पिछले साल के वनडे वर्ल्ड कप फ़ाइनल के 360 दिनों बाद
मोहम्मद शमी ने बुधवार को इंदौर के होलकर स्टेडियम में एक
आधिकारिक मैच खेला। जब पहले दिन शमी ने अपने हाथों में गेंद पकड़ा था, तो वह कोई ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ पाए थे। उस दिन उन्होंने कुल 10 ओवर की गेंदबाज़ी की और कोई विकेट नहीं ली। इसके बाद कई सवाल उठने लगे थे कि क्या वह पूरी तरह फ़िट थे? क्या उनकी टखने में परेशानी थी? क्या वह अपनी पूरी क्षमता से गेंदबाज़ी कर रहे थे? क्या वह पूरी तीव्रता से गेंद डाल रहे थे?
लेकिन गुरूवार को शमी ने ऐसे कई प्रश्नों का जवाब देने का अच्छा प्रयास किया। पहले दिन कोई विकेट नहीं लेने वाले शमी ने दूसरे दिन चार विकेट लिए, जिसके कारण बंगाल की टीम को मध्यप्रदेश के ख़िलाफ़ 61 रनों की अच्छी लीड हासिल करने में सफलता भी मिली। इस लीड को बंगाल की टीम 231 तक लेकर जाने में सफल रही और उनके अभी पांच विकेट बाक़ी हैं।
इस मैच का प्रसारण या स्ट्रीमिंग नहीं हो रहा था। इसलिए जब तक आप मैदान में नहीं होंगे, आप यह नहीं कह सकते थे कि शमी अपनी परिचित तीव्रता से गेंदबाज़ी कर रहे थे या नहीं। लेकिन बंगाल कैंप में सभी लोग शमी की गेंदबाज़ी से बेहद खु़श थे।
ESPNcricinfo समझता है कि बंगाल को शमी के कार्यभार को संभालने में सावधानी बरतने की सलाह दी गई थी, और उन्हें लंबे स्पेल देने से मना किया गया था। पिछले दो दिनों में उनके हर कदम पर सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की मेडिकल पैनल के प्रमुख नितिन पटेल की नज़र थी। मैच के बाद पटेल और उनकी टीम को राष्ट्रीय चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को एक रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है।
बंगाल के कप्तान
अनस्तुप मजूमदार ने बताया कि कैसे शमी लंबे समय तक चोट के बाद मैदान पर लौटने के लिए "बेकरार" थे। बुधवार को जब शमी ने राजत पाटीदार और शुभ्रांशु सेनापति के बीच साझेदारी बनती देख गेंद मांगी, तो मजूमदार ने मना नहीं किया।
शमी ने 4 ओवर का पहला स्पेल डाला था, जिसमें उन्होंने 16 रन देकर कोई विकेट नहीं लिया। उन्हें दिन के अंत में एक और स्पेल दिया गया, जिसमें उन्होंने छह ओवर में 18 रन देकर कोई विकेट नहीं लिया। इसी कारण से मजूमदार को ऐसा लगा कि शमी उस तरह की गेंदबाज़ी कर ही नहीं रही थे, जैसे कि वह चोट के कारण लंबे समय के बाद वापसी कर रहे हैं।
मजूमदार ने ESPNcricinfo से कहा, "ऐसा लग रहा था कि एक बड़ी साझेदारी पनप रही है। तब शमी ने मुझसे गेंद मांगी और कहा कि वह अगले ओवर से नया स्पेल करना चाहते हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि वह मैदान पर लौटने के लिए कितने बेताब थे। मुझे ऐसा नहीं लगा कि वह किसी चोट से वापसी कर रहे हैं।"
BCCI द्वारा शमी के स्पेल का एक छोटा वीडियो जारी किया गया, जिसमें उन्हें अपने सामान्य रन-अप से गेंदबाज़ी करते हुए, गेंद को स्विंग कराते हुए और बल्लेबाज़ों को बाहरी और भीतरी दोनों किनारों पर परेशान करते हुए दिखाया गया। उनके चार में से तीन विकेट बोल्ड थे।
शमी ने शुभम शर्मा को चॉप-ऑन कर आउट किया, सरांश जैन को दूर जाती गेंद पर बोल्ड किया और कुमार कार्तिकेय को आउटस्विंगर पर कैच करवाया, जबकि कुलवंत खेजरोलीया, जो 11वें नंबर पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे, वह ग़लत लाइन में खेलकर बोल्ड हुए। मध्य प्रदेश की टीम ने एक समय पर 106 रन बनाए थे और उनका एक ही विकेट गिरा था। उसके बाद उन्होंने 61 रन बनाने में 9 विकेट गंवा दिए।
बंगाल के कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला ने कहा, "एक खिलाड़ी जो एक साल बाद वापसी कर रहा है और 19 ओवर डालकर इतने विकेट लेता है... इसमें कहने के लिए कुछ बचता ही नहीं है। उन्होंने बिना किसी मैच सिमुलेशन के सीधे मैच खेला। जाहिर है कि वह जितना ज़्यादा खेलेंगे, उतना बेहतर होते जाएंगे।"
"उन्होंने एक छह ओवर और एक पांच ओवर का स्पेल फेंका। IPL में खेलने वाले खिलाड़ी चार ओवर से ज़्यादा गेंदबाज़ी करना नहीं जानते। उन्होंने वो स्पेल फेंका जो तेज गेंदबाज़ों से अपेक्षित है। मैंने कभी किसी तेज़ गेंदबाज़ को एक साल बाद इतनी मज़बूती से वापसी करते नहीं देखा। उन्होंने आज जो किया वह एक परीकथा की तरह है।"
रणजी ट्रॉफ़ी के इस राउंड के बाद भारत के घरेलू सीज़न में सफेद गेंद के टूर्नामेंट शुरू हो रहे हैं। शमी के पास अपनी मैच फ़िटनेस साबित करने के लिए कोई अन्य प्रतिस्पर्धी रेड-बॉल मैच नहीं होगा। केवल समय ही बताएगा कि शमी ऑस्ट्रेलिया जाने वाली फ्लाइट में होंगे या नहीं, जहां भारत को पहले और दूसरे टेस्ट के बीच कैनबरा में प्रधानमंत्री इलेवन के ख़िलाफ़ तीन दिवसीय अभ्यास मैच खेलना है।