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घुटने की सर्जरी के बाद वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं जाडेजा

भारतीय स्पिनर ने कहा 'मैदान से बाहर के दिन' कठिन और निराश करने वाले थे

Ravindra Jadeja picked up 7 for 53 in the second innings, Tamil Nadu vs Saurashtra, Chennai, 3rd day, Ranji Trophy 2022-23, January 26, 2023

चोट के बाद वापसी करते हुए जाडेजा ने सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफ़ी मैच में आठ विकेट लिए  •  PTI

भारतीय स्पिनर रवींद्र जाडेजा ने चोट से अपनी रिकवरी के दौरान पांच महीने तक सूरज का सामना नहीं किया था और यह समय उनके लिए बहुत कठिन और निराश करने वाला था।
अगस्त के बाद पहली बार मैदान पर उतर रहे जाडेजा नेतमिलनाडु के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी मैच में 41.1 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए आठ विकेट लिए थे, जिसमें एक पारी में सात विकेट शामिल था। इसके अलावा उन्होंने बल्ले से 15 और 25 रन भी बनाए थे।
बीसीसीआई.टीवी को दिए गए साक्षात्कार में जाडेजा ने कहा, "जब मैं पहले दिन मैदान पर गया तो मुझे थोड़ा अजीब लगा। पांच महीने से मैंने सूरज का सामना नहीं किया था क्योंकि रिहैबलिटेशन के दौरान मैंने इनडोर ही ट्रेनिंग और जिम किया था। मुझे नहीं पता था कि मैं पूरे दिन 90 ओवर तक मैदान पर टिक पाऊंगा।"
उन्होंने आगे कहा, "चेन्नई की गर्मी में पहला दिन मेरे लिए बहुत कठिन था। लेकिन दूसरे और तीसरे दिन मेरा शरीर इसके अनुकूल हो गया। इसके बाद लगा कि मैं फ़िट हूं और मैं चार और पांच दिन का क्रिकेट खेल सकता हूं। यह मैच भी मेरे लिए अच्छा गया और मैंने विकेट भी लिए। बड़ी सीरीज़ से पहले किसी भी खिलाड़ी को आत्मविश्वास चाहिए होता है, जो मुझे इस मैच से मिला। मैदान पर वापसी करके मुझे अच्छा लग रहा है।"
पिछले साल अगस्त में एशिया कप के दौरान जाडेजा के दाएं घुटने में चोट लग गई थी और उन्हें सर्जरी से गुजरना पड़ा था। उन्होंने इस बारे में बताया, "मुझे निर्णय लेना था कि मैं सर्जरी टी20 विश्व कप के बाद कराऊं या उससे पहले। डॉक्टर ने मुझे बताया कि अगर मैं इसे विश्व कप के बाद भी कराता तो भी मैं विश्व कप में खेलने के लिए पूरी तरह से फ़िट नहीं हो पाता। इसलिए मैंने इसे विश्व कप से पहले ही कराने का निर्णय लिया।"

'सर्जरी के बाद के दो महीने बहुत कठिन थे'

सितंबर के में जाडेजा की सर्जरी हुई और उन्हें रिकवरी के दौरान भी ख़ासा संघर्ष करना पड़ा। वह इस दौरान हुए टी20 विश्व कप में भी नहीं खेल पाए। जाडेजा ने कहा, "पांच महीने तक क्रिकेट से दूर रहना निराश करने वाला था। मैं पूरी तरह फ़िट होकर भारत के लिए खेलने का इंतज़ार कर रहा था। सर्जरी के बाद के दिन बहुत कठिन थे। मुझे लंबे रिहैब और ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा। मैं हमेशा सोचता था कि मैं कब फ़िट हो पाऊंगा। जब आप टीवी पर मैच देखते हैं तो अपने आप को मैदान पर मिस करते हैं। हालांकि ये सब चीज़ें आपको प्रेरित भी करती हैं कि आप जल्दी से फ़िट होकर मैदान पर उतरें।"
चोट से उबरने के दौरान जाडेजा ने नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए), बेंगलुरू में लंबा समय बिताया। उन्होंने एनसीए की तारीफ़ करते हुए कहा, "एनसीए के फ़िज़ियो और ट्रेनर्स ने मेरे घुटने पर बहुत ज़्यादा मेहनत की और मुझे पर्याप्त समय दिया। रविवार को एनसीए बंद रहता था लेकिन वे मेरे लिए रविवार को भी आते थे। मैं दो-तीन हफ़्तों के बाद अपने घर राजकोट भी जाता था ताकि मैं दिमाग़ी रूप से तरोताज़ा भी रहूं। सर्जरी के बाद के दो महीने बहुत कठिन थे क्योंकि मैं चल भी नहीं पा रहा था। मेरे परिवार और दोस्तों ने इस कठिन घड़ी में मेरी सबसे ज़्यादा मदद की।"
उन्होंने आगे बताया, "एनसीए के ट्रेनर्स मेरा आत्मविश्वास लगातार बढ़ा रहे थे। जब भी मैं दर्द की शिकायत करता तो वे मुझसे कहते कि आप ऐसा अपने लिए नहीं बल्कि देश के लिए कर रहे हैं।"
अब जाडेजा ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ नागपुर टेस्ट से अपना अंतर्राष्ट्रीय वापसी कर सकते हैं।