भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच यह सीरीज़ एक ऐसे समय पर हो रही है जहां अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का कार्यक्रम दिन प्रतिदिन लंबा होता जा रहा है। सच कहें तो अगर कार्यक्रम बनाने वाले लोगों का बस चलता तो वह कैलेंडर में एक-दो महीने ही बढ़ा देते। ख़ैर अब छोड़िए, हम आ पहुंचे है इस टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ के अंतिम मैच में जहां ट्रॉफ़ी पर भारत ने पहले ही क़ब्ज़ा जमा लिया है लेकिन रोमांच की कभी बिल्कुल नहीं होगी।
एक तरफ़ न्यूज़ीलैंड की टीम थकी हुई है। टी20 विश्व कप 2021 के फ़ाइनल में मिली हार के तीन दिन बाद वह एक अलग देश में क्रिकेट खेल रहे थी। परंतु वह इस नतीजे से ज़्यादा निराश नहीं होंगे। कप्तान केन विलियमसन टेस्ट सीरीज़ से पहले आराम कर रहे हैं। ट्रेंट बोल्ट घर लौटने से पहले रविवार को इस दौरे पर अपना अंतिम मैच खेलेंगे। लॉकी फ़र्ग्युसन अभी-अभी चोट से वापस आए हैं जबकि डेवन कॉन्वे का इलाज चल रहा है। वहीं दूसरी ओर विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह आराम फ़रमा रहे हैं। इन सभी चीज़ों की वजह से ऐसा लगता है जैसे यह मुक़ाबले महज़ एक औपचारिकता के तहत खेले जा रहे हैं।
इन सबके बावजूद, यह सीरीज़ हर्षल पटेल समेत उन नए खिलाड़ियों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है जो घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं।
हालिया फ़ॉर्म
भारत: जीत, जीत, जीत, जीत, जीत न्यूज़ीलैंड: हार, हार, हार, जीत, जीत
इन पर रहेगी नज़र
बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाज़ी की कला को चुनकर मिचेल सैंटनर एक ऐसे फूल बन गए हैं जो सही परिस्थितियों में खिलकर बाहर आता है। कोलकाता में उनके पास अनुकूल परिस्थितियां होगी और यहां अच्छा प्रदर्शन कर वह आने वाली टेस्ट सीरीज़ में एकादश में जगह बनाने के लिए अपना हाथ खड़ा कर सकते हैं।
धारणाओं को तोड़ना आर अश्विन के बाएं हाथ का खेल बन चुका है। वह कुछ साल पहले कलाई की स्पिन के पीछे की भाग-दौड़ में नहीं फंसे थे और आज भी टी20 क्रिकेट में मैच-अप पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते हैं। उनके लिए एक ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के ख़िलाफ़ अच्छा प्रदर्शन कर सकता है क्योंकि अंत में बात कौशल की होती है जो उनमें भरपूर है।
टीम न्यूज़
सीरीज़ जीतने के बाद नए खिलाड़ियों को मौक़ा देने हेतु भारत आवेश ख़ान और ऋतुराज गायकवाड़ को एकादश में शामिल कर सकता है।