पुरज़ोर लड़ाई, अद्भुत प्रदर्शन, अजीब परिणाम : ऑस्ट्रेलिया-भारत प्रतिद्वंद्विता का इतिहास
क्या आगामी सीरीज़ में फिर एक बार वही सब देखने को मिलेगा?
ऐंड्रयू मक्ग्लैशन
15-Sep-2021
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच कई रोमांचक मुकाबले हुए हैं • AFP
ना तो यह विश्व कप है और ना ही कोई ऐशेज़ का इतिहास है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच महिला मुक़ाबलों का भी अपना रोमांच है और दोनों के बीच आगामी सीरीज़ पहली मल्टी-फॉर्मेट सीरीज़ होगी।
अगले सप्ताह शुरू होने वाली सीरीज़ से पहले अलिसा हीली ने कहा था, "पिछले पांच या छह सालों में हमारे बीच काफ़ी अच्छे मुक़ाबलें हुए हैं, जहां तक मुझे याद है। कई बेहतरीन प्रदर्शन किए गए हैं और कई अजीब परिणाम भी देखने को मिले हैं। ऐसे में कोई चौंकाने वाली बात नहीं है कि हमारे बीच में प्रतिद्वंद्विता चल रही है। इस पर बात नहीं की गई है लेकिन हम जानते हैं कि जब भी वे ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलते हैं तो आत्मविश्वास से लबरेज़ होते हैं। उन्होंने साबित किया है कि हमारे साथ खेलते समय उनका प्रदर्शन निखरकर आता है।"
चलिए तो पिछले चार साल में हुए बेहतरीन मुक़ाबलों पर नज़र डालते हैं।
कौर का दमदार शतक
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इस प्रदर्शन का हवाला देते हैं, जहां से चीज़ें पूरी तरह से बदल गई। प्रमुख कोच मैथ्यू मॉट इसे 'अहम लम्हा' बताते हैं। इसको जो भी कहा जाए हरमनप्रीत कौर की 2017 विश्व कप सेमिफ़ाइनल में खेली गई 171 रनों की नाबाद पारी से बहुत कुछ बदला है, जहां ऑस्ट्रेलिया टीम आज खड़ी है। उस दिन ऑस्ट्रेलिया गत चैंपियन थी और उनके पास कौर की 115 गेंद की पारी का कोई जवाब नहीं था, जहां पर उन्होंने 20 चौके और सात छक्के लगाए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 21 रनों पर तीन विकेट गंवा दिए, यहीं पर मुकाबला खत्म हो गया था, चाहे ऐलेक्स ब्लैकवेल और एलीस विलानी ने भले ही कोशिश की हो। हीली ने हाल में इसको लेकर कहा था, "यह वाकई अच्छी चीज़ हुई थी, जहां से हमने अपनी टीम को दोबारा से देखना शुरू किया। हमने इसके बाद ख़ुद को बदला।"2017 विश्व कप के बाद दोनों टीमें 2018 में आमने-सामने आई, जहां पर उस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया था। मेग लानिंग की टीम के लिए परिणाम प्रभावशाली रहा। वहीं से ऑस्ट्रेलिया की 24 वनडे में अजेय रहने के मौजूदा क्रम की शुरुआत थी। 2021 में भी टीम इसको बरक़रार रखना चाहेगी। उस सीरीज़ का बेहतरीन पल फ़ाइनल मैच रहा, जहां पर हीली ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाया था। बतौर ओपनर यह उनकी मात्र दूसरी सीरीज़ थी और उन्होंने अपने इस प्रदर्शन से ख़ुद को साबित कर दिया। उसके बाद से हीली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हीली ने कहा, "उसके बाद से मैंने काफ़ी क्रिकेट खेला लेकिन उस शतक का एहसास अलग था।"
विश्व कप 2017 के सेमीफाइनल में हरमनप्रीत कौर ने 171 रन नाबाद बनाए थे•Getty Images
आख़िर में, इस सीरीज़ का परिणाम 2018 टी20 विश्व कप में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित नहीं हुआ। ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड के ख़िलाफ़ फ़ाइनल खेली, लेकिन भारत को इस टूर्नामेंट में एक ग़लती भारी पड़ी, जहां इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सेमिफ़ाइनल में उन्होंने सारे स्पिनर उतार दिए। इससे पहले आख़िरी ग्रुप मैच में स्पिनरों ने ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाज़ी की कमर तोड़ी थी। स्मृति मांधना की 55 गेंद की 83 रनों की पारी के बाद ऑस्ट्रेलिया 119 रनों पर ढेर हो गई।
त्रिकोणीय सीरीज़ की जंग
15 महीनों बाद, 2020 विश्व कप की तैयारियों के लिए दोनों टीम त्रिकोणीय सीरीज़ खेली, जिसमें तीसरी टीम इंग्लैंड थी। ग्रुप मैचों में से एक में ऑस्ट्रेलिया ने एलीस पेरी (13 रन पर 4 विकेट और 49 रन) के दम पर बेहतरीन प्रदर्शन किया। इससे पहले एक मैच में भारतीय शीर्ष क्रम में शेफ़ाली वर्मा ने 28 गेंदों पर 49 रन बनाए, जिसने ऐश गार्डनर की 93 रनों की पारी को फीका कर दिया और भारत ने 174 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया, जिससे एक बार फिर दबाव में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ी आक्रमण पर सवाल खड़े हुए। फ़ाइनल में मेज़बान टीम ने संयुक्त रूप से बेहतरीन प्रदर्शन करके मैच जीता, जहां बेथ मूनी ने बल्ले से कमाल किया तो जेस जॉनासन ने 12 रन देकर पांच विकेट चटकाए।विकेट लेने के बाद जश्न मनाती पूनम यादव•Getty Images
पूनम की फिरकी का जादू
इसके बाद समय आया 2020 टी20 विश्व कप के पहले मैच का, जो दोनों देशों के बीच सिडनी में खेला गया। जहां वर्मा जल्दी आउट हो गई और ऑस्ट्रेलिया ने मैच में पकड़ मज़बूत की, वहीं दीप्ति शर्मा ने भारत को एक सामान्य स्कोर तक पहुंचाया। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने दो विकेट जल्दी गंवा दिए। हीली मैदान पर खड़ी थी, लेकिन जैसे ही पूनम यादव ने उन्हें आउट किया, मैच का रुख़ बदल गया। लेग स्पिनर ने मध्य क्रम में रेचल हेंस और पेरी को आउट कर दिया और यहां से ऑस्ट्रेलिया कैसे जीत सकती थी?इसके दो सप्ताह बाद समय आया फ़ाइनल मैच का, जहां पर यह दोनों टीम दोबारा आमने-सामने थी, मेलबर्न के मैदान में 86,000 दर्शकों के सामने। हीली ने पावरप्ले में ही भारतीय गेंदबाज़ी को नेस्तनाबूद कर दिया, जहां उन्होंने मूनी के साथ पहले विकेट के लिए 115 रन जोड़ डाले। जवाब में जब शेफ़ाली पहले ओवर में ही पवेलियन लौट गई तो दूसरी पारी लानिंग के ट्रॉफ़ी उठाने तक ऑस्ट्रेलिया के लिए जश्न का कारण बन गई।
ऐंड्रयू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo में डिप्टी एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है। @nikss26