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द्रविड़ : इस सीरीज़ में पता चला हमारे पास बल्लेबाज़ी की गहराई नहीं है

भारतीय मुख्य कोच ने माना वेस्टइंडीज़ के लिए अल्ज़ारी जोसेफ़ आख़िर में आते हुए उपयोगी रन बना गए

भारत ने बतौर टी20 टीम अपने एकादश में कई गेंदबाज़ी के विकल्पों को शामिल करने की रणनीति को अपनाई है। ऐसे में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ सीरीज़ के हर मैच में बल्लेबाज़ी क्रम में नंबर 8 से 11 पर भारत के लिए पुछल्ले बल्लेबाज़ ही नज़र आए। रविवार को सीरीज़ 3-2 से हारने के बाद मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने इस कमज़ोरी को स्वीकार किया।

प्रेस वार्ता में द्रविड़ बोले "यहां हमारा दल ऐसा था कि हमारे पास टीम संयोजन में बदलाव करने के बहुत ज़्यादा उपाय नहीं थे। आगे चलते हुए हमें इन चीज़ों पर ध्यान देना होगा। बल्लेबाज़ी में गहराई एक मुद्दा है जिसका हल हम कुछ समय से ढूंढ रहे हैं।
"जैसे यह सीरीज़ आगे बढ़ता रहा, स्कोर भी बड़े होते रहे। अगर आप वेस्टइंडीज़ को देखें तो अल्ज़ारी जोसेफ़ आख़िर में आकर बड़े शॉट लगा सकते हैं। आजकल हर टीम में यही गहराई होती है। इस बात पर हमें मेहनत करनी है। इस सीरीज़ में पता चला हमारे पास बल्लेबाज़ी की गहराई नहीं है।"

इस सीरीज़ में कई सीनियर खिलाड़ी कार्यभार प्रबंधन या इंजरी के चलते बाहर थे। हालांकि रोहित शर्मा, विराट कोहली या जसप्रीत बुमराह जैसे दिग्गज भी विशेषज्ञ ही हैं। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के 'टी20 टाइम आउट' कार्यक्रम पर एक्सपर्ट और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर वसीम जाफ़र का भी मानना है कि भारत को ऑलराउंडरों की ख़ास ज़रूरत है।

जाफ़र ने कहा, "[टी20 विश्व कप] टीम के अधिकांश खिलाड़ी इसी 15 का हिस्सा हैं। यशस्वी जायसवाल, तिलक वर्मा, मुकेश कुमार, कुलदीप यादव और अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी ही टीम का भविष्य हैं। लेकिन आप को कमज़ोरी पर काम करना है। जब टीम में बल्लेबाज़ी 7 पर ख़त्म होती है तो शीर्ष क्रम के खिलाड़ी भी खुले मन से बल्लेबाज़ी नहीं कर सकते हैं। विश्व कप 10 महीने में है और भारत इस टेम्प्लेट से नहीं आगे बढ़ सकता। नंबर 8 या 9 तक कोई ऐसा खिलाड़ी चाहिए जो बल्लेबाज़ी कर सके और बड़े शॉट लगा सके।आप को ऐसे खिलाड़ी रखने हैं जो गेंद और बल्ले दोनों से योगदान दे सकें। शिवम दुबे, वेंकटेश अय्यर और वॉशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों को तैयार करना होगा।"

द्रविड़ जायसवाल, मुकेश और तिलक से हुए प्रभावित



द्रविड़ ने कहा, "मुझे लगा सीरीज़ में डेब्यू करने वाले तीनों खिलाड़ियों ने अच्छा काम किया। चौथे मैच में यशस्वी जायसवाल ने दिखाया कि वह घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी दोहरा सकते हैं। तिलक मिडिल ऑर्डर में स्तंभ बन कर खड़े हुए। उन्हें कुछ चुनौतीपूर्ण स्थितियों में बल्लेबाज़ी करने उतरना पड़ा और उन्होंने सकारात्मक बल्लेबाज़ी से गेम को आगे बढ़ाया। मिडिल ऑर्डर में एक बाएं हाथ के बल्लेबाज़ के होने से विपक्षी टीम की योजना को बिगाड़ने में भी मदद मिलती है।

"मुकेश ने तीनों फ़ॉर्मैट में पदार्पण किया और मुझे लगा उनका प्रदर्शन निरंतर था। उन्होंने कुछ शक्तिशाली हिटर्स के विरुद्ध कुछ कठिन ओवर डालने को मिला और उन्होंने अपनी डेथ ओवर गेंदबाज़ी में कौशल का परिचय दिया। इस सीरीज़ में डेब्यू करने वाले इन खिलाड़ियों ने पॉज़िटिव संकेत दिए हैं और उम्मीद है वह यहां से आगे चलते और सीखेंगे। वह यहां से आयरलैंड जाएंगे टी20 सीरीज़ के लिए और उम्मीद है उन्हें और भी मौक़े मिलेंगे ताकि वह अपने स्किल में सुधार लाते रहें।"