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गिल : 'गेंदबाज़ों की मदद के बिना खेल अपना सार खो देता है'

भारतीय कप्‍तान को लगता है कि ड्यूक गेंद मुलायम हो रही हैं और विकेट पाटा हो रही हैं जिससे टेस्‍ट क्रिकेट का मज़ा ख़त्‍म हो रहा

शुभमन गिल को लगता है कि सपाट पिचों और ड्यूक्स बॉल का संयोजन इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट के सार को ख़त्म कर रहा है। भारत ने 20 विकेट में से 15 विकेट तीन नई गेंद के साथ झटके। सीरीज़ को 1-1 से बराबर करने के बाद, उनसे पूछा गया कि वे इन परिस्थितियों के बारे में क्या सोचते हैं जो इंग्लैंड में बैज़बॉल युग के साथ मेल खाती हैं।
गिल ने कहा, "गेंदबाज़ों के लिए यह बहुत मुश्किल हो जाता है। विकेट से भी ज़्यादा, गेंद बहुत ज़ल्दी नरम और ख़राब हो जाती है। मुझे नहीं पता कि यह क्या है मौसम, विकेट या कुछ और लेकिन गेंदबाज़ों के लिए इन परिस्थितियों में विकेट लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। एक टीम के रूप में, जब आपको पता होता है कि विकेट लेना मुश्किल है और रन आसानी से बन रहे हैं, तो बहुत सी चीज़ें आपके नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं।"
"मुझे लगता है कि कम से कम थोड़ी मदद तो मिलनी ही चाहिए। अगर गेंद कुछ कर रही है, तो आपको खेलने में मज़ा आता है। अगर आपको पता है कि मदद सिर्फ़ 20 ओवर में ही मिलेगी और फिर आपको बाक़ी दिन रक्षात्मक होकर यह सोचना है कि रन कैसे रोकें, तो खेल अपना सार खो देता है।"
गिल ने हालांकि मज़ाक में कहा कि उन्हें बल्लेबाज़ के तौर पर राहत की कोई परवाह नहीं है क्योंकि उन्होंने पूरी दुनिया में तीखी परिस्थितियों में अनुभव लिया है। हेडिंग्ली में पहले टेस्ट में लगभग ऐसी ही परिस्थितियों में भारत ने निचले क्रम की कुछ लापरवाह बल्लेबाज़ी नुकसान उठाया। गिल ने पिछले टेस्ट में 147 रन पर आउट होने के बाद खु़द को उदाहरण के तौर पर नेतृत्व करने का बीड़ा उठाया था।
गिल ने एज़बेस्टन में दो पारियों में 269 और 161 रन बनाने के बाद कहा, "कभी-कभी, ख़ासकर जब आप कप्तान होते हैं, तो मुझे लगता है कि आपको उदाहरण के तौर पर नेतृत्व करने की ज़रूरत होती है ताकि जब भी कोई दूसरा खिलाड़ी उस स्थिति में हो, तो आप उस खिलाड़ी को निर्देश दे सकें। 'यही टीम को अभी चाहिए और आपको हमेशा अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं के बजाय टीम को पहले रखना चाहिए।' या कभी-कभी आप कुछ चीज़ें आज़माना चाहते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि अगर आप टीम को अपने से आगे रखते हैं, तो आप हमेशा सही दिशा में चलेंगे या सही रास्ते पर चलेंगे और यही मैं इस मैच में करना चाहता था। अगर कोई अच्छी गेंद मुझे आउट कर देती है, तो वह मुझे आउट कर देती है, लेकिन जब तक मैं मैदान पर हूं, मैं यथासंभव लंबे समय तक खेलना चाहता हूं।"
भारत की बल्लेबाज़ी की पूरी ताक़त को देखने के बाद गिल ने मज़ाक में कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इंग्लैंड फिर से इतनी सपाट पिच बनाएगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उन भयानक मध्य ओवरों के दौरान कुलदीप यादव की कलाई की स्पिन की कमी खलती है। उन्होंने कहा कि उनके लिए कुलदीप जैसी गुणवत्ता वाले गेंदबाज़ को बाहर रखना आसान नहीं था, लेकिन उन्हें लगा कि उन्हें थोड़ी गहराई की ज़रूरत है जो वाॅशिंगटन सुंदर दे सकते थे और उन्होंने दी भी।
भारत को इतने लंबे टेस्ट मैच खेलने की आदत नहीं है। घरेलू पिचों पर स्पिन को मदद मिलती है और जब भारत बाहर खेलता है तो उसे हरी घास वाली पिच मिलती है। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने इन दुर्लभ बैक-टू-बैक टेस्ट मैचों से क्या सीखा है जो व्यावहारिक रूप से अंतिम सत्र तक चले, तो गिल ने कहा कि भारत को खु़शी है कि उन्होंने ज़्यादातर समय बल्लेबाज़ी में बिताया।
गिल ने कहा, "निश्चित रूप से इससे हमें बहुत मदद मिली। मैं कहूंगा कि भारत में जब हम खेलते हैं तो ज़्यादातर टेस्ट मैच पांच दिन तक नहीं चलते। लेकिन सौभाग्य से जब हम यहां खेलते हैं तो ज़्यादातर दिन हम बल्लेबाज़ी करते हैं और फ़ील्डिंग नहीं करते, इसलिए यह हमारे लिए अच्छा है। पहली पारी में भी, मुझे लगता है कि हमने लगभग 90 ओवर फ़ील्डिंग की, जो लगभग एक दिन के बराबर है। इसलिए मुझे लगता है कि यह अच्छा है। मुझे लगता है कि सीरीज़ में भी, आने वाले मैचों में अगर आप लगातार रन बनाने में सक्षम हैं और 400 या 300 के आसपास का स्कोर बनाते हैं, तो हम हमेशा खेल में बने रहेंगे।"
गिल ने कहा कि ये देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं और उनका मानना ​​है कि 16 खिलाड़ियों की टीम में से चुना गया कोई भी गेंदबाज़ी संयोजन दुनिया में कहीं भी 20 विकेट ले सकता है।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में वरिष्‍ठ लेखक हैं।