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रोड टू टी20 विश्व कप : आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर भारत की 15 सदस्यीय दल के दावेदार

कई भूमिकाओं के लिए कई खिलाड़ी, चयनकर्ताओं के पास कई सारे विकल्प

Rohit Sharma delivers a talk in the Indian huddle, India vs New Zealand, 2nd T20I, Ranchi, November 19, 2021

इस साल होने वाले टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम के पास कई विकल्प मौजूद हैं  •  BCCI

हर आईपीएल भारतीय क्रिकेटरों के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने का एक मंच होता है और चयनकर्ताओं को भी उनके कौशल को पहचानने का मौक़ा देता है। 2022 सीज़न भी इससे अलग नहीं है। ऐसे कई नाम हैं जो अक्तूबर-नवंबर में ऑस्‍ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप टीम में जगह बना सकते हैं।
भारत को जून से लेकर टी20 विश्व कप तक 15 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने हैं। कई रोल का तय होना बाक़ी है, लेकिन अच्छी बात यह है कि चयनकर्ताओं के पास हर रोल के लिए कई विकल्प हैं। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो ने 15 खिलाड़ियों को चुने जाने से पहले इन रोल्स के लिए विभिन्न पुराने और नए विकल्पों पर नज़र डाली है।
बल्लेबाज़
रोल 1: पावरप्ले का लाभ उठाने वाले
टी20 ओपनर की सबसे बड़ी क़ाबिलियत यही है कि उसको पावरप्ले का लाभ उठाना आना चाहिए। यह कई कारणों से अहम रोल है : क्योंकि रन बनाने के लिए परिस्थिति बाद में अलग हो सकती है और कई टीम कमज़ोर गेंदबाज़ को देखकर रन बनाने के प्रयास में अपना विकेट गंवा देती हैं। यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि क्षेत्ररक्षण की पाबंदियों के चलते पावरप्ले एक मज़बूत नींव रखने में मदद करता है।
भारत के लिए इस रोल के लिए पहली पसंद रोहित शर्मा और केएल राहुल हैं, दोनों ही पावरप्ले में एक तरह के बल्लेबाज़ हैं। पिछले तीन आईपीएल से देखें तो रोहित का स्ट्राइक रेट 127 और राहुल का स्ट्राइक रेट पहले छह ओवरों में 114 का रहा है। ऋतुराज गायकवाड़ और शिखर धवन भी इसी अंदाज़ में अपनी पारी को आगे बढ़ाते हैं। हालांकि खेल को कुछ ज़्यादा चाहिए होता है। कोई भी टीम एक तरह की अप्रोच रखने वाले दो खिलाड़ियों को नहीं देख सकती है। पावरप्ले में जाकर आक्रामक होने वाले रोल के लिए पृथ्वी शॉट सटीक बैठते हैं। पिछले तीन सालों में पहले छह ओवरों में पृथ्वी शॉ का 135 से ज़्यादा का स्ट्राइक रेट रहा है, जो भारतीय बल्लेबाज़ों में सबसे ज़्यादा है। वह पावरप्ले में औसतन 12 गेंद में 19 रन बनाते हैं। इशान किशन और यशस्वी जायसवाल अभी तक शॉ के स्तर तक नहीं पहुंच पाए हैं, लेकिन वे ऐसे बल्लेबाज़ हैं जिन्हें इस रोल के लिए तैयार किया जा सकता है, बायें हाथ का बल्लेबाज़ होना उनके लिए एडवांटेज भी है।
रोल 2: एंकर्स/मुश्किल में बचाने वाला खिलाड़ी
पावरप्ले में तेज़ी से रन बनाने का मतलब है कि आप विकेट भी खो सकते हैं। ऐसे में संतुलन बनाने के लिए आपको एक ऐसे बल्लेबाज़ की ज़रूरत होती है जो पारी को दोबारा बना सके। रोहित, राहुल, विराट कोहली, धवन, गायकवाड़ और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज़ इस रो​ल के लिए स​टीक हैं, क्योंकि इन सभी खिलाड़ियों का स्ट्राइक रेट धीरे धीरे बढ़ता है। यहां एक रिस्क यह है कि यह बल्लेबाज़ धीमी गति से रन बनाते हैं और पावर हिटर्स को अपना काम करने के लिए ज़्यादा गेंद नहीं मिल पाती हैं। मध्य ओवरों में कोहली और अय्यर का स्ट्राइक रेट 114 और 126 का है, जबकि रोहित और राहुल का 132 और 138 है। अगर हम और गहराई में जाएं और स्पिन को देखें तो मध्य ओवरों कुछ और ही बयां करते हैं। यहां पर कोहली का स्ट्राइक रेट 105, राहुल का 117, अय्यर का 120 और रोहित का 127 हो जाता है। यह सारे बल्लेबाज़ भारत के लिए विभिन्न प्रारूपों में खेलते हैं, ऐसे में उनके लिए मध्य ओवरों में आक्रामक होने के लिए तैयार होना मुश्किल हो सकता है। यह दिमाग़ में रखते हुए कि अगर हम एंकर के साथ जाएं तो मध्य ओवरों में जब ज़रूरत हो तो आक्रामक कौन हो सकता है?
रोल 3: स्पिन हिटर्स/इरादे वाली मशीन
मध्यपेस और स्पिन दोनों के ख़िलाफ़ बाउंड्री लगाने की क़ाबिलियत होती है। लक्ष्य डॉट गेंदों को कम करना होता है। पिछले तीन सालों से टी20 क्रिकेट में चार भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने मध्य ओवरों में पेस और स्पिन के ख़िलाफ़ 130 से ज़्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं : सूर्यकुमार यादव, संजू सैमसन, राहुल त्रिपाठी और दीपक हुड्डा। कम से कम इनमें से दो खिलाड़ी मध्य ओवरों में लगातार खेल सकते हैं। ये व्यस्त खिलाड़ी हैं जो लगातार गेंदबाज़ों पर आक्रामक करते रहते हैं।
रोल 4: फ‍़िनिशर
5-7 नंबर के बल्लेबाज़ों के पास पहली ही गेंद से पावर हिटिंग करने की क्षमता होती है। कायरन पोलार्ड और आंद्रे रसल जैसे खिलाड़ी इस रोल को लंबे समय से निभा रहे हैं और तब भी वे सफल होने से ज़्यादा फेल होते हैं। इन बल्लेबाज़ों की एंट्री इस बात पर निर्भर करती है कि कितनी गेंद बची हैं। नंबर पांच का बल्लेबाज़ कई बार थोड़ा ज़ल्दी आता है, लेकिन नंबर छह और नंबर सात का बल्लेबाज़ आमतौर पर 14वें ओवर के बाद आना चाहिए और आते ही प्रहार करना चाहिए। इन बल्लेबाज़ों की ख़ासियत पहली पांच से 10 गेंद में उनका स्ट्राइक रेट होती है। भारतीय बल्लेबाज़ों में दिनेश कार्तिक, हार्दिक पंड्या और रवींद्र जाडेजा इस रोल के लिए सटीक बैठते हैं, जिनका पिछले दो आईपीएल सीज़न से 150 के करीब का स्ट्राइक रेट है। जब से ऋषभ पंत ने अपनी फ़्रैंचाइज़ी के लिए ऊपर बल्लेबाज़ी करना शुरू किया है तो उन्हें इस तरह जज करना ग़लत होगा। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें भारतीय टीम में यह भूमिका सौंपी जाए : उनके पास आक्रामण करने का कौशल है। बायें हाथ का बल्लेबाज़ होने की वजह से उनके पास मैदान के आयाम और कलाई के स्पिरों पर हिट करने की क्षमता होती है।
स्पिनर्स
रोल 5 और 6 : विकेट लेने वाले और नियंत्रित गेंदबाज़ी में माहिर
एक टीम के लिए आदर्श स्पिन संयोजन ऐसी जोड़ी है जिसकी स्टॉक डिलीवरी विपरीत दिशा में जाती है। साथ ही उनमें से एक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ तो दूसरा इकॉनमी को बनाए रखने वाला होना चाहिए। इससे गेंदबाज़ी साझेदारी बनती है और यह टीम की सफलता के लिए ज़रूरी है। आमतौर पर एक उंगलियों का स्पिनर और कलाई के स्पिनर से यह संयोजन बनता है। मौजूदा समय में आर अश्विन और युज़वेंद्र चहल राजस्थान रॉयल्स के लिए, अक्षर पटेल और कुलदप यादव दिल्ली कैपिटल्स के लिए इसके अच्छे उदाहरण है। जहां अश्विन, वॉशिंगटन सुंदर और अक्षर रनों की गति को नियंत्रित करते हैं तो चहल, कुलदीप और रवि बिश्नोई विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं।
तेज़ गेंदबाज़
रोल 7: पावरप्ले विशेषज्ञ
इस फ़ेज का मुख्य लक्ष्य विकेट लेना और सीम और स्विंग कराना होता है। आदर्श रूप से इन गेंदबाज़ों के पारी की शुरुआत में ही तीन ओवर निकलवाए जाते हैं। इसके दावेदार फ़ॉर्म और निरंतरता के अनुरूप बनते हैं। आईपीएल 2018 से दीपक चाहर से ज़्यादा किसी अन्य गेंदबाज़ ने पावरप्ले में विकेट नहीं लिए हैं, जबकि आईपीएल क्रिकेट में सबसे ज़्यादा पावरप्ले विकेट भुवनेश्वर कुमार ने लिए हैं। हालांकि अगर ज़्यादा स्विंग मौजूद नहीं हो तो मोहम्मद शमी पावरप्ले का बेहतर विकल्प हो सकते हैं। चाहर बल्लेबाज़ी क्रम को लंबा करते हैं, ऐसे में वह इस रोल के लिए सबसे आगे हैं। जसप्रीत बुमराह भी यह रोल निभा सकते हैं, लेकिन उन्हें दूसरे रोल के लिए बचाया जा सकता है।
रोल 8: डेथ ओवर विशेषज्ञ
टी20 में आख़िरी के ओवर में बल्लेबाज़ों की ही तरह गेंदबाज़ों के लिए भी अपने कौशल से पारी का बेहतरीन अंत करना भी एक कला है। ऐसे गेंदबाज़ों के पास कई सारी विविधताएं, सटीक यॉर्कर लगातार और अलग अलग स्टाइल वाले बल्लेबाज़ों और परिस्थितियों के मुताबिक गेंदबाज़ी करने की क़ाबिलियत होती है। बुमराह इस रोल में बेस्ट हैं, हर्षल पटेल और अर्शदीप सिंह ज़्यादा पीछे नहीं हैं। अब जब आईपीएल 2022 में एक ही लीग मैच बचा है तो अर्शदीप से ज़्यादा यॉर्कर बुमराह ने ही मारी है, लेकिन अर्शदीप की इकॉनमी टक्कर देती है। अर्शदीप का बायें हाथ का गेंदबाज़ होना वैसे भी उन्हें अलग बनाता है।
रोल 9: रफ़्तार के सौदागर
गति विभिन्न परिस्थितियों और एक विशिष्ट विरोधी टीम के ख़िलाफ़ अहम होती है। ये गेंदबाज़ मध्य ओवरों में तेज़ गेंदबाज़ी कर सकते हैं और ख़ासकर तब यह अहम रोल निभाते हैं जब परिस्थिति सीम और स्विंग के लिए मददगार न हों। हर किसी के पास ऐसे गेंदबाज़ नहीं होते हैं। कई टीम ऐसे गेंदबाज़ों को अपनी टीम में शामिल करना चाहती हैं। इंग्लैंड के मार्क वुड और न्यूज़ीलैंड के लॉकी फ़र्ग्‍युसन इसके उदाहरण हैं। इस रोल के लिए भारत उमरान मलिक, मो​हसिन ख़ान और प्रसिद्ध कृष्णा को तैयार कर सकता है।
हरफ़नमौला
रोल 10: कई काम वाले खिलाड़ी
अंत में जिन खिलाड़ियों के पास कई सारे कौशल होते हैं वह उस टीम की जान होते हैं। एक गेंदबाज़ जो बल्लेबाज़ी लाइन-अप को लंबा करता है, उसे एक ऐसे गेंदबाज़ के ऊपर चुना जा सकता है जो अपने प्राथमिक कौशल में थोड़ा बेहतर हो सकता है, लेकिन बल्ले से काम नहीं करता है। स्पिन या तेज़ गेंदबाज़ी हरफ़नमौला कप्तान के सामने विकल्प देते हैं। एक टीम के पास ऊपर दी गई सूची में कम से कम चार ऐसे खिलाड़ी होने चाहिए।
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो की पहली पसंद भारत 15
केएल राहुल, पृथ्वी शॉ, रोहित शर्मा, सूर्यकमार यादव, संजू सैमसन, राहुल त्रिपाठी, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जाडेजा, ऋषभ पंत, आर अश्विन, युज़वेंद्र चहल, अर्शदीप सिंह, दीपक चाहर, हर्षल पटेल, जसप्रीत बुमराह

गौरव सुंदररमन ESPNcricinfo में सीनियर स्‍टैटस एनालिस्‍ट हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।