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कमिंस के लिए ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी का सफ़र आसान नहीं होने वाला है

कमिंस के लिए ज़्यादा मुश्किल यह जानना होगा कि कब गेंदबाज़ी नहीं करनी है

Pat Cummins sets his field, Pakistan vs Australia, Men's T20 World Cup 2021, 2nd semi-final, Dubai, November 11, 2021

कमिंस ऑस्ट्रेलियाई टीम के टेस्ट कप्तान बन सकते हैं  •  AFP/Getty Images

पिछले सप्ताह के मध्य में पैट कमिंस से इस बात पर विचार व्यक्त करने को कहा गया था कि ऐशेज़ के दौरान ऑस्ट्रेलिया को अपने तेज़ गेंदबाजों को रोटेट करना चाहिए या नहींं।
जवाब में उन्होंने कहा कि सभी तेज़ गेंदबाज़ों के पांच टेस्ट खेलने की संभावना नहीं है। "मैं निश्चित रूप से आराम करने या टीम से बाहर रहने के बारे में तब तक नहीं सोचूंगा जब तक मेरा फ़ॉर्म और फ़िटनेस सही चलता रहता है।"
आने वाले दिनों में अत्याधिक संभावना है कि टिम पेन के इस्तीफ़ा देने के बाद कमिंस को ऑस्ट्रेलिया के अगले टेस्ट कप्तान के रूप में नामित किया जाएगा है। इसके बाद गेंदबाज़ी में रोटेशन के बारे में चर्चा कम हो जाएगी।
कमिंस की कहानी का एक उल्लेखनीय हिस्सा यह है कि वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे टिकाऊ तेज़ गेंदबाज़ बन गए हैं। 2017 में टेस्ट क्रिकेट में उनकी वापसी के बाद से केवल स्टुअर्ट ब्रॉड, जेम्स एंडरसन, नेथन लायन और आर अश्विन ने उनसे अधिक ओवर फेंके हैं। उनके शानदार पदार्पण के बाद उन्हें छह साल के लिए टेस्ट क्रिकेट में हिस्सा लेने का मौक़ा नहीं मिला था। हालांकि एक बात तय है कि अब उस टिकाऊपन की परीक्षा और समीक्षा दोनों होगी।
हाल ही में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि कमिंस बैक टू बैक पांच टेस्टों के दबाव का सामना कर सकते हैं जो दिसंबर की शुरुआत से जनवरी के मध्य तक होने वाले हैं। वह 2019 ऐशेज़ में सभी पांच टेस्ट खेलने वाले ऑस्ट्रेलिया के एकमात्र तेज़ गेंदबाज़ थे। हालांकि इंग्लैंड में परिस्थितियां उतनी ज़्यादा मुश्किल नहीं हैं।
अगर उनकी पदोन्नति तय है, तो यह ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट और कमिंस, दोनों के लिए एक अज्ञात दुनिया में एक यात्रा की तरह होगा। किसी भी प्रारूप में ऑस्ट्रेलिया के पुरुष पक्ष की कप्तानी करने वाले पिछले तेज़ गेंदबाज़ रे लिंडवॉल थे जिन्होंने 1956 में एक टेस्ट के लिए ऐसा किया था।
हालांकि एक विकेटकीपर के लिए भी कप्तान की भूमिका उतनी आसान नहीं हैं। पेन के जाने के बाद या उससे पहले के घटनाक्रम के आधार पर एक प्रश्न लगातार उठने लगा है कि क्या ऑस्ट्रेलियाई टीम में नेतृत्व करने वाले खिलाड़ियों की संख्या कम हो रही है।
अतीत में विशेषज्ञ तेज़ गेंदबाज़ों ने (यदि ऑलराउंडरों को शामिल किया जाता है तो सूची और भी ज़्यादा लंबी हो जाएगी) लंबे समय तक इस पद को संभाला है - उनमें कोर्टनी वॉल्श, वसीम अकरम और बॉब विलिस जैसे नाम शामिल हैं। इस खेल में तेज़ गेंदबाज़ी करना सबसे कठिन काम है, और एक गेंदबाज़-कप्तान के रूप में खिलाड़ियों के पास अतिरिक्त चुनौती होती है, जब उनके हाथ में गेंद होती है, तो उनके पास खेल को व्यापक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता होती है।
"मेरा सबसे बड़ा डर है उनके काम का बोझ, जो उन्हें एक पूर्ण, पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने से रोक सकता है। इसलिए, यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके डिप्टी के रूप में किसे नियुक्त किया जाता है।"
ग्रेग चैपल
एक बल्लेबाज़ को हमेशा कप्तानी के लिए पारंपरिक संरक्षक माना जाता है या कहें कि एक बल्लेबाज़ इस रोल के लिए उपयुक्त माना जाता है।
कमिंस के लिए ज़्यादा मुश्किल यह जानना होगा कि कब गेंदबाज़ी नहीं करनी है। वह भारत के ख़िलाफ़ पिछले सीज़न में पेन के पसंदीदा व्यक्ति थे, ख़ासकर जब तक श्रृंखला अंतिम टेस्ट तक नहीं पहुंची थी। हालांकि अब उन्हें यह महसूस करने का प्रयास करना होगा कि किस परिस्थिति में किस गेंदबाज़ के साथ उन्हें जाना चाहिए। जब 2006 में ऐंड्रयू फ्लिंटॉफ़ को इंग्लैंड का कप्तान बनाया गया था, तो उन्होंने लॉर्ड्स में श्रीलंका के ख़िलाफ़ एक टेस्ट के दौरान 68 ओवरों तक गेंदबाज़ी की थी।
नाइन अख़बार में लिखते हुए, ग्रेग चैपल ने कहा कि कमिंस के पास कुछ प्राकृतिक फ़ायदे हैं जो अन्य तेज गेंदबाज़ों के पास नहीं हो सकते हैं।
"कप्तान परंपरागत रूप से मैच को नियंत्रित करने के लिए विकेट के क़रीब क्षेत्ररक्षण करता है। कमिंस इतने शानदार हरफ़नमौला क्षेत्ररक्षक हैं कि वह अपने गेंदबाज़ों के क़रीब हो सकते हैं। मेरा सबसे बड़ा डर है उनके काम का बोझ, जो उन्हें एक पूर्ण, पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने से रोक सकता है। इसलिए, यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके डिप्टी के रूप में किसे नियुक्त किया जाता है। कमिंस को ख़ुद को विवेकपूर्ण तरीक़े से इस्तेमाल करना सीखना होगा। यह ज़रूरी है कि टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी उन्हें क्या सलाह देते हैं।"
इसका मतलब यह नहीं है कि कमिंस इसे सफल नहीं कर पाएंगे, वह एक बहुत ही प्रभावशाली क्रिकेटर हैं, जो एक शानदार दिमाग के साथ मैदान पर अपने खेल को आगे बढ़ाते हैं। उनका पेशेवर कप्तानी का अनुभव पिछले सीज़न में न्यू साउथ वेल्स के लिए चार वनडे मैचों का है। यह भूमिका उन्हें भविष्य में राष्ट्रीय टीम के नेतृत्व को ध्यान में रखते हुए दी गई थी।
जैसा कि चैपल ने बताया, उप-कप्तान की पहचान यक़ीनन उतनी ही पेचीदा है। भले ही स्टीवन स्मिथ इस पद के लिए एक मज़बूत उम्मीदवार हैं। ऐसे में अगर कमिंस घायल हो जाते हैं तो स्मिथ ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तानी के भी उम्मीदवार बन सकते हैं। यह देखा जाना बाक़ी है कि वर्तमान माहौल में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ऐसा कुछ चाहता है या नहीं।
डेविड वॉर्नर इस पद के लिए विकल्प नहीं है क्योंकि उन्हें जीवन भर के लिए ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में किसी भी नेतृत्व के पद से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

ऐंड्रयू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo के डिप्टी एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के सब एडिटर राजन राज ने किया है।