विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल का पहला अर्धशतक बनने में दो दिन (तकनीकी रूप से तीन दिन) लग गए। कई बड़े नामों के बीच यह अर्धशतक सबसे कम अंतर्राष्ट्रीय अनुभव वाले खिलाड़ी के बल्ले से आया, जिसने तीन सप्ताह पहले ही अपना टेस्ट डेब्यू किया था।
कुछ लोग अपने जिंदगी का अधिकांश हिस्सा जीवन के सच्चे उद्देश्य और लक्ष्य की खोज करने में बिताते हैं। यह डेवन कॉन्वे के लिए भी बिल्कुल ठीक बैठता है। एक बल्लेबाज़ के रूप में उन्होंने अपने जीवन का एक दशक पहले दक्षिण अफ़्रीका और फिर न्यूज़ीलैंड में क्लब क्रिकेट खेलने में बिताया, फिर जाकर उन्हें अपने जीवन का सच्चा उद्देश्य और लक्ष्य (टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग) मिला।
भले ही वह तीसरे दिन के आखिरी क्षणों में आउट हो गए हैं, लेकिन इससे उनके खेल की चमक फीकी नहीं होती है। लॉर्ड्स में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ डेब्यू टेस्ट में 200 और एजबेस्टन के दूसरे टेस्ट में 80 रन बनाने के बाद कॉन्वे ने अपने तीसरे टेस्ट में भी 50+ का स्कोर किया और अपनी टीम को मैच में एक बेहतरीन स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया।
उन्होंने टॉम लेथम के साथ 70 रन की साझेदारी की। यह इंग्लैंड दौरे पर कॉन्वे का लेथम के साथ तीन पारियों में दूसरी अर्धशतकीय साझेदारी थी। इससे पता चलता है कि उन्होंने इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में ख़ुद को कैसे बख़ूबी ढाला है।
इस टेस्ट मैच का मौजूदा रन रेट 2.25 रन प्रति ओवर है, जो कि इंग्लैंड में इस सदी का सबसे कम रन रेट है। यह दिखाता है कि परिस्थितियों के साथ-साथ दोनों तरफ का गेंदबाज़ी आक्रमण कितना मज़बूत है। लेकिन दोनों बल्लेबाज़ों ने चतुर और शांत ढंग से बल्लेबाज़ी कर अपने टीम के आगे का रास्ता आसान कर दिया।
न्यूज़ीलैंड की तरफ से शानदार गेंदबाज़ी करने वाले काइल जेमीसन ने दिन के अंत में कहा, "दोनों ने बेहतरीन बल्लेबाज़ी की। गेंद स्विंग हो रही थी और परिस्थितियां गेंदबाजों के पक्ष में थीं। मेरी राय में वे दो विश्व स्तरीय सलामी बल्लेबाज हैं और जिस तरह से उन्होंने यह साझेदारी की और हमें जहां तक पहुंचाया, वह बहुत खास था।"
हालांकि दोनों बल्लेबाज़ अपनी ग़लती से आउट हुए। कॉन्वे लेग साइड में एक ओवरपिच गेंद को फ़्लिक करने के चक्कर में आउट हुए। लेकिन यहां परिस्थितियां कुछ ऐसी हैं कि आपसे कभी-कभी ग़लतियां होंगी, जैसा कि पहली पारी में भारत के सबसे सफल बल्लेबाज़ रहे अजिंक्य रहाणे के साथ भी हुआ। वह नील वैग्नर की गेंद पर पुल करते वक़्त उस फ़ील्डर के हाथों कैच हुए, जिसे सिर्फ एक गेंद पहले खास रणनीति के तहत वहां तैनात किया गया था।
हालांकि, न्यूज़ीलैंड के लिए दिन के सबसे सफल खिलाड़ी कॉन्वे नहीं काइल जेमीसन थे। उन्होंने 22 ओवर में 31 रन देकर 5 विकेट लिए, जिसमें भारतीय कप्तान विराट कोहली (44 रन) का शानदार विकेट भी शामिल था। जेमीसन के नाम अब 8 टेस्ट में 44 विकेट हैं, जिसमें उन्होंने 5 बार पारी में पांच विकेट लिया है। वह दूसरी पारी में 6 विकेट लेकर वह वर्नेन फ़िलेंडर के बाद सबसे तेज़ 50 विकेट लेने वाले आधुनिक तेज़ गेंदबाज़ बन सकते हैं। फ़िलेंडर ने यह कारनामा सात टेस्ट मैच में किया था। जेमीसन को अपनी लंबाई से अतिरिक्त उछाल मिलने में मदद मिल रही है।
इस न्यूज़ीलैंड की टीम में केन विलियमसन, रॉस टेलर और टिम साउदी जैसे महान खिलाड़ी हैं, फिर भी कॉन्वे और जेमीसन को इस ड्रेसिंग रूम में कम समय में एक अलग दर्जा प्राप्त हो गया है।
जेमीसन ने कहा, "ड्रेसिंग रूम का माहौल निश्चित रूप से इस टीम की ताक़त में से एक है। आपके आस-पास कुछ ऐसे विश्व स्तरीय लोग हैं, जो आपको अपनी भूमिका को स्वतंत्र रूप से निभाने का मौका देते हैं। इस टीम का हिस्सा बनना और इन महान खिलाड़ियों से रोज़ कुछ ना कुछ सीखना अपने आप में सुखद है।"
जेमीसन ने आगे कहा, "गेंद निश्चित रूप से स्विंग कर रही थी और कई बार बहुत ज़्यादा ही लहरा रही थी। इसलिए मैंने गेंद को स्विंग करने की बजाय उसे मूव कराने की कोशिश की और बल्लेबाज़ों को गेंद को छोड़ने की बजाय उन्हें खेलने के लिए प्रेरित किया।"
मैच के चौथे दिन बहुत ही अधिक बारिश का पूर्वानुमान है लेकिन जेमीसन इससे निराश नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैच पर अभी हमारी पकड़ काफ़ी मज़बूत है। अगर आप मैच शुरू होने से पहले मुझसे कहते कि हम उन्हें 200 के स्कोर पर आउट कर देंगे और फिर हमारा स्कोर 2 विकेट पर 100 होगा, तो मैं बहुत खुश होता। हम अभी उसी सुखद स्थिति में हैं।"
ऐंड्रयू मिलर (@miller_cricket) ESPNcricinfo UK के एडिटर हैं। हिंदी अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर दया सागर ने किया है।