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बर्थडे ब्वॉय विराट कोहली का शतक : विनोद कांबली, सचिन तेंदुलकर और रॉस टेलर भी इस श्रेणी में

कोहली ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अपने 35वें जन्मदिन पर शतक जड़ा

WorldTel's Mark Mascarenhas gives Sachin Tendulkar a hug, Australia v India, Coca Cola Cup final, Sharjah, April 24, 1998

1998 में सचिन तेंदुलकर ने अपने जन्मदिन पर वनडे इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक खेली  •  AFP

विराट कोहली ने रविवार को ईडन गार्डंस में साउथ अफ़्रीका के विरुद्ध शतक जड़ते हुए अपने 35वें जन्मदिन को अपने और भारतीय समर्थकों के लिए हर रूप में एक यादगार दिन बनाया। लेकिन ऐसा करने वाले वह पहले खिलाड़ी नहीं हैं। यक़ीनन उन्होंने आज सचिन तेंदुलकर के 49 वनडे शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी की है और अपने जन्मदिन पर शतक जड़ने के मामले में भी तेंदुलकर की बराबरी है। इस अनोखे क्लब के प्रसिद्ध सदस्यों पर नज़र डालते हैं।

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भारत और इंग्लैंड के बीच एक रोमांचक वनडे सीरीज़ का पहला मुक़ाबला सवाई मानसिंघ स्टेडियम में खेला गया। टॉस जीतकर इंग्लैंड कप्तान ग्रैम गूच ने भारत को बल्लेबाज़ी करने को कहा और पॉल जार्विस ने अपने पहले ओवर में नवजोत सिद्धू का विकेट गिराया। इस मौक़े पर युवा बाएं हाथ के बल्लेबाज़ विनोद कांबली नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करने उतरे।
कांबली ने मनोज प्रभाकर और कप्तान मोहम्मद अज़हरउद्दीन का साथ जल्दी गंवाया और फिर 21-वर्षीय बर्थडे ब्वॉय को मिला अपने बचपन के दोस्त सचिन तेंदुलकर का साथ। तेंदुलकर ने तेज़ी से रन बनाना शुरू किया और कांबली ने परफ़ेक्ट ऐंकर रोल निभाते हुए इंग्लैंड के अनुभवी ऑफ़ स्पिनर जॉन एम्ब्युरी पर आक्रमण किया। आख़िरी ओवर में जाकर कांबली ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला शतक पूरा किया, हालांकि एक रोमांचक चेज़ में ऐलेक स्टुअर्ट के 91 रनों की पारी के बदौलत इंग्लैंड ने मैच चार विकेट से जीता

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शायद इस मैच के बारे में आपको याद दिलाने की ख़ास ज़रूरत नहीं। वैसे भारत ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध शारजाह में फ़ाइनल भी सचिन तेंदुलकर के शतक के बदौलत ही खेल रहा था। फ़ाइनल उनके 25वें जन्मदिन पर खेला गया और ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 272 का स्कोर बनाया।

जवाब में सौरव गांगुली 23 बनाकर दिन के दूसरे बर्थडे ब्वॉय डेमियन फ़्लेमिंग का शिकार बने। इसके बाद नयन मोंगिया ने तेंदुलकर का अच्छा साथ दिया, जब मास्टर ब्लास्टर शेन वॉर्न पर ख़ासा आक्रमण करने लगे। मोंगिया के आउट होने के बाद कप्तान अज़हर ने एक तेज़ अर्धशतक लगाया, हालांकि तब तक तेंदुलकर पूरे लय में बल्लेबाज़ी करते हुए अपना सैकड़ा जड़ चुके थे। माइकल कैस्प्रोविट्ज़ की राउंड द विकेट कोण से एक ख़राब पगबाधा के फ़ैसले ने तेंदुलकर को 134 रन के बाद पवेलियन लौटाया, लेकिन तब तक वह भारतीय जीत की नींव रख चुके थे।

विपक्षी कप्तान स्टीव वॉ ने कुछ साल बाद 'टेन स्पोर्ट्स' को कहा था, "मैंने टीम मीटिंग में कहा था कि हमारी टीम इतनी संतुलित थी कि भारत हमें नहीं हरा सकता था। यह बात सही साबित हुई। हम भारत से नहीं, सचिन तेंदुलकर से हार गए।"

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पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड के बीच विश्व कप का ग्रुप मैच पल्लेकेले में खेला गया। बल्लेबाज़ी चुनने के बाद ब्रेंडन मक्कलम और जेमी हाऊ जल्दी आउट हो गए और इसके बाद मार्टिन गप्टिल को मिला 27वां जन्मदिन मना रहे रॉस टेलर का साथ। मिडिल ओवर्स तक दोनों ने इक्के-दुक्के से रन बटोरे और दूसरे ड्रिंक्स ब्रेक तक गप्टिल और जेम्स फ्रैंकलिन भी आउट हो गए।

यहां से टेलर ने ख़ासकर स्पिन के विरुद्ध तेज़ बल्लेबाज़ी की शुरुआत की और 45वें ओवर तक टीम को 200 तक पहुंचाया। आख़िर के पांच ओवर में ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी हुई, टीम का स्कोर 302 तक पहुंचा और टेलर 131 पर नाबाद रहे। आख़िर में पाकिस्तान 110 रन से हारा और नौ ओवर में 1/70 के विश्लेषण वाले शोएब अख़्तर फिर कभी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेले।

देबायन सेन ESPNcricinfo में सीनियर सहायक एडिटर हैं और स्थानीय भाषा प्रमुख हैं @debayansen