रणजी ट्रॉफ़ी 2022-23 : लाल गेंद क्रिकेट लौटेगा अपने पुराने फ़ॉर्मेट में
भारत की सबसे बड़ी प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता के नए सीज़न से जुड़ी अहम बातें
मध्य प्रदेश ने पिछले सीज़न पहली बार रणजी ट्रॉफ़ी अपने नाम की थी • PTI
सबसे पहले तो कोरोना महामारी के बाद पहली बार छोटा नहीं बल्कि पूरा सीज़न खेला जाएगा। 2021-22 में टूर्नामेंट 'आईपीएल से पहले' और 'आईपीएल के बाद' के दो चरणों में खेला गया था, लेकिन इस बार यह लगातार 10 हफ़्तों तक चलेगा।
नहीं। बीसीसीआई ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि इस प्रमुख प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता की गुणवत्ता कम न हो। इसलिए इस बार टूर्नामेंट को दो वर्गों - एलीट और प्लेट - में बांटा गया है। इसका अर्थ यह है कि अब दो अलग-अलग विजेता भी होंगे।
पिछले साल प्री-क्वार्टर-फ़ाइनल में झारखंड की 1008 रनों की विश्व रिकॉर्ड बढ़त हो या क्वार्टर-फ़ाइनल में उत्ताराखंड पर मुंबई की 725 रनों की विशाल जीत, बीसीसीआई को उम्मीद है कि इस बार नॉकआउट में इस तरह के एकतरफ़ा मुक़ाबले नहीं देखने को मिलेंगे।
आठ टीमों वाले प्रत्येक एलीट ग्रुप से दो-दो टीमें अंतिम आठ में प्रवेश करेंगी। इस साल होम-अवे फ़ॉर्मेट भी लौट आया है, जिसका अर्थ यह है कि टीमें अपने घर पर और विपक्षी टीम के घरेलू मैदान पर जाकर मैच खेलेंगी।
प्लेट वर्ग के फ़ाइनल में खेलने वाली दोनों टीमों को 2023-24 सीज़न के लिए एलीट वर्ग में भेजा जाएगा। साथ ही चारों एलीट ग्रुप में अंक तथा भागफल के आधार पर अंतिम दो टीमें अगले सीज़न प्लेट वर्ग में खेलेंगी।
जी हां। अजिंक्य रहाणे मुंबई की कप्तानी कर रहे हैं जबकि इशांत शर्मा दिल्ली का प्रतिनिधित्व करेंगे। सूर्यकुमार यादव भी हैदराबाद के विरुद्ध मुंबई के दूसरे मैच के लिए उपलब्ध होंगे। भारत के बांग्लादेश दौरे के बाद चेतेश्वर पुजारा भी इस प्रतियोगिता में खेलते नज़र आएंगे। आंध्रा और कर्नाटका के कप्तान हनुमा विहारी और मयंक अग्रवाल टेस्ट टीम में वापस आने की कोशिश करेंगे।
दिल्ली के सबसे युवा कप्तानों में से एक यश ढुल अपने दूसरे प्रथम श्रेणी सीज़न में धूम मचाना चाहेंगे। इंडिया ए के साथ अपने पहले दौरे पर वह केवल 17 और 20 रन बना पाए लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट की 13 पारियों में वह चार शतकों की मदद से 820 रन बना चुके हैं। ढुल की तरह यशस्वी जायसवाल भी उभरते हुए ओपनर हैं। बांग्लादेश ए के विरुद्ध शतक के बाद उनके नाम 15 पारियों में 83.78 की औसत से 1173 रन हैं।
फ़िलहाल के लिए चयनकर्ता उत्तर प्रदेश के सौरभ कुमार को लेकर आश्वस्त हैं। बाएं हाथ के स्पिनर सौरभ ने बांग्लादेश ए के विरुद्ध दो अनाधिकृत टेस्ट मैचों में 15 विकेट अपने नाम करते हुए भारतीय टेस्ट दल में जाडेजा की जगह ली। कलाई के स्पिनरों में राहुल चाहर और कुलदीप यादव हैं। भले ही फ़िलहाल प्रमुख टीम में चार स्पिनरों की आवश्यकता नहीं है लेकिन कभी ना कभी भारत को अश्विन और जाडेजा के उत्ताराधिकारी तैयार रखने होंगे। ऐसे में यह रणजी सीज़न कुछ नए नाम सामने ला सकता है।
एलीट टीमों की बात की जाए तो मुंबई के सरफ़राज़ ख़ान ने 2019-20 में नौ पारियों में 154.66 की औसत से 928 रन बनाए थे। उस सीज़न में सर्वाधिक 1340 रन अरुणाचल प्रदेश के राहुल दलाल बनाए थे, जो वी वी एस लक्ष्मण के सर्वाधिक रन बनाने के रिकॉर्ड से बस 75 रन कम थे। गेंदबाज़ी में जयदेव उनादकट के 67 विकेटों ने सौराष्ट्र को पहली बार चैंपियन बनाया था। इतने सालों की कड़ी मेहनत का फल उनादकट को 12 साल बाद भारतीय टेस्ट टीम के बुलावे के तौर पर मिल रहा है।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।