गुजरात टाइटंस की टीम प्लेऑफ़ में पहुंच चुकी है, लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को इस मैच में जीत की बेहद आवश्यकता है। बेंगलुरु की समस्या है कि उनके बल्लेबाज़ कभी चलते हैं और कभी नहीं, ख़ासकर फ़ाफ़ डुप्लेसी के साथ यह समस्या ज़्यादा रही है। वहीं गुजरात को देखें तो उनके कप्तान हार्दिक पंड्या भी पिछली कुछ पारियों से शांत हैं। इस मैच से जुड़े रोचक आंकड़े। यह आंकड़े 18 मई के मैच शुरू होने से पहले के हैं।
डुप्लेसी को 30 से पहले करो आउट
फ़ाफ़ डुप्लेसी के लिए अभी तक यह सीज़न मिलाजुला रहा है। सात बार में 20 रनों से कम पर आउट हुए हैं, जिसमें पांच बार तो वह दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए हैं। उन्होंने 30 रन का आंकड़ा चार बार छुआ है, जिसमें से उन्होंने तीन अर्धशतक लगाए हैं। ऐसे में अगर उनको 30 रनों से पहले आउट कर दिया जाए तो बाक़ी बल्लेबाज़ों पर दबाव आ जाएगा। विराट कोहली वैसे भी बुरी फ़ॉर्म से गुजर रहे हैं। ऐसे में अगर टीम उनको जल्दी आउट करती है तो मैच पर उनकी पकड़ बन सकती है। हालांकि, डुप्लेसी ने अपनी टीम के लिए सर्वाधिक रन बनाए हैं। उन्होंने 13 मैचों में 33.3 के औसत से 399 रन बनाए हैं।
हेज़लवुड ज़्यादा शांत नहीं रहते
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए जॉश हेज़लवुड एक अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने नौ मैचों में 13 विकेट निकाल लिए हैं और वह फ़्रैंचाइज़ी की ओर से तीसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। पिछले मुक़ाबले उनके लिए ठीक नहीं रहे हैं, जहां पर उन्होंने बिना कोई विकेट लिए 64 रन लुटाए हैं, लेकिन वह वापसी करना जानते हैं। हेज़लवुड ने नौ में छह पारियों में अच्छा काम किया है, जहां उन्होंने कम से एक एक विकेट तो लिया है। उन्होंने तीन पारियों में 10 रन प्रति ओवर दिए हैं और सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ विकेट नहीं ले पाए जहां बेंगलुरु 68 रनों पर आउट हो गई थी, वहीं पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ भी वह विकेट नहीं ले पाए थे।
हार्दिक की फ़ॉर्म हुई ग़ायब
पहली छह पारियों में 73.8 के औसत से करीब 300 रन बनाने वाले हार्दिक पंड्या पिछली छह पारियों में कुछ ख़ास नहीं कर सके हैं। उन्होंने पहली छह पारियों में तीन अर्धशतक लगाया, लेकिन पिछली छह पारियों में 30 से ज़्यादा का स्कोर नहीं कर पाए हैं और इस दौरान उन्होंने एक भी छक्का नहीं लगाया है। हालांकि, एक अहम तथ्य यह है कि हार्दिक की सफलता इस सीज़न पहले बल्लेबाज़ी करते हुए आई है, जहां पर उन्होंने सभी में 50 से अधिक का स्कोर किया है। वहीं लक्ष्य का पीछा करते हुए उनका औसत 17.3 का हो जाता है, जहां पर वह एक अर्धशतक भी नहीं लगा सके।
पिछले चार सीज़न से मोहम्मद शमी कामयाब गेंदबाज़ रहे हैं, जहां पर उन्होंने सभी में 18 से ज़्यादा विकेट लिए। आईपीएल 2019 से तीन ही गेंदबाज़ों ने उनसे ज़्यादा विकेट लिए हैं। शमी को वानखेड़े स्टेडियम ज़्यादा रास भी आता है। उन्होंने इस सीज़न यहां तीन मैचों में आठ विकेट लिए हैं। इस मैदान पर उमेश यादव के शमी से एक विकेट ज़्यादा है, लेकिन इसके लिए उमेश ने यहां पर एक मैच अधिक भी खेला है।