उस्मान ख़्वाजा : जस्टिन लैंगर को लग रहा होगा खिलाड़ियों ने उनके पीठ पर छुरा भोंका है
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ने कहा कि लैंगर और उनका रिश्ता अभी भी काफी मज़बूत है
ईएसपीएनक्रिकइंफो स्टाफ
23-Aug-2021
लोगों को लगा कि ऐशेज़ में लैंगर ने मुझे इस वजह से ड्रॉप किया क्योंकि मैं उनसे निडर होकर बात करता था - ख़्वाजा • Getty Images
ऑस्ट्रेलिआई बल्लेबाज़ उस्मान ख़्वाजा ने कहा है कि कोच जस्टिन लैंगर की भावनात्मक प्रवृत्ति उनकी "सबसे बड़ी कमज़ोरी" है और हालिया सुर्ख़ियों के चलते लैंगर को लग रहा होगा कि कई खिलाड़ी उनके "पीठ पर छुरा भोंकने" का काम कर रहे हैं।
लैंगर और खिलाड़यों के बीच अनबन के चलते क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) को टी20 विश्व कप और ऐशेज़ के लिए आगे का रास्ता ढूंढने के लिए आपातकालीन चर्चा करना पड़ा है। इसके बाद ऐसा ज़रूर लगा था कि शायद कोच और खिलाड़ी एकजुट होकर काम कर सकते हैं लेकिन टीम के बीच का तनाव अभी भी ज़ाहिर होता दिख रहा है।
ख़्वाजा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "आपको क्या लगता है कि जेएल (लैंगर) कैसा महसूस कर रहे हैं? उन्हें तो यही लगेगा कि टीम के कुछ खिलाड़ी उनके पीठ पर छुरा भोंक रहे हैं और यह बहुत दुखद घटना है।"
"अगर खिलाड़ी अच्छा नहीं खेल रहे हों तो आप सिर्फ़ कोच को कैसे दोषी ठहरा सकते हैं? वह एक भावनात्मक व्यक्ति हैं और उन्हें सिर्फ़ ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट और जीतने से मतलब है। सैंडपेपर विवाद के बाद वह सही तरीक़े से जीत दिलाने के लिए ही टीम से जुड़े थे।" ख़्वाजा ने आगे यह भी कहा कि लैंगर की सबसे बड़ी कमज़ोरी है कि वह अपने भावनाओं पर क़ाबू नहीं रख पाते। "गेम के उतार चढ़ाव से उनको भी बहुत फ़र्क पड़ता है और यह बात उन्हें पता है। इस बात में सुधार की बात उन्होंने मुझसे और मीडिया से भी की है।"
'द टेस्ट' नाम के डॉक्यूमेंटरी में ख़्वाजा और लैंगर के बीच के रिश्ते पर काफ़ी कुछ दर्शाया गया है। शुरुआत में ख़्वाजा और उनके सहकर्मी लैंगर से डरते थे। ऐशेज़ 2019 के बीचों बीच ख़्वाजा को टीम में जगह नहीं मिली थी लेकिन ख़्वाजा ने बताया इस दौरान वह लैंगर को बेहतर समझने लगे थे।
"जस्टिन लैंगर से मेरी दोस्ती बहुत सुदृंढ है। लोगों को ऐसा लगा कि ऐशेज़ में उन्होंने मुझे इस वजह से ड्रॉप किया क्योंकि मैं उनसे निडर होकर बात करता था," ख़्वाजा ने कहा। "हमने हमेशा सच्चे दिल से बातचीत की है और इसी कारण से वह और मैं एक दूसरे की पूरी इज़्ज़त करते हैं।"