श्रेयस अय्यर ने पिछली छह पारियों में एक शतक और चार अर्धशतक बनाए हैं और यह सभी रन विपरीत भोगौलिक परिस्थितियों में आए हैं। चाहे वह अहमदाबाद की लाल मिट्टी वाली पिच हो, कैरिबियाई धरती की उछाल भरी पिचें हो या फिर रांची की भूरी पिच।
रविवार को खेली गई रांची की पारी अय्यर के लिए अधिक ख़ास होगी क्योंकि यह उनका सिर्फ़ दूसरा वनडे शतक तो था ही लेकिन यह उनके बल्ले से तब आया जब भारतीय टीम सीरीज़ में 1-0 से पीछे चल रही थी।
अय्यर ने अब तक 32 वनडे खेले हैं और इस दौरान 28 पारियों में उन्होंने 47.07 की औसत और 98 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। यह आंकड़े भारत की प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने के लिए काफ़ी हैं क्योंकि नंबर चार पर इसी की तरह की निरंतरता की तलाश में भारतीय टीम पिछले कुछ समय से है। विशेषकर 2019 के विश्व कप के बाद से ही जहां इस स्थान पर किसी अनुपस्थिति के कारण नॉक आउट मुक़ाबले में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा।
नंबर चार पर अय्यर की सफलता भारत के लिए अच्छा संकेत है क्योंकि एकदिवसीय विश्व कप अब यहां से सिर्फ़ बारह महीने दूर है। यह एक ऐसा प्रारूप है जो कि उनके लिए तैयार किया गया है और इसकी एक बड़ी वजह स्पिन के विरुद्ध उनका प्रदर्शन है जहां उन्होंने 100 के भी अधिक स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।
वह स्क्वेयर ऑफ़ द विकेट काफ़ी मज़बूत हैं, कदमों का भी बेहतर इस्तेमाल करते हैं जैसा कि उन्होंने सीरीज़ में केशव महाराज के विरुद्ध किया। इसके साथ ही वह दबाव हटाने के लिए नियमित अंतराल पर बाउंड्री भी निकाल सकते हैं।
बीसीसीआई की वेबसाइट के लिए बातचीत करते हुए अय्यर ने ईशान किशन को बताया, "मैं काफ़ी निराश था कि आप शतक से चूक गए। मैं आपसे बात करना चाहता था और अच्छी तरह से संपर्क स्थापित करना चाहता था। हालांकि आप अपने ही ज़ॉन में थे इसलिए मैं आपकी निजता में खलल नहीं डालना चाहता था। आख़िरकार हमने मुक़ाबला जीता और मुझे उम्मीद है कि आप अगले मैच में शतक लगाएंगे।
किशन के आउट होने के बाद अय्यर ने अपने पिटारे से शॉट निकालने शुरू कर दिए। कगिसो रबाडा की गति पर आक्रमण करना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन शतक बनाए के लिए जिस शॉट का उपयोग किया गया वैसे सिर्फ़ अय्यर ही कर सकते थे। पहले उन्होंने ऑफ़ स्टंप के बाहर शफल किया और इसके बाद रूम बनाकर गेंद को एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से खेल दिया। गेंद जो कि उन्हें रूम देने से रोक रही थी वह एक ऐसी गेंद में परिवर्तित हो गई जिसे अय्यर पूरे बैट स्विंग के साथ खेल सकते थे। अय्यर ने अपनी दबी हुई भावनाओं को बाहर निकाला, आसमान की ओर देखा और अपने साथियों और भीड़ के उत्साह को स्वीकार करने से पहले एक दहाड़ लगाई।
अय्यर ने कहा, "उत्सव कुछ अधिक नहीं था, यह बस सहज रूप से आया। मैंने तय नहीं किया था कि मैं एक निश्चित तरीके से जश्न मनाऊंगा, लेकिन मैं भीड़ की सराहना करना चाहता हूं। वे अच्छी संख्या में आए थे। मैं प्रतियोगिता के बारे में उत्साहित था, जैसा कि आपने बताया, विकेट के बारे में, यह कैसे खेलने जा रहा है, मैंने बस इसे अपने ज़हन में रखा और चीज़ें मेरे लिए बहुत अच्छी निकलीं।"
अय्यर के लिए अभी चीज़ें अच्छी चल रही हैं। वह भले ही ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के रिज़र्व का हिस्सा होंगे लेकिन अय्यर ने यह दिखाया है कि वह पूरी तरह से तैयार हैं। शॉर्ट बॉल पर उनकी कमज़ोरी को लेकर चर्चा अभी थोड़ा इंतज़ार कर सकती है।