हालिया समय में शिवम घरलू क्रिकेट में शानदार फ़ॉर्म में हैं • BCCI
हाल ही में छह करोड़ रुपये की ऊंची बोली लगाकर गुजरात टाइटंस ने शिवम मावी को अपनी टीम में शामिल किया था। आईपीएल 2023 की नीलामी में यह किसी भी अनकैप्ड खिलाड़ी के लिए सबसे ऊंची बोली थी। शिवम के लिए अच्छी ख़बरों का सिलसिला यहीं नहीं थमा है, अब उन्हें श्रीलंका के ख़िलाफ़ 3 जनवरी से शुरू हो रही टी20 सीरीज़ के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है।
अगर टी20 क्रिकेट में शिवम के हालिया प्रदर्शन को देखा जाए तो सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में सात मैचों में 14.5 की औसत और 6.64 की इकॉनमी से 10 विकेट लिए। इसके अलावा विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी और रणजी ट्रॉफ़ी में उन्होंने बढ़िया गेंदबाज़ी की है।
शिवम उन खिलाड़ियों में शामिल थे, जिन पर बीसीसीआई की नज़र थी। पिछले दो महीने से बीसीसीआई के अधिकारी लगातार शिवम की फ़िटनेस का अपडेट ले रहे थे और उनके वर्कलोड की देखभाल कर रहे थे। भारतीय टीम में चयनित होने के बाद शिवम का कहना है कि वह इस ख़बर को सुनने के बाद काफ़ी भावुक हो गए थे लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि इस बार उनका चयन हो जाएगा।
उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा, "जब घरेलू मैच चल रहे होते हैं तो अमूमन हम थके होने के कारण जल्दी सो जाते हैं लेकिन कल टीम की घोषणा होनी थी और मैं सौरभ भैय्या (सौरभ कुमार) के कमरे में समर्थ (सिंह) के साथ बैठा हुआ था। जैसे ही मुझे पता चला कि मेरा चयन हो गया है, एक पल के लिए सब थम गया। यह एक अदभुत एहसास था। मैं काफ़ी भावुक हो गया था लेकिन मुझे पता था कि यह होने वाला है।"
डेल स्टेन को अपना आदर्श मानने वाले शिवम ने ख़ुद को संभालने के बाद सबसे पहले अपने माता-पिता को फ़ोन किया। शिवम पहले भी यह काफ़ी बार कह चुके हैं कि उनके क्रिकेट के सफ़र में उनके माता-पिता उनके सबसे बड़े समर्थक रहे हैं।
"Almost actually brings a tear to my eye" @DaleSteyn62 got emotional listening to @ShivamMavi23 talk about Steyn being his childhood idol and he also offered to meet Mavi one day pic.twitter.com/2Eia1sBhyK
माता-पिता ने शिवम के क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले उन्हें अंडर-14 का ट्रायल देने के लिए दिल्ली भेजा। जब वहां उनका चयन नहीं हुआ तो वह मेरठ के एक छोटे से गांव (मेवा) से ग्रेटर नोएडा आ गए ताकि उनको बेहतर ट्रेनिंग और मौक़े मिल सकें। उनके परिवार का यह क़दम शिवम के लिए काफ़ी मददगार रहा। उसके बाद ही उन्हें अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट टीम का नेट गेंदबाज़ बनने का भी मौक़ा मिला।
उन्होंने कहा, "सबसे पहले मैंने यह बात अपने मम्मी-पापा को बताई। वह बहुत ख़ुश थे। उनके त्याग के बिना यह कहीं से संभव नहीं हो पाता। वह भी भावुक थे और यह लाज़मी भी है।। मैं जिस भी परिस्थितियों में रहा, उन्होंने मुझे हमेशा भरोसा देने का काम किया है।"
शिवम 2018 के अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे हैं। विश्व कप में 18.88 की औसत और 4.12 की इकॉनमी से छह मैचों में उन्होंने नौ विकेट लिए थे। उस टूर्नामेंट में कॉमेंटेटर रहे सौरव गांगुली और इयन बिशप सहित कई लोगों को शिवम ने अपनी 149 किलोमीटर प्रति घंटे की गति और स्विंग कराने की क्षमता से काफ़ी प्रभावित किया।
इसके तुरंत बाद शिवम को आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स ने तीन करोड़ की भारी भरकम राशि देकर अपनी टीम में शामिल कर लिया।
2018 की उस अंडर-19 टीम से अब तक पृथ्वी शॉ, अर्शदीप सिंह और शुभमन गिल को भारतीय टीम से डेब्यू करने का मौक़ा मिल चुका है। अगर शिवम भी अपना पहला टी20 मैच खेलते हैं तो वह उस बैच से भारत के लिए खेलने वाले चौथे खिलाड़ी होंगे।
जब मैं दूसरी बार चोटिल हुआ तो एनसीए में था। वहां पर राहुल सर भी थे। बार-बार चोटिल होने के कारण मै दबाव में भी था। इसके बाद मैंने इस बारे में राहुल (द्रविड़) सर से बात की। उन्होंने कहा कि इंजरी आती-जाती रहेगी लेकिन मैदान पर वापसी करने के लिए अपना पूरा फ़ोकस गेम पर रखना काफ़ी ज़रूरी है।
शिवम ने कहा, "अंडर-19 विश्व कप के ठीक बाद मुझे लगा था कि अगर मैं ऐसे ही प्रदर्शन करता रहा तो भारतीय टीम में मेरा चयन आसानी से हो जाएगा। लेकिन एक टाइम के बाद जब बीच में इंजरी हुई तो लगा कि यह सफ़र काफ़ी मुश्किल है और मेरा जो लक्ष्य है, वह काफ़ी दूर है। हालांकि मैंने हमेशा ही ख़ुद को पॉज़िटिव रखा। अपने गेम पर फ़ोकस करता रहा। चोट तो लगती रही हैं, वह इस खेल का हिस्सा है लेकिन हमें आगे बढ़ना नहीं छोड़ना चाहिए।"
शिवम को सबसे पहले 2018 के आईपीएल के बाद पीठ में स्ट्रेस फ़्रैक्चर हुआ था। उससे उबरने में उन्हें लगभग आठ महीने का समय लगा। उसके बाद जब वह रणजी ट्रॉफ़ी खेलने गए तो उन्हें फिर से पीठ में उसी जगह चोट लग गई। ठीक होने के बाद भी चोट ने शिवम का पीछा नहीं छोड़ा और एक बार फिर से उन्हें 2021 के विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के दौरान एड़ी में चोट लग गई।
अपनी चोटों के बारे में बताते हुए शिवम ने कहा, " आम तौर पर क्या होता है कि 22 साल से पहले वह हड्डी ठीक से विकसित नहीं हो पाती है। यह उसी के कारण होता है। हमने पैट कमिंस को भी देखा था कि 19 के आसपास की उम्र उन्हें तीन बार स्ट्रेस फ़्रैक्चर हुआ था। उस उम्र में जब अब ख़ुद पर ज़्यादा प्रेशर डालते हो तो इसके पूरे चांस होते है कि आपको वही इंजरी होगी। हालांकि मैं शुरू से मानसिक रूप से काफ़ी मज़बूत रहा हूं। मैंने हमेशा से परिस्थितियों से यह सीखा है कि चोट लगना इस गेम का हिस्सा है। जब आप बढ़िया प्रदर्शन कर रहे होते हो तो सकारात्मक रहना काफ़ी आसान होता है लेकिन जब आप किसी चोट से गुज़र रहे होते हो तो ख़ुद को सकारात्मक रखना काफ़ी ज़रूरी है। मैं अपने आप को हमेशा यही बोलता था कि चाहे जैसी भी परिस्थिति हो मुझे पॉज़िटिव रहना है।"
2018 के अंडर-19 विश्व कप के दौरान राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के कोच थे। इसके बाद जब शिवम को दूसरी बार चोट लगी तो वह एनसीए में थे। उस वक़्त द्रविड़ ने चोटिल शिवम को मानसिक रूप से मज़बूत रहने में काफ़ी मदद की थी।
शिवम एक वाक़ये का ज़िक्र करते हुए कहते हैं, "जब मैं दूसरी बार चोटिल हुआ तो एनसीए में था। वहां पर राहुल सर भी थे। बार-बार चोटिल होने के कारण मै दबाव में भी था। इसके बाद मैंने इस बारे में राहुल (द्रविड़) सर से बात की। उन्होंने मुझे सुझाया कि मैं सारा ध्यान मैदान पर फिर से वापसी करने में लगाऊं। इंजरी आती-जाती रहेगी लेकिन मैदान पर वापसी करने के लिए अपना पूरा फ़ोकस गेम पर रखना काफ़ी ज़रूरी है।"
शिवम फ़िलहाल गुजरात टाइटंस और भारतीय टीम के द्वारा मिले मौक़े का पूरा फ़ायदा उठाना चाह रहे हैं। दिसंबर 2022 की दो अच्छी ख़बरों से पहले शिवम के पास निराशाजनक ख़बर पास आई थी, उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम के द्वारा रिलीज़ कर दिया गया था लेकिन शिवम को इस बात का अंदेशा पहले सी ही था। साथ ही गुजरात और भारतीय टीम में उन्हें जो मौक़ा मिला है, वह इसका पूरा फ़ायदा उठाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "जब केकेआर से मुझे रिलीज़ किया गया तो मुझे पहले से पता था कि पिछले साल उमेश (यादव) भैया टीम में आए तो टीम में एक भारतीय तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर उनको ही मौक़ा मिलेगा और मुझे कम मिलेगा। और अब तो वहां शार्दुल भी हैं। अगर ऐसा होता है तो मैं ख़ुद को खुल कर एक्प्रेस नहीं कर पाऊंगा, तो शायद जीटी (गुजरात टाइटंस) जाकर मुझे ज़्यादा मैच खेलने को मिले और मैं इससे अपने आप को अच्छे से एक्सप्रेस कर सकूं। साथ ही अभी जो मुझे भारतीय टीम में शामिल होने का मौक़ा मिला है, वहां से भी मुझे काफ़ी अनुभव मिलने वाला है, जो आने वाले दिनों में मेरे लिए काफ़ी मददगार होंगे।"