भारत के पूर्व स्पिनर
हरभजन सिंह का मानना है कि मध्यक्रम के विस्फ़ोटक बल्लेबाज़
सूर्यकुमार यादव को विश्व कप के शुरुआती एकादश में ज़रूर जगह मिलना चाहिए। हरभजन का मानना है कि सूर्यकुमार टीम के लिए वह कर सकते हैं, जो विराट कोहली और रोहित शर्मा भी नहीं कर सकते।
हरभजन का मानना है कि भारतीय चयनकर्ताओं ने संजू सैमसन की जगह सूर्यकुमार को विश्व कप दल में तरजीह देकर सही फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि सूर्यकमार एक संपूर्ण खिलाड़ी हैं। संजू पर चयनकर्ता कठोर नहीं है, लेकिन आप सिर्फ़ 15 खिलाड़ियों को ही चुन सकते हैं। मैं मानता हूं कि संजू अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन संजू के ऊपर सूर्यकुमार को जगह देना एक अच्छा फ़ैसला है। बीच के ओवरों के लिए जो सूर्यकुमार के पास गेम है, वह संजू के पास नहीं है। सूर्यकुमार पहली गेंद से प्रहार कर सकते हैं और बड़ा स्कोर भी खड़ा कर सकते हैं। वह आपको विश्वसनीयता देते हैं। वहीं संजू जब खेलते हैं तो लगता है कि वह आउट होने के बहुत मौक़े भी दे रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे पता है कि बहुत लोग सूर्यकुमार के वनडे आंकड़ों को गिनाएंगे, लेकिन आप यह भी देखिए कि उन्होंने टी20 मैचों में क्या किया है। अगर उनकी पारी लंबी होती है तो मुझे नहीं लगता कि उस पोज़िशन पर भारत को सूर्यकुमार से अच्छा खिलाड़ी मिल सकता है। अपनी बल्लेबाज़ी पोज़िशन पर जो सूर्यकुमार कर सकते हैं, वह विराट (कोहली), संजू या रोहित (शर्मा) कोई भी नहीं कर सकता। वह जो करते हैं, बहुत कठिन काम है- नंबर 5 और 6 पर भारत के लिए एमएस धोनी और युवराज सिंह ने जो काम किया है, वह आसान है क्या?"
सूर्यकुमार अपनी टी20 फ़ॉर्म को अब तक वनडे में नहीं तब्दील कर सके हैं और उन्होंने ख़ुद ही यह स्वीकर किया है। उनकी वनडे औसत 24.33 की है और उनके नाम 24 पारियों में सिर्फ़ दो अर्धशतक हैं।
हरभजन ने कहा, "मध्यक्रम और ख़ासकर निचले मध्यक्रम में बल्लेबाज़ी करना सबसे कठिन काम है। एक सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर वनडे में आपके पास बहुत समय और पावरप्ले के फ़ायदे होते हैं, वहीं 20-25 ओवर के बाद आपको गैप ढूंढ़ने के बाद ही बाउंड्री मिलती है। मुझे नहीं लगता कि भारतीय टीम में फ़िलहाल सूर्यकुमार से बेहतर यह काम कोई कर सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि जब वह क्रीज़ पर होते हैं तो विपक्षी टीम पर दबाव बढ़ता है। अपना दिन होने पर वह कभी भी 20 गेंदों पर 50-60 रन की मैच जिताऊ पारियां खेल सकते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि ऐसे खिलाड़ी एकादश का हिस्सा हों, आप उनको बाहर बैठाकर व्यर्थ नहीं कर सकते।"
हरभजन सिंह का यह भी मानना है कि भारत को अपने 15-सदस्यीय दल में विविधता के लिए बाएं हाथ के युवा तेज़ गेंदबाज़
अर्शदीप सिंह और लेग स्पिनर
युज़वेंद्र चहल को भी चुनना चाहिए था। उन्होंने चहल को तो 'मैच विजेता' कहा, जो अपने आपको कई बार साबित कर चुके हैं।
हरभजन का कहना है कि दो बाएं हाथ के स्पिनरों अक्षर पटेल और रवींद्र जाडेजा को 15-सदस्यीय दल में एक साथ जगह देना चौंका देने वाला फ़ैसला है क्योंकि दोनों एक साथ कभी भी एकादश का हिस्सा नहीं होंगे।