हर्ष दुबे: 'विदर्भ सबसे मज़बूत नहीं है, लेकिन सबसे अनुशासित टीम हैं'
विदर्भ के स्पिनर ने कहा, "मुझे लगता है कि हम जिस एकता के साथ खेलते हैं, उसी के कारण हम सबसे मज़बूत टीमों को भी हरा देते हैं।"
अभिमन्यू बोस
15-Oct-2025
हर्ष दुबे ने पिछले सीज़न में 69 विकेट लिए थे , जो रणजी ट्रॉफ़ी इतिहास में सबसे ज़्यादा हैं • PTI
पिछले सीजन में दुबे ने 69 विकेट हासिल किए थे, जो एक ही रणजी ट्रॉफ़ी सत्र के इतिहास में किसी भी गेंदबाज़ द्वारा लिए गए सबसे ज़्यादा विकेट थे।
वरिष्ठ टीम में शामिल होने से पहले वे विदर्भ की आयु-वर्ग टीमों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीम की एकजुटता और स्थापित संरचना ने विदर्भ को सफल बनने में अहम भूमिका निभाई है।
मुंबई में सीएटी क्रिकेट रेटिंग अवॉर्ड्स के दौरान दुबे ने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि विदर्भ सबसे मज़बूत टीम है, क्योंकि मुझे लगता है कि सबसे मज़बूत होने से ज़्यादा महत्वपूर्ण है कि हम भारत की सबसे अनुशासित टीम हैं। और ऐसा हमारी संरचना, हमारी टीम बॉन्डिंग के कारण है। इसलिए मुझे लगता है कि हम अपनी एकजुटता के कारण सबसे मज़बूत टीमों को भी हरा देते है।"
विदर्भ ने पिछले दो सीज़नों में रेड-बॉल क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है।
टीम 2023-24 में रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पहुंची उर 2024-25 में ख़िताब जीता। इसके बाद उन्होंने 2025-26 घरेलू सत्र की शुरुआत तीसरी ईरानी कप जीत से की। उन्होंने 2017-18 और 2018-19 में लगातार दो रणजी ख़िताब भी जीते थे।
दुबे ने कहा, " ईमानदारी से कहूं तो वर्तमान टीम के अधिकतर खिलाड़ी आयु-स्तरीय क्रिकेट में कम से कम 2-3 ट्रॉफ़ी जीत चुके हैं। इसलिए हमें जीतने की आदत है। हमारे ऑफ़ सीज़न कैंप की संरचना भी बहुत मायने रखती है, क्योंकि यह हमारी बुनियाद को मज़बूत बनाती है।
"अंडर-14 या अंडर-19 स्तर पर हमारे कोच उस्मान ग़नी हमारे अधिकांश खिलाड़ियों के कोच रह चुके हैं। इसलिए उन्हें बहुत अच्छी समझ है कि कौन खिलाड़ी कब उपयोगी साबित हो सकता है। साथ ही बैकरूप स्टाफ़ ने भी काफ़ी मेहनत की है। मुझे लगता है कि पिछले 7-8 वर्षों की उनकी मेहनत का नतीजा हमें अब मिल रहा है।"
विदर्भ की सफलता के बावजूद टीम के बहुत कम खिलाड़ी भारतीय राष्ट्रीय टीम तक पहुंचे हैं। करुण नायरने इंग्लैंड में भारतीय टीम में वापसी की थी, जबकि जितेश शर्मा सफ़ेद गेंद में अपने प्रदर्शन कारण T20I टीम में नियमित हो गए हैं।
जब दुबे से पूछा गया कि क्या भारतीय टीम में विदर्भ के खिलाड़ियों का चयन न होना उन्हें निराश करता है, तो उन्होंने कहा कि यह नज़रिया और प्रेरणा का मामला है।
दुबे ने कहा, "मुझे लगता है कि यह मोटिवेशन की बात है। अगर आप इस नकारात्मक बिंदु को सकारात्मक रूप से लें, तो यह सोच आपको और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगी।"
अक्षय वाडकर की कप्तानी विदर्भ की हालिया सफलताओं में अहम रही है•PTI
दुबे ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि हमारी टीम की कई खिलाड़ी अच्छा कर रहे हैं, जैसे यश राठौड़, दानिश मालेवार, और हमारे कप्तान अक्षय वाडकर)। ऐसे कई और खिलाड़ी हैं। अगर आप लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे, तो अवसर निश्चित रूप से मिलेगा।"
विदर्भ ने इस सीजन में आर. समर्थ को शामिल कर करुण नायर की जगह भरने की कोशिश की है, जो उत्तराखंड से विदर्भ की टीम में आए हैं।
हालांकि इससे टीम के मिडल ऑर्डर में थोड़ी कमी आई है, लेकिन दुबे ने कहा कि ईरानी कप में मज़बूत रेस्ट ऑफ़ इंडिया टीम को हराना यह साबित करता है कि उनकी टीम में कोई कमी नहीं है।
दुबे ने कहा, "मैंने कहीं पढ़ा कि अगर करुण नायर नहीं हैं तो विदर्भ ईरानी ट्रॉफी कैसे जीतेगा? लेकिन हमने ईरानी ट्रॉफी जीती और वह भी करुण नायर के बिना। इसलिए यह कहना ग़लत होगा कि किसी खिलाड़ी के जाने से टीम कमजोर हो जाएगी।
मुझे लगता है कि हमारे पास पर्याप्त अच्छे खिलाड़ी हैं, और अगर हमारे पास कोई प्रोफेशनल खिलाड़ी न भी हो, तो भी हम अच्छा कर सकते हैं। प्रोफेशनल खिलाड़ियों का होना अतिरिक्त लाभ है क्योंकि वे अनुभव और नई चीज़ें सिखाते हैं। मुझे नहीं लगता कि अगर कोई खिलाड़ी विदर्भ छोड़ दे, तो उससे कोई खालीपन रह जाएगा।"
बुधवार को विदर्भ ने नागालैंड के ख़िलाफ़
बेंगलुरु में अपने रणजी ख़िताब बचाव की शुरुआत की। वे कठिन ग्रुप ए में हैं, जिसमें झारखंड, आंध्रा, बड़ौदा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा और नागालैंड शामिल हैं।