69 वर्षों में 12 बार भारत का दौरा करने के बावजूद न्यूज़ीलैंड ने कभी भी भारत में सीरीज़ नहीं जीती थी। लेकिन अब नए कप्तान
टॉम लेथम के नेतृत्व में टीम ने भारत में अपनी पहली टेस्ट सीरीज़ जीत हासिल की है, जो कि ऐतिहासिक है।
2021 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे लेथम ने भारत में सीरीज़ जीतने को एक अलग चुनौती बताया। उन्होंने कहा, "मेरे लिए बोलने को शब्द नहीं है। यह हमारे लिए एक बेहद गर्व का क्षण है। बहुत सी न्यूज़ीलैंड की टीमें यहां आई हैं, लेकिन हम पहली टीम हैं जो सीरीज़ जीतने में सफल हुए हैं। यह हमारे लिए विशेष है।"
उन्होंने इस सफलता को टीम के सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया, "इस जीत का श्रेय पूरी टीम को जाता है। हमने मिलकर कड़ी मेहनत की है।"
इस जीत के पीछे की रणनीतियों के बारे में बात करते हुए लेथम ने कहा, "हम यहां आए और हमने दबाव बनाने की कोशिश की। हमारी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में आक्रामकता देखी गई।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी टीम ने पहली पारी में रन बनाकर भारतीय गेंदबाज़ी को चुनौती दी, जो उनकी जीत का एक महत्वपूर्ण पहलू रहा।
न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ों ने बेंगलुरु में पहले टेस्ट में भारत को सिर्फ 46 रन पर आउट कर दिया था। इसके बाद पुणे में न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ों ने भारत के स्टार स्पिनरों अश्विन और जाडेजा के खिलाफ आक्रामकता दिखाई, जिसमें उन्होंने कई स्वीप शॉट्स का इस्तेमाल किया। लेथम ने कहा, "हमने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए अच्छी शुरुआत की और इसे बनाए रखा। हम जानते थे कि हमें भारत को दबाव में लाना होगा।"
विशेष रूप से, मिचेल सैंटनर ने अंतिम पारी में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 29 ओवर लगातार फेंके और 6 विकेट लिए। लेथम ने उनकी गेंदबाज़ों की सराहना करते हुए कहा, "उन्होंने अद्भुत काम किया। उनकी निरंतरता और विकेटों की संख्या इस मैच में हमारे लिए महत्वपूर्ण थी। मैं बार-बार उन्हें आराम देने की कोशिश कर रहा था, लेकिन जब उन्होंने विकेट लेना जारी रखा, तो मैंने उन्हें गेंदबाज़ी करने दिया। उनका प्रदर्शन वास्तव में प्रशंसा के योग्य है।"
लेथम ने यह भी कहा, "यह जीत न्यूज़ीलैंड के क्रिकेट प्रेमियों के लिए बहुत मायने रखता है। हम उनके लिए गर्व महसूस करते हैं।"
उन्होंने टीम की मानसिकता को भी उजागर करते हुए कहा, "हम यहां आकर टक्कर देना चाहते थे और हमने दोनों मैचों में ऐसा किया।"
इस जीत के साथ न्यूज़ीलैंड ने यह साबित कर दिया है कि वे न केवल घरेलू बल्कि विदेशी परिस्थितियों में भी मजबूत टीम बन सकते हैं। लेथम ने अपनी टीम की सामूहिक मेहनत और रणनीति को इस सफलता का श्रेय दिया।
लेथम ने कहा, "यह जीत हमारी मेहनत का फल है, और हम इसे हमेशा याद रखेंगे।"