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टी20 विश्व कप फ़ाइनल 2024: इन चीज़ों को लंबे समय तक रखा जाएगा याद

भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच खेले फ़ाइनल में देखने को मिली कई शानदार चीज़ें

T20 वर्ल्ड कप 2024 का अदभुत अंत हुआ है। भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच खेला गया फ़ाइनल नाटकीय रहा जिसमें कुछ खुशी और कुछ गम के लम्हें देखने को मिले। ये लम्हें लंबे समय तक लोगों को याद रहने वाले हैं। एक नज़र उनमें से कुछ लम्हों पर।

सालों तक याद रहेगा ये कैच

20वें ओवर में हार्दिक पंड्या 15 रन बचाने की कोशिश में थे और उस समय सूर्यकुमार यादव ने लॉन्ग ऑफ़ बाउंड्री पर एक अदभुत कैच पकड़ा जिसकी तुलना 1983 विश्व कप में लिए गए कपिल देव के कैच से होने लगी। हार्दिक ने वाइड फुलटॉस डाली थी जिसे डेविड मिलर ने सीधे बल्ले से सामने की ओर मारा और ऐसा लगा कि गेंद बाउंड्री के बाहर चली जाएगी।
सूर्यकुमार अपने बांयी ओर दौड़ रहे थे और उन्होंने अपने शरीर को आगे की ओर खींचते हुए हवा में उछाल लगाई थी। इस समय पर शरीर का बैलेंस बनाए रखना काफ़ी कठिन था, लेकिन उन्होंने किसी तरह ऐसा किया। इस दौरान वह बाउंड्री के एकदम क़रीब थे तो उन्हें ख़ुद को उसे छूने से भी बचाना था। सूर्यकुमार ने गेंद हवा में फेंकी और ख़ुद बाउंड्री के बाहर चले गए। दोबारा जब वह मैदान में कूदे तो उनका दांया पैर जमीन पर था और बांया पैर अब भी हवा में थे। इसी दौरान उन्होंने हवा में फेंकी गई गेंद को दोबारा लपका और मिलर को पवेलियन लौटना पड़ा।

जस्सी जैसा कोई नहीं

पुरानी गेंद जो काफ़ी मार खाकर ख़राब हो चुकी हो वह तेज़ गेंदबाज़ों के लिए बहुत मददगार नहीं होती। हालांकि, जसप्रीत बुमराह आम तेज़ गेंदबाज़ नहीं हैं। साउथ अफ़्रीका को 15 गेंदों में 21 रनों की जरूरत होने पर उन्होंने क्रीज़ के कोने से गेंद डाली जो ऑफ़ स्टंप के बाहर गिरी। यहां से गेंद मार्को यानसन के बल्ले और पैड के बीच से निकलती हुई स्टंप को बिखेर गई। यह पिच से मिली मूवमेंट का कमाल था। गेंद का एक हिस्सा खुरदुरा था और दूसरा कम खुरदुरा। सीम पर पड़ने के बाद गेंद रिवर्स स्विंग हुई? किसी के लिए भी इतना अच्छा होना आसान नहीं है।

क्लासन ने किया आक्रमण

यह ऐसा दिन था जब हाइनरिक क्लासन क्रिकेट गेंद को मार-मारकर दो टुकड़ों में भी कर सकते हैं। उन्होंने अपनी पारी में पांच छक्के लगाए जिनमें से एक हवा के साथ एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से बहती हुई गई थी। एक छक्का तो हवा के विरुद्ध मारा गया था, लेकिन उसमें भी इतनी ताकत थी कि गेंद स्टेडियम के छत से जाकर टकराई। क्लासन के क्रीज़ पर रहते हुए साउथ अफ़्रीका की ओर से 10 बाउंड्री लगी थी जिसमें से सात क्लासन के बल्ले से ही आई थीं।
इसमें से चार उन्होंने उस अक्षर पटेल के एक ही ओवर में मारा थे, जिन्हें खेलना बल्लेबाज़ों के लिए काफ़ी कठिन था। वह ये सबकुछ बड़े आराम से कर रहे थे और वह भी एक विश्व कप फ़ाइनल में। साउथ अफ़्रीका की शर्ट में क्लासन की बल्लेबाज़ी के समय तक ऐसा लग रहा था कि शायद उनकी टीम का अभिशाप खत्म हो चुका है।

वह जाल जो दिखा तो नहीं, लेकिन वहां था

स्क्वायर लेग के ऊपर से क्विंटन डिकॉक का शॉट खेलना स्वाभाविक है। उनका बल्ला ऊपर से आता है और तलवार की तरह जब चलता है तो गेंद सीधे स्टैंड में जाती है। पुराने दिनों में सनथ जयसूर्या इस शॉट के मास्टर हुआ करते थे। 13वें ओवर में जैसे ही डिकॉक को मौक़ा मिला उन्होंने तुरंत छक्का लगाया। भारत ने तुरंत ही वहां एक फ़ील्डर तैनात कर दिया। यह किसी जाल के रूप में नहीं था, लेकिन इसने काम कुछ वैसा ही किया। अर्शदीप सिंह ने जैसी गेंद पर छक्का खाया था, अगली गेंद भी वैसी ही फेंकी। डिकॉक ने भी वही शॉट दोहराया, लेकिन इस बार कुलदीप यादव को कैच थमाने के लिए।

कोहली बने एंकर

विराट कोहली एक अज़ीब पारी खेल रहे थे। पांच गेंदों में उन्होंने 14 रन बना दिए थे, लेकिन 43 गेंदों में उनके बल्ले से केवल 36 रन ही आए। 48 गेंदों में उनके बल्ले से केवल चार बाउंड्री आई। वह और भारत ऐसा सोच रहे थे कि पार स्कोर इस मैदान पर बहुत होगा। फ़ाइनल में लोगों के साथ ऐसा हो ही जाता है। कोहली इससे पहले आक्रामक रुख़ में खेलते थे, लेकिन इस मैच में उन्होंने अपने पुराने और भरोसेमंद एंकर वाली भूमिका में ही वापस जाना उचित समझा। इसके बाद 18वें ओवर में उन्होंने कगिसो रबाडा को एक छक्का और एक चौका लगाया। यानसन को भी उन्होंने ऐसा ही किया और भारत को दो ओवर में 33 रन मिल गए। कोहली ने अपनी अंतिम 11 गेंदों में 26 रन बनाए।

अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब-एडिटर हैं