के रूप में एक स्पिन-गेंदबाज़ी ऑलराउंडर, एक अतिरिक्त विकेटकीपर-हिटर को भी बैकअप के तौर पर रखा जा सकता है।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के वरिष्ठ लेखक हैं