जितेश शर्मा: मजबूरी में क्रिकेट खेलना शुरू किया, फिर सचिन सर और माही भाई की वजह से मज़ा आने लगा
पंजाब किंग्स के विकेटकीपर बल्लेबाज़ जितेश शर्मा पहली बार श्रीलंका के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ में भारतीय दल का हिस्सा बने थे
"क्रिकेट मैं कभी खेलना ही नहीं चाहता था। अगर साफ़ तौर पर कहूं तो क्रिकेट में मेरा कभी इंटरेस्ट नहीं था। मैं प्लास्टिक गेंद से क्रिकेट खेलता था। मैंने स्कूल में चार प्रतिशत अतिरिक्त नंबर के लिए क्रिकेट खेलना शुरू किया, क्योंकि हमारे महाराष्ट्र में अगर आप दसवीं कक्षा में स्टेट लेवल का कोई स्पोर्ट्स खेलते हैं तो आपको चार प्रतिशत अतिरिक्त नंबर मिलते हैं। मैं तब स्कूल के लिए फ़ुटबॉल खेलता था। मेरे दोस्तों ने कहा कि हमारी स्कूल की टीम क्रिकेट में अच्छा करती है। अगर हम राज्य की टीम में सेलेक्ट हो गए तो हमें चार प्रतिशत अतिरिक्त नंबर मिलेगा। मैंने उसी लालच में स्कूल की टीम के लिए ट्रायल दे दिया। उस समय टीम में एक विकेटकीपर की कमी थी और मैंने बोल दिया कि मैं कीपर ही हूं और उसके बाद मैंने कीपिंग शुरू कर दी। इसके बाद बारहवीं में फिर से अतिरिक्त नंबर की लालच में क्रिकेट खेला। इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि एनडीए की परीक्षा पास करने के लिए मुझे अतिरिक्त नंबर की ज़रूरत थी।"जितेश शर्मा, विकेटकीपर बल्लेबाज़, पंजाब किंग्स
"सच बोलूं तो मैंने ये उम्मीद नहीं की थी कि भारतीय टीम में मेरा नाम आएगा, क्योंकि पहले ही टीम की घोषणा हो चुकी थी। मुझे पता था कि अगर मैं भारतीय टीम में शामिल होना चाहता हूं तो इस साल भी मुझे आईपीएल में अच्छा करना होगा। मेरे दिमाग़ में वही था और मैं रणजी ट्रॉफ़ी की टीम में नहीं था तो मैं अपना पूरा समय तैयारी में लगा रहा था। इसके बाद दुर्भाग्यपूर्ण तरीक़े से संजू चोटिल हो जाते हैं तो फिर मुझे बुलावा आया। मैं तो एकदम अचंभित था, मुझे ज़्यादा कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मैं काफ़ी इमोशनल भी था। मुझे तो समझ में नहीं आ रहा था कि मैं किसे कॉल करके इस बारे में बताऊं। पापा को बताऊं या फिर छोटे भाई को बताऊं,या फिर दोस्तों को फ़ोन करूं। इसके बाद कुछ देर के लिए मैं शांत हुआ और फिर मैंने पापा को फोन किया। अपने छोटे भाई को बताया। सभी बहुत खु़श थे।"जितेश शर्मा, विकेटकीपर बल्लेबाज़, पंजाब किंग्स
"अंबाती रायुडू, जो विदर्भ के लिए भी खेल चुके हैं, उन्होंने माही भाई से मेरी बात कराई। मैंने उनसे पूछा था कि मै अभी इस लेवल पर आया हूं तो आगे मैं ख़ुद को कैसै और ज़्यादा बड़ा कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि क्रिकेट सब जगह एक समान होता है। जैसे सैयद मुश्ताक़ अली में जो इंटेंसिटी होती है, वह कम होती है। आईपीएल की इंटेंसिटी थोड़ी ज़्यादा होती है और भारतीय टीम की थोड़ी और ज़्यादा होती है। बस आपको उसी के लिए तैयारी करनी है। आपको ख़ुद को बिल्कुल बदलने की ज़रूरत नहीं है। बस आप इंटेंसिटी बदलते रहिए।"जितेश शर्मा, विकेटकीपर बल्लेबाज़, पंजाब किंग्स
सैयद हुसैन ESPNCricinfo हिंदी में मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट हैं।@imsyedhussain