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एक नए सवेरे की ओर उत्तर प्रदेश की युवा टीम

युवा कप्तान और उसके युवा खिलाड़ियों ने टीम को रणजी ट्रॉफ़ी के सेमीफ़ाइनल तक पहुंचाया

The Uttar Pradesh team after their quarter-final win, Uttar Pradesh vs Karnataka, Ranji Trophy, Bengaluru, June 8, 2022

उत्तर प्रदेश के लिए बढ़िया रहा यह रणजी सीज़न  •  ESPNcricinfo Ltd

रणजी ट्रॉफ़ी के इस सत्र में उत्तर प्रदेश के लिए सेमीफ़ाइनल मैच उम्मीदों के मुताबिक नहीं गया। एक तरफ़ा मैच में मुंबई ने पहली पारी में 393 रन बनाए और जवाब में यूपी 180 रन पर ढेर हो गई। इसके बाद मुंबई ने दूसरी पारी में 533 रन चार विकेट पर बनाकर पारी घोषित कर दी। पहली पारी में बढ़त के आधार पर मुंबई ने फ़ाइनल में प्रवेश कर लिया, लेकिन इस सत्र में उत्तर प्रदेश के लिए कई सकारात्मक पहलू रहे।
सीनियर खिलाड़ियों के संन्यास लेने और मौजूदा सीनियर खिलाड़ियों के भारतीय टीम में होने की वजह से एक युवा टीम इस टूर्नामेंट में उतरी। टीम के युवा खिलाड़ियों ने ख़ुद को साबित किया और जुझारूपन दिखाते हुए सेमीफ़ाइनल तक पहुंचे। करण शर्मा के रूप में उत्तर प्रदेश को एक युवा कप्तान मिला, जिन्होंने दिखाया कि मुश्किल समय में ही वह उभरकर आते हैं।
उत्तर प्रदेश एक समय अपने स्वर्णिम दौर से गुज़र रहा था। 2005-06 सीज़न में मोहम्मद कैफ़ ने प्रदेश को पहली बार ख़िताब जिताया था। इसके बाद 2007-08 और 2008-09 में फ़ाइनलिस्ट रहे। 2016 से ऐसा हुआ कि उत्तर प्रदेश के अहम खिलाड़ी कैफ़, आरपी सिंह, पीयूष चावला, परविंदर सिंह जैसे खिलाड़ियों ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट को छोड़ना शुरू कर दिया। तभी से उत्तर प्रदेश की टीम बदलाव के दौर से गुज़र रही है।
जूनियर क्रिकेट से प्रियम गर्ग, रिंकू सिंह, कार्तिक त्यागी, शिवम मावी, यश दयाल, ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी निकलकर आए और सीनियर टीम में ख़ुद को ​स्थापित कर रहे हैं। इस बीच 2021 में करण शर्मा की कप्तानी में उत्तर प्रदेश की टीम विजय हजारे ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पहुंची। इस रणजी सत्र में भी यह टीम एकदम युवा थी। कुलदीप यादव को कप्तान बनाया गया लेकिन वह भारतीय टीम से जुड़ने के बाद रणजी नहीं खेल सके।
विदर्भ के ख़िलाफ़ यूपी ने ड्रॉ खेला। असम के ख़िलाफ़ उन्होंने छह विकेट से जीत दर्ज की। इस मैच में करण ने अहम तीन विकेट लिए। महाराष्ट्र के ख़िलाफ़ अहम मुक़ाबले में यूपी ने छह विकेट से जीत दर्ज की। इस मैच में करण ने तीन विकेट लिए और दूसरी पारी में एक शानदार 116 रन की पारी खेलकर टीम को क्वार्टर फ़ाइनल में पहुंचा दिया। कर्नाटका को सेमीफ़ाइनल में यूपी ने पांच विकेट से हराया। यहां पर करण ने दूसरी पारी में नाबाद 93 रनों की पारी खेली।
करण ने दिल्ली से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। हालांकि बाद में उन्होंने यूपी के लिए 2017 से अंडर-19 क्रिकेट खेलना शुरू किया। दो साल खेलने के बाद वह ओवर ऐज़ हो गए और उन्हें वापसी के लिए इंतज़ार करना पड़ा। कुछ ही साल में उन्होंने वापसी की और अंडर-23 क्रिकेट खेला, जहां उन्होंने 1400 के क़रीब रन बनाए। इसके बाद उन्हें अगले सीज़न में यूपी का कप्तान बनाया गया। 2021 में भुवनेश्वर कुमार के टीम इंडिया से जुड़ने के बाद उन्हें विजय हजारे ट्रॉफ़ी में कप्तानी मिली और वह टीम को फ़ाइनल तक लेकर गए थे।
करण कहते हैं, "सफ़ेद गेंद क्रिकेट में मैंने अच्छी कप्तानी और खेल खेला था, जिसकी वजह से रणजी में डेब्यू करते हुए ही उन्हें टीम की कमान सौंप दी गई। यूपी क्रिकेट ने मेरी काफ़ी मदद की है और उन्हें लगा है कि मैं युवा होते हुए भी टीम की कप्तानी कर सकता हूं। कर्नाटका के ख़िलाफ़ अहम मैच में बल्लेबाज़ी करते हुए बस एक ही चीज़ चल रही थी कि हमारे पास कौशल बहुत है, बस दिखाना है कि हम कर सकते हैं। प्रिंस यादव डेब्यू कर रहा था, मैंने कहा था कि मत देखो कौन टीम है, कहां मैच हो रहा है, बस गेंद को देखो। मेरी बॉडिंग टीम के हर खिलाड़ियों के साथ है। इस टाइम पर हमारी टीम का जो माहौल है वह सबसे अलग है।"
उत्तर प्रदेश की टीम में अब कैफ़ के समय के केवल एक सीनियर खिलाड़ी अंकित राजपूत हैं, लेकिन टीम में सीनियर नहीं होने के बावजूद उन्हें इसका कोई भी फर्क नहीं पड़ता।
करण ने कहा, " सीनियर टीम में होने चाहिए ऐसा नहीं लगता है। हम सभी में कौशल है, हमने बहुत मेहनत की है। छह से सात महीने हम साथ रहे हैं। हमें ख़ुद पर भरोसा है। अगर हम क़दम नहीं बढ़ाएंगे तो और कौन बढ़ाएगा। इसी वजह से नहीं लगता कि कोई सीनियर टीम में हो।"
करण शर्मा आईपीएल में लखनउ सुपर जाएंट्स का भी हिस्सा रह चुके हैं। वहां पर उन्होंने एक मैच खेला था और टीम के साथ ​यूपी के कोच विजय दहिया भी थे।
आईपीएल से लिए अनुभव पर करण ने कहा, " केएल राहुल, मार्कस स्टॉयनिस से बात हुई है, वे गाइड करते थे, गौतम गंभीर भी गाइड करते थे। वहां रहकर मैंने बस एक ही बात सीखी कि चाहे आप रन बनाओ या नहीं, अगर आपने 100 बनाया है या 0 बनाया तो आपको अगले मैच में 0 से ही शुरुआत करनी होगी। अगले मैच पर फ़ोकस करना होगा। अगर हम प्रदर्शन नहीं करते हैं तो सोचने लग जाते हैं।
टीम के माहौल की भी उत्तर प्रदेश के कप्तान ने बेहद तारीफ़ की। उन्हें लगता है कि यह युवा टीम आने वाले समय में निरंतर बहुत अच्छा करेगी। वह कैसे कप्तान के तौर पर टीम को लेकर चलते हैं, इसके बारे में भी उन्होंने बताया।
करण ने कहा, "मेरे को निजी तौर पर लगता है कि टीम में जितना पॉज़िटिव माहौल रहेगा तो अच्छा होगा। एक दूसरे पर भरोसा करना ज़रूरी है। अगर आप दूसरे के बारे में सोचते हो तो मैं ख़त्म हो जाती है। एक कप्तान के तौर पर यही सोचता हूं कि अपनी टीम को कैसे आगे बढ़ा सकता हूं। कर्नाटका ने अगर 500 का भी लक्ष्य दे दिया होता तो हमें विश्वास है कि हम उसको भी पा लेते।
इस सीज़न टीम के कोच बने दहिया ने सेमीफ़ाइनल में हार की मुख्य वजह पहली पारी में ख़राब क्षेत्ररक्षण को बताया। हालांकि उन्हें लगता है कि इस युवा टीम में बहुत कौशल है और यह आने वाले सीज़न में एक अच्छी टीम बनकर उभरेगी।
दहिया ने कहा, "एक नए कप्तान के साथ सेमीफ़ाइनल में आना इस युवा टीम के लिए बड़ी बात है। कप्तान के तौर पर देखा जाए तो उन्होंने दबाव में कई अच्छी पारियां खेली हैं। जूनियर क्रिकेट और पहले विजय हजारे में उन्होंने कप्तानी की है इसी वजह से उन्हें कप्तानी दी गई। पांच छह खिलाड़ी हैं इसमें जो आईपीएल खेल रहे हैं। इतने बड़े टूर्नामेंट में यह लड़के टीम को सेमीफ़ाइनल तक लेकर गए हैं। मुझे लगता है कि इस टीम के 99 प्रतिशत लड़कों ने इतना बड़ा मैच नहीं खेला होगा। मुझे लगता है कि यह लड़के आने वाले समय में मज़बूत वापसी करते नज़र आएंगे।"

निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26