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83 चैंपियन उतरे पहलवानों के समर्थन में, बीसीसीआई अध्‍यक्ष बिन्‍नी ने बनाई दूरी

बीसीसीआई अध्‍यक्ष ने कहा कि खेलों और राजनीति को नहीं जोड़ा जाना चाहिए

रॉजर ब‍िन्‍नी ने पहलवानों के समर्थन पर दूरी बनाई  •  Associated Press

रॉजर ब‍िन्‍नी ने पहलवानों के समर्थन पर दूरी बनाई  •  Associated Press

बीसीसीआई अध्‍यक्ष रॉजर बिन्‍नी ने शुक्रवार को कहा कि उन्‍होंने पहलवानों के डब्‍ल्‍यूएफ़आई अध्‍यक्ष के ख़‍िलाफ़ प्रदर्शन में 1983 चैंपियन टीम के सदस्‍य होने के नाते किसी बयान पर हस्‍ताक्षर नहीं किए हैं। इससे कुछ घंटे पहले ही 1983 विश्‍व कप विजेता टीम के सदस्‍यों ने पहलवानों के समर्थन में अपनी आवाज़ उठाई थी।
अक्‍तूबर 2022 में बीसीसीआई अध्‍यक्ष बने बिन्‍नी इंग्‍लैंड में 1983 विश्‍व कप जीतने वाली टीम के सदस्‍य थे।
बिन्‍नी ने पीटीआई से कहा, "कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ग़लत जानकारी दी गई है, मैं साफ़ करना चाहता हूं कि पहलवानों के प्रदर्शन में मैंने कोई बयान या समर्थन नहीं दिया है।"
उन्‍होंने आगे कहा, "मुझे विश्वास है कि सक्षम अधिकारी इस मुद्दे को हल करने के लिए काम कर रहे हैं। एक पूर्व क्रिकेटर के तौर पर मुझे लगता है कि खेलों को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।"
इससे पहले दिन में 1983 विश्‍व कप विजेता टीम के सदस्‍य पहलवानों के समर्थन में आए थे और उनसे अपील की थी जब तब उनकी बात सुनी और समस्‍या का समाधान नहीं होता उनको कोई ग़लत निर्णय नहीं लेना चाहिए।
बयान में कहा गया था कि टीम के सदस्‍य पहलवानों के साथ हुए बर्ताव से बेहद दुख़ी हैं, लेकिन साथ ही उम्‍मीद जताई कि कानून अपना काम करेगा।
विनेश फ़ोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया भारतीय कुश्‍ती संघ के पूर्व अध्‍यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के शारीरिक शोषण के आरोप लगने के बाद उनकी गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं। 30 मई को पहलवान हरिद्वार पहुंचे थे और उनकी बात नहीं सुनी जाने पर अपने पदकों को गंगा नदी में बहाने की बात की थी।
28 मई को संसद की ओर कूच करने पर दिल्‍ली पुलिस ने कानून तोड़ने पर पहलवानों को डिटेन किया था।
पुलिस ने यह भी साफ़ किया कि पहलवान अब दोबारा जंतर मंतर पर धरना नहीं दे पाएंगे।
पुलिस के पहलवानों के ख़‍िलाफ़ उठाए गए कदम की काफ़ी आलोचना की गई थी।
1983 चैंपियन सदस्‍यों ने बयान में कहा, "हम पहलवानों के साथ किए गए बर्ताव के वीडियो देखकर काफ़ी दुख़ी हैं। उन्हें सबसे अधिक चिंता इस बात की भी है कि वे अपनी गाढ़ी कमाई के पदक गंगा नदी में फ़ेंकने की सोच रहे हैं।"
"उन पदकों में वर्षों का प्रयास, बलिदान, दृढ़ संकल्प और धैर्य शामिल है और वे न केवल उनके अपने हैं बल्कि देश के गौरव और आनंद हैं। हम अपील करते हैं कि इस तरह के फ़ैसले पहलवान नहीं लें और उम्‍मीद जताई कि उनकी समस्‍या का समाधान ज़ल्‍द ही होगा। कानून को अपना काम करने देना चाहिए।"
कपिल देव की कप्‍तानी में भारतीय टीम ने वेस्‍टइंडीज़ को हराकर अपना पहला वनडे विश्‍व कप ख़‍िताब जीता था।
कपिल ने कहा, "मैं कुछ भी निजी तौर पर नहीं कह रहा हूं, पूरी 1983 टीम ने इसको लेकर एक बयान जारी किया है।"
ज्ञात हो कि कीर्ति आज़ाद 83 की विजेता टीम के सदस्‍य थे और अभी तृणमूल कांग्रेस के सदस्‍य हैं और उन्‍होंने बयान जारी करने से पहले कपिल देव और मदन लाल से अनुमति मांगी थी।
इस टीम के अन्‍य सदस्‍य सुनील गावस्‍कर, मोहिंदर अमरनाथ, के श्रीकांत, सैयद किरमानी, यशपाल शर्मा, मदन लाल, ब‍लविंदर संधू और संदीप पाटिल हैं।
इससे पहले पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले, रॉबिन उथप्‍पा और इरफ़ान पठान भी पहलवानों के समर्थन में उतरे थे।
मौजूदा क्रिकेटरों में से किसी ने भी अभी तक इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है।
ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा और भारत को पहला व्‍यक्तिगत स्‍वर्ण दिलाने वाले अभिनव बिंद्रा भी पहलवानों के समर्थन में अपनी आवाज़ उठा चुके हैं।