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ड्रॉ मैच में गिल हुए ब्रैडमैन और गावस्कर की लीग में शामिल

केएल राहुल और रवींद्र जाडेजा ने भी बनाए कई बड़े रिकॉर्ड

मैनचेस्टर टेस्ट के पांचवें दिन कई रिकॉर्ड टूटे और कई नए कीर्तिमान स्थापित हुए। भारत ने भी शानदार वापसी करते हुए मैच को ड्रॉ करा लिया। आइए डालते हैं पांचवें दिन के कुछ प्रमुख आंकड़ों पर नज़र।
2 ब्रैंडन मक्कलम के कोचिंग कार्यकाल में इंग्लैंड का अब तक दो ही मैच ड्रॉ हुआ है। यह उनका इस पद पर 40वां टेस्ट था। इससे पहले 2023 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मैनचेस्टर में ही हुआ मैच ड्रॉ हुआ था।
7 भारत ने इस सीरीज़ में अब तक सात बार 350 से अधिक का स्कोर बनाया है, जो किसी भी टीम द्वारा किसी एक टेस्ट सीरीज़ में सर्वाधिक है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने तीन ऐशेज़ सीरीज़ (1920-21, 1948, 1989) में छह बार 350 से ज़्यादा रन बनाए थे।
यह पहली बार है जब भारत ने किसी सीरीज़ में सात बार 300 से ऊपर का स्कोर बनाया है।
0 मैनचेस्टर में कोई भी टीम टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी चुनने के बाद टेस्ट मैच नहीं जीत पाई है। ऐसी 12 पारियों में से तीन में उन्हें हार मिली है और नौ मैच ड्रॉ पर समाप्त हुए हैं।
यह ड्रॉ, भारत की मैनचेस्टर में बिना जीत के सिलसिले को आगे बढ़ाता है। यहां उन्होंने दस टेस्ट खेले हैं, जो किसी एक मैदान पर भारत द्वारा खेले गए सबसे अधिक टेस्ट हैं, जहां उन्हें जीत नहीं मिली है।
4 शुभमन गिल ने इस सीरीज़ में अब चार शतक लगा लिए हैं, जो किसी सीरीज़ में किसी भारतीय बल्लेबाज़ द्वारा संयुक्त रूप से सर्वाधिक है। सुनील गावस्कर ने 1971 और 1978-79 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़, जबकि विराट कोहली ने 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार-चार शतक लगाए थे।
गिल ऐसे तीसरे कप्तान बने हैं, जिनके नाम किसी टेस्ट सीरीज़ में चार शतक हैं। उनसे पहले डॉन ब्रैडमैन (1947-48 बनाम भारत) और गावस्कर (1978-79 बनाम वेस्टइंडीज़) ने ऐसा किया था।
गिल के चार शतक इंग्लैंड में किसी विदेशी बल्लेबाज़ द्वारा एक सीरीज़ में बनाए गए संयुक्त रूप से सर्वाधिक शतक हैं। इससे पहले केवल डॉन ब्रैडमैन (1930) ही इंग्लैंड में एक सीरीज़ में चार शतक लगाने वाले विदेशी बल्लेबाज़ थे।
722 गिल द्वारा इस सीरीज़ में बनाए गए कुल रन अब 722 तक पहुंच गए हैं। भारत के लिए किसी सीरीज़ में उनसे अधिक रन सुनील गावस्कर ने बनाए हैं। उन्होंने ऐसा दो बार- 774 (1970) और 732 (1978-79)- वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ ही किया है। पांचवें टेस्ट में गिल के पास इन दोनों रिकॉर्ड को तोड़ने का सुनहरा मौक़ा होगा।
188 गिल और केएल राहुल के बीच तीसरे विकेट के लिए 188 रन की साझेदारी हुई। यह वह साझेदारी थी, जब भारत का स्कोर शून्य पर दो विकेट था। इससे पहले इस परिस्थिति में सबसे बड़ी साझेदारी 105 रन की थी। (अमरनाथ और विश्वनाथ बनाम ऑस्ट्रेलिया, 1977)
गिल और राहुल ने साथ मिलकर 417 गेंदें खेलीं। यह 1998 के बाद से इंग्लैंड में भारत की सबसे लंबी टेस्ट साझेदारी है।
9 रवींद्र जाडेजा के टेस्ट में इंग्लैंड में पचास से अधिक रन कुल नौ बार आए हैं। ये सभी नंबर 6 या उससे नीचे बल्लेबाज़ी करते हुए आए हैं। यह गारफील्ड सोबर्स (9) के साथ संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा है। दोनों ही इंग्लैंड में नंबर 6 या उससे नीचे 1000 से अधिक रन बनाने वाले इकलौते विदेशी बल्लेबाज़ हैं।
जाडेजा ने इंग्लैंड में 34 विकेट भी लिए हैं। केवल दो विदेशी खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने किसी देश में 1000 से अधिक रन बनाते हुए इससे अधिक विकेट लिए हैं - विल्फ़्रेड रोड्स (ऑस्ट्रेलिया में 1032 रन, 42 विकेट) और सोबर्स (इंग्लैंड में 1820 रन, 62 विकेट)।
511 राहुल के इस सीरीज़ में 511 रन हो चुके हैं। वह ग्रेम स्मिथ (714 रन, 2003) के बाद पहले विदेशी ओपनर हैं, जिन्होंने इंग्लैंड में एक टेस्ट सीरीज़ में 500 से अधिक रन बनाए हैं। भारत के लिए केवल गावस्कर (542, 1979) ने इंग्लैंड में ओपनर के रूप में राहुल से ज़्यादा रन बनाए हैं।
भारत के चार बल्लेबाज़ों ने इस सीरीज़ में 400 से अधिक रन बनाए - गिल, राहुल, ऋषभ पंत और जाडेजा। यह पहली बार हुआ है, जब भारत के चार बल्लेबाज़ों ने एक ही सीरीज़ में यह आंकड़ा पार किया हो। पिछली बार 1993 की ऐशेज़ में छह ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने ऐसा किया था।
4 भारत ने टेस्ट में 300 से अधिक की पहली पारी की बढ़त को पार कर चार बार मैच को ड्रॉ कराया है। इससे पहले इंग्लैंड के ख़िलाफ़ (1936, मैनचेस्टर-368 रन की बढ़त), श्रीलंका के ख़िलाफ़ (अहमदाबाद, 2009-334 रन) और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ (नेपियर, 2009-314 रन) ऐसा हुआ था।
5 पांच बाएं हाथ के भारतीय बल्लेबाज़ों ने इस टेस्ट में 50+ के स्कोर बनाए हैं। इससे पहले केवल एक बार किसी टीम के पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों ने 50+ का स्कोर बनाया है। मैनचेस्टर में कुल सात बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों ने पचास या उससे अधिक रन बनाए, जिनमें इंग्लैंड के बेन डकेट और बेन स्टोक्स भी शामिल हैं। यह किसी टेस्ट में सबसे ज़्यादा है।
दोनों टीमों के कुल 12 बल्लेबाज़ों ने 50+ रन बनाए, जो कि एक टेस्ट में संयुक्त रूप से दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है। 1939 में डरबन में साउथ अफ़्रीका और इंग्लैंड के बीच 13 बल्लेबाज़ों ने ऐसा किया था। भारत के सात बल्लेबाज़ों ने 50+ का स्कोर बनाया, जो संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा है। केवल पाकिस्तान के आठ बल्लेबाज़ों ने इससे अधिक बार ऐसा किया है। (2006, कराची बनाम भारत)
5 भारत ने मैनचेस्टर में 20 से अधिक ओवर के पांच सत्र बिना कोई विकेट गंवाए खेले। 2014 से अब तक केवल एक टीम ने किसी टेस्ट मैच में इससे ज़्यादा सत्र बिना कोई विकेट गंवाए खेले हैं। इस दौरान कोई और टीम तीन सत्र से ज़्यादा बिना विकेट गंवाए नहीं खेल सकी है।
12 कुल 12 बल्लेबाज़ों ने इस सीरीज़ में शतक लगाया है। ऑस्ट्रेलिया का 1955 का वेस्टइंडीज़ दौरा एकमात्र अन्य सीरीज़ है, जिसमें 12 शतकवीर रहे हैं।
अब तक इस सीरीज़ में कुल 18 शतक लगे हैं, जो किसी टेस्ट सीरीज़ में तीसरा सबसे अधिक आंकड़ा है। इनमें से 11 शतक भारत के हैं, जो भारत के लिए संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा है। 1978-79 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में भी भारत की तरफ़ से 11 शतक लगे थे।

संपत बंडारूपल्ली ESPNcricinfo में स्टैट्स एडिटर हैं