हरभजन सिंह का सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास
"मैं क्रिकेट से पहले ही रिटायर हो चुका हूं लेकिन यह एक औपचारिक घोषणा है"
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो स्टाफ़
24-Dec-2021
हरभजन सिंह के नाम 417 टेस्ट विकेट हैं • BCCI/IPL
भारत के महानतम ऑफ़ स्पिनरों में से एक हरभजन सिंह ने सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। ट्विटर पर एक वीडियो मेसेज पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, "एक तरीक़े से मैं पहले ही रिटायर हो चुका हूं क्योंकि मैं पिछले कुछ साल से सक्रिय क्रिकेट नहीं खेल रहा था। हालांकि आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ जुड़े होने के कारण मैं ऐसा नहीं कर सका था। अब यह एक औपचारिक घोषणा है।"
उन्होंने कहा, "ज़िंदगी में एक समय आता है, जब आपको कुछ कठिन निर्णय लेकर आगे बढ़ना होता है। मैं यह घोषणा कुछ साल पहले से करना चाह रहा था लेकिन सही समय का इंतज़ार कर रहा था। इस साल आईपीएल सीज़न के दौरान मुझे लगा कि शायद अब यह सही समय है।"
All good things come to an end and today as I bid adieu to the game that has given me everything in life, I would like to thank everyone who made this 23-year-long journey beautiful and memorable.
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) December 24, 2021
My heartfelt thank you Grateful .https://t.co/iD6WHU46MU
41 साल के हो चुके हरभजन ने मार्च, 1998 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बेंगलुरु टेस्ट से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में क़दम रखा था। उन्होंने 103 टेस्ट में 32.46 की औसत से कुल 417 विकेट लिए, जो कि भारत की तरफ़ से चौथा सर्वाधिक है। 8/84 और 15/217 क्रमशः उनका पारी और मैच का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। उन्होंने यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2001 के चेन्नई टेस्ट में बनाया था, जिसमें भारत को दो विकेट से एक महत्वपूर्ण जीत मिली थी। इसी जीत की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया की उस समय की लगभग अपराजेय टीम को सीरीज़ में 2-1 से हराया था।
इससे पहले वाले कोलकाता टेस्ट मैच में हरभजन ने हैट्रिक लेते हुए कुल 13 विकेट लिए थे और वीवीएस लक्ष्मण व राहुल द्रविड़ के साथ फ़ॉलो-ऑन खेलने के बाद भी भारत को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई थी।
हरभजन के नाम 236 वनडे मैचों में 33.35 की औसत से 269 विकेट और 28 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 25.32 की औसत से 25 विकेट दर्ज हैं। उनके नाम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 707 विकेट हैं, जो उन्हें अनिल कुंबले (953 विकेट) के बाद भारत का दूसरा सबसे सफल गेंदबाज़ बनाते है।
हरभजन ने कहा, "जलंधर की गलियों से निकलकर भारत का टर्बनेटर बनना, यह 25 सालों की यात्रा बहुत शानदार रही है। टीम इंडिया की जर्सी पहनकर मैदान में उतरना मेरे लिए सबसे भावुक पल होता है। मैं मैदान से ही संन्यास की घोषणा करना चाहता था, लेकिन शायद क़िस्मत को यह नहीं मंज़ूर था।"
इस मौक़े पर हरभजन ने अपनी पुरानी टीमों पंजाब, मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, सरे और एसेक्स को भी धन्यवाद दिया।
2007 टी20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रह चुके हरभजन ऑस्ट्रिलिया के ख़िलाफ़ 2001 की सीरीज़ को अपने करियर का सबसे बड़ा पल मानते हैं, जिसमें उन्होंने हैट्रिक सहित 32 विकेटों की विश्व रिकॉर्ड बनाया था और सीरीज़ जिताऊ गेंदबाज़ी की थी। इसके बाद वह 2007 और 2011 विश्व कप जीत को जगह देते हैं।
साथियों के बीच भज्जी नाम से मशहूर हरभजन ने कहा, "ये कुछ इतने बड़े पल हैं जिन्हें ना कभी भूलाया जा सकता है और ना ही इन्हें शब्दों में बयां किया जा सकता है।"
हरभजन ने कहा कि उन्होंने भविष्य के लिए कुछ ख़ास सोचा नहीं है, लेकिन वह क्रिकेट से जुड़े रहेंगे। उन्होंने कहा, "क्रिकेट हमेशा से मेरी ज़िंदगी का सबसे मशहूर हिस्सा रहेगा। मैं जो भी कुछ हूं, क्रिकेट की वजह से ही हूं। मैंने सालों तक भारतीय क्रिकेट की सेवा की है और आगे भी करता रहूंगा। मैंने अभी कुछ इस बारे में सोचा नहीं है लेकिन भविष्य में अगर मुझे किसी भी तरह से भारतीय क्रिकेट की सेवा करने का मौक़ा मिलता है, तो इससे अधिक ख़ुशी मुझे नहीं हो सकती।"
उन्होंने अपनी बातों को समाप्त करते हुए कहा, "मैं अपनी ज़िंदगी की एक नई पारी शुरु करने जा रहा हूं, जो कि एक परीक्षा की तरह है और इसकी अपनी चुनौतियां हैं। टर्बनेटर भी इस परीक्षा के लिए तैयार है, बस आप लोग अपना प्यार और अपनी दुआ बरसाते रहिएगा।"