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कैसे ऑस्ट्रेलिया में एक विश्वविद्यालय महिला क्रिकेट में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है

न्यू साउथ वेल्स में क्रिकेट अधिकारी महिला क्रिकेटरों को 130 किमी प्रति घंटे की गति से गेंदबाज़ी करने के आदी बनाना चाहते हैं

Darcie Brown took out Hobart Hurricanes' top order, Adelaide Strikers vs Hobart Hurricanes, WBBL, Mackay, November 13, 2021

डार्सी ब्राउन 122 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गेंदबाज़ी कर चुकी हैं  •  Getty Images

महिला क्रिकेट में 130 किमी प्रति घंटे से गेंदबाज़ी करने की संभावना को सबसे बड़ा हालिया सीमांत माना जाता है।
वैसे एक बात स्पष्ट कर दें कि ऐसा पहले हो चुका है या नहीं, इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती। महिला क्रिकेट में गेंद की गति को रिकॉर्ड किया जाना एक आधुनिक प्रथा है, और इसमें भी अलग-अलग प्रतियोगिताओं में भिन्न प्रणालियों का उपयोग किया जाता है। फ़िलहाल जितने आंकड़े उपलब्ध हैं उनके आधार पर हम कह सकते हैं कि साउथ अफ़्रीका की शबनिम इस्माइल वर्तमान क्रिकेट में सबसे तेज़ महिला गेंदबाज़ हैं। उनकी गेंदों को 128 किमी तक की रफ़्तार पर मापे जाने की बात सार्वजनिक है और 2020 में टी20 विश्व कप में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एक गेंद 126.7 किमी पर डाली थी।
ऑस्ट्रेलिया की पूर्व तेज़ गेंदबाज़ शैरन ट्रेड्री 1970 और 1980 के दशक में सक्रीय थीं और माना जाता है कि वह महिला क्रिकेट में सबसे तेज़ गेंदबाज़ रहीं हैं। उनका नाम 133 किमी तक की गति की गेंदबाज़ी से जोड़ा जाता है, हालांकि इसका कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है।
अब ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट न्यू साउथ वेल्स (सीएनएसडब्ल्यू) और सिडनी की प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूटीएस) ने साझेदारी में प्रॉजेक्ट130 का ऐलान किया है, जिसके तहत वह कोशिश करेंगे कि महिला क्रिकेट में 130 के मार्क को सिर्फ़ छूआ ही नहीं बल्कि निरंतरता के साथ हासिल किया जाए। इस परियोजना का लिखित उद्देश्य है "महिला तेज़ गेंदबाज़ों की क्षमता को बढ़ाना और उनकी गेंदबाज़ी की गति की औसत को 115 से 130 तक पहुंचना"। यह दुनिया का "पहला अनुसंधान कार्य होगा जिसमें क्षमता और शरीर क्रिया विज्ञान के आधार पर ऐसे आंकड़े निकाले जाएंगे जिनसे गति भी बढ़े और चोटिल होने की संभावना को भी कम किया जाए।"
इस प्रॉजेक्ट के पीछे एक बड़े नाम हैं सीएनएसडब्ल्यू के खेल विज्ञान और खेल चिकित्सा के मुखिया पैट्रिक फ़ारहार्ट, जो कहते हैं कि फ़िलहाल क्रिकेट में महिला और पुरुष वर्ग में गेंदबाज़ी की गति सबसे बड़ा अंतर है। उनके अनुसार बायोमेकैनिक्स (जैव यांत्रिकी) के अध्ययन से तेज़ गति से गेंदबाज़ी करने वाली खिलाड़ियों के शक्ति और बल का अंदाज़ा लगाया जा सकेगा और उनके लिए विशेष अभ्यास का आयोजन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में क्रिकेट के बाहर के खेलों में व्यस्त खिलाड़ियों को भी परखा जाएगा।
फ़ारहार्ट ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा, "कुछ गेंदबाज़ हैं जो 130 की गति के पास पहुंचे हैं। मुझे लगता है यह लक्ष्य हासिल हो जाएगा। हमें अधिक गति के साथ सह-संबंध को समझना होगा और फिर हम गेंदबाज़ों को गति बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत कार्यक्रम तैयार कर पाएंगे।"
उन्होंने आगे समझाया, "यह सब काफ़ी हद तक आपके एक्शन पर निर्भर है। पुरुष क्रिकेटर अपने पूरी शरीर की रेखा से गतिशीलता लाते हैं जबकि महिला गेंदबाज़ी में उपरार्ध और कमर तक के शरीर का ज़्यादा उपयोग होता है। हालांकि यह महिला क्रिकेट में बदलने लगा है और हम कई महिलाओं को भी पुरुष क्रिकेटर की भांति गेंदबाज़ी करते देख रहे हैं। ऐसा 10-12 साल पहले नहीं होता था कि महिलाएं भी रन-अप या आगे के पैर के दम पर गेंदबाज़ी में गति झोंक रहीं थीं।"
फ़िलहाल चोटिल टाएला व्लेमिंक और 122-125 तक की गति में गेंदबाज़ी करने वाली डार्सी ब्राउन ऑस्ट्रेलिया में सबसे तेज़ गेंदबाज़ हैं। इंग्लैंड की इसी वॉन्ग और न्यूज़ीलैंड की लिया तहुहु को भी दुनिया के सबसे तेज़ गेंदबाज़ों में माना जाता है। न्यू साउथ वेल्स और ऑस्ट्रेलिया की स्टेला कैंपबेल भी इस पीढ़ी की ऐसी गेंदबाज़ हैं जिनकी गति को 120 के ऊपर रिकॉर्ड किया गया है।
हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी रेचल हेंस ने संन्यास लेते हुए गेंदबाज़ी की गति में वृद्धि को उनके करियर के दौरान हुआ सबसे बड़ा परिवर्तन बताया था। उन्होंने कहा था, "आजकल कई ऐसे गेंदबाज़ हैं जिनके सामने आप ख़ुद को सहज नहीं महसूस करते। यह गेम के लिए रोमांचक बात है। जब तेज़ गेंदबाज़ गेंद को स्विंग भी कराते हैं और अच्छी बाउंसर भी डाल देते हैं तो बल्लेबाज़ के लिए यह सिरदर्द है लेकिन दर्शकों के लिए एक बढ़िया नज़ारा है।"
अगर यह परियोजना सफल रही तो आने वाले समय में कई बल्लेबाज़ों का सिरदर्द बढ़ने वाला है।

ऐंड्रयू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo में डिप्टी एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।