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रेटिंग्स : गोल्ड मेडल जीत में तितास, स्मृति और जेमिमाह का जलवा

भारत ने श्रीलंका को 19 रन से हराकर एशियाई खेलों का गोल्ड मेडल जीता

India beat Sri Lanka by 19 runs to clinch the Asian Games gold, India vs Sri Lanka, Asian Games, Final, Hangzhou, September 25, 2023

जीत के बाद भारतीय टीम  •  AFP/Getty Images

एशियाई खेलों के महिला क्रिकेट फ़ाइनल मुक़ाबले में भारत ने श्रीलंका को 19 रनों से हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया। भारत की तरफ़ से इस मैच की जीत की नायिकाएं बल्लेबाज़ स्मृति मांधना व जेमिमाह रॉड्रिग्स और गेंदबाज़ तितास साधु रहीं।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम ने स्मृति (46) और जेमिमाह (42) की पारियों की मदद से निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट खोकर 116 का स्कोर खड़ा किया। इन दोनों को छोड़कर भारत का कोई भी बल्लेबाज़ दहाई का स्कोर नहीं छू सका, इस वजह से लगभग उनके 15 से 20 रन कम रह गए। हालांकि हरक़त लेती पिच पर श्रीलंका के लिए यह स्कोर ही चुनौतीपूर्ण था, जिसे भारतीय गेंदबाज़ों ने सही साबित किया। इस साल की शुरुआत में अंडर-19 विश्व कप फ़ाइनल में शानदार प्रदर्शन करने वाली युवा तेज़ गेंदबाज़ तितास ने इस फ़ाइनल में भी श्रीलंका को शुरुआती झटके दिए, इसके बाद बाक़ी का काम भारतीय स्पिनरों ने किया।
क्या सही, क्या ग़लत?
अगर इस मैच ही नहीं इस पूरे टूर्नामेंट की बात की जाए तो जेमिमाह भारत के लिए सबसे बड़ी पॉज़िटिव साबित हुईं। उन्होंने तीन पारियों में सिर्फ़ एक बार आउट हुए 109 की औसत से 109 रन बनाए। आज के मैच में जब शेफ़ाली वर्मा जल्दी आउट हुईं तो उन्होंने ना सिर्फ़ स्मृति के साथ मिलकर पहले पारी को संभाला और बाद में रन गति को भी बढ़ाया। हालांकि उन्हें दूसरे छोर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला, जो कि भारत की सबसे बड़ी कमज़ोरी रही। जहां एक तरफ़ वह चौथे ओवर में आने के बाद पूरी पारी के दौरान एक छोर पर खड़ी रहीं, वहीं दूसरी तरफ़ भारत के मध्य और निचले मध्य क्रम के बल्लेबाज़ एक के बाद एक करके पवेलियन लौटते रहे।
भारत के लिए एक और सकारात्मक बात तितास की गेंदबाज़ी रही और उन्होंने पिछले मैच के बाद आज भी दिखाया कि वह बड़े मंच की खिलाड़ी हैं। इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान भारत की फ़ील्डिंग साधारण रही और उन्हें इस पर ध्यान देना होगा।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वश्रेष्ठ)
स्मृति मांधना, 9: स्मृति के लिए पिछला मैच कुछ ख़ास नहीं रहा था, लेकिन उन्होंने पहले ही ओवर में ख़ूबसूरत ड्राइव लगाकर अपने इरादे साफ़ कर दिए। जब एक ओवर मेडेन खाने के बाद उनकी साथी शेफ़ाली आउट हो गई, तब भी उन्होंने स्वीप और क़दमों का प्रयोग करते हुए बाउंड्री हासिल की और पारी को चलाए रखा। हालांकि वह निराश होंगी कि वह अर्धशतक नहीं पूरा कर सकीं और एक ख़राब शॉट खेलकर पवेलियन में थीं।
शेफ़ाली वर्मा, 6: शेफ़ाली ने मलेशिया के विरूद्ध 67 रन की बेहतरीन पारी खेली थी, लेकिन बांग्लादेश के विरुद्ध वह शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाईं। यहां पर तो उन्होंने और निराश किया। उनका बल्ला नहीं चल रहा था और ना ही गेंद उनके बल्ले पर आ रही थी। उन्होंने एक मेडेन ओवर खाया और फिर अगले ओवर में निराशाजनक ढंग से स्टंप आउट हुईं।
जेमिमाह रॉड्रिग्स, 9.5: जेमिमाह को अक्सर कहा जाता है कि वह बड़े मंच पर मिले मौक़ों का फ़ायदा नहीं उठा पाती हैं और अपना विकेट फेंककर आती हैं। लेकिन एशियाई खेलों में उन्होंने सबको ग़लत साबित किया। उनके लिए ना सिर्फ़ यह मैच बल्कि पूरा टूर्नामेंट था, जिसमें उन्होंने आज पहली बार आउट हुए क्रमशः 47*, 20* और 42 की पारियां खेली। उन्होंने मैदान के चारों कोने में शॉट खेले और सिंगल-डबल लेकर स्कोरबोर्ड को भी चलाए रखा।
ऋचा घोष, 6.5: पारी को तेज़ी देने के लिए ऋचा को कप्तान हरमनप्रीत कौर ने ख़ुद से पहले भेजा था और ऋचा ने भी मिडविकेट पर एक छक्का जड़कर अच्छे संकेत दिए थे। लेकिन वह स्पिन के विरूद्ध असहज थीं और जब एक बार गेंद बाहर निकली तो वह ख़ुद को बल्ला अड़ाने से नहीं रोक पाईं। हालांकि विकेटकीपिंग में उन्होंने एक अच्छा कैच और एक स्टंपिंग किया।
हरमनप्रीत कौर, 5.5: दो मैचों के प्रतिबंध के बाद आ रहीं हरमनप्रीत के लिए स्मृति-जेमिमाह ने अच्छा मंच सजाकर दिया था, लेकिन श्रीलंकाई विकेटकीपर अनुष्का संजीवनी की बेहतरीन कैच के कारण उन्हें निराश होकर जल्दी पवेलियन जाना पड़ा। हालांकि 100वें टी20आई में कप्तानी कर रहीं हरमनप्रीत ने अपनी कप्तानी से सबको प्रभावित किया। उन्होंने ख़ुद से पहले ऋचा को भेज आक्रामकता का परिचय दिया और फिर गेंदबाज़ों को भी चतुराई से बदला।
पूजा वस्त्रकर, 8: तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर पूजा वस्त्रकर ने कुछ मौक़ों पर दिखाया है कि वह पारी को बेहतरीन ढंग से फ़िनिश कर सकती हैं और कुछ लंबे शॉट लगा सकती हैं। आज भी उनसे वही उम्मीद थी, जब उन्हें दीप्ति शर्मा से पहले भेजा गया। वह एक बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में डीप मिडविकेट पर लपकी गईं। गेंदबाज़ी में उन्होंने पहले ओवर में सिर्फ़ एक रन और दूसरे ओवर को मेडेन कर दबाव बनाया, जिसका फ़ायदा उनकी साथी गेंदबाज़ तितास को मिला। आख़िरी ओवर में उन्हें एक विकेट भी मिला।
दीप्ति शर्मा, 7.5: दीप्ति शर्मा 19वें ओवर के आख़िर में बल्लेबाज़ी के लिए आई थी, इसलिए उनकी बल्लेबाज़ी पर अधिक टिप्पणी नहीं की जा सकती है। हालांकि अगर वह पारी के अंत में आती हैं तो उन्हें कुछ बड़े शॉट खेलने होंगे, जैसा कि उन्होंने एशियाई खेलों से पहले इच्छा भी जताई थी। गेंदबाज़ी में हरमनप्रीत ने उन्हें पहला ओवर दिया, लेकिन एक छक्का और एक चौका देकर उन्होंने अपने कप्तान को निराश किया। लेकिन पावरप्ले के बाद उन्होंने बेहतरीन वापसी भी की और जब ओशादी रनासिंघे (19) एक तरफ़ टिककर श्रीलंका को लक्ष्य के क़रीब ले जा रही थी, तब उनका विकेट भी लिया। चमारी अटापट्टू का कैच भी आसान नहीं था, जिसे दीप्ति ने आसान बनाया।
अमनजोत कौर, कोई अंक नहीं: युवा तेज़ गेंदबाज़ अमनजोत ने पिछले मैच में अपनी स्विंग और गति से प्रभावित किया था। हालांकि इस मैच में उन्हें गेंदबाज़ी का उतना मौक़ा नहीं मिला, इसलिए उन पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है।
देविका वैद्य, 8: देविका को बल्लेबाज़ी का मौक़ा नहीं मिला और वह भारत की सबसे आख़िरी गेंदबाज़ थीं। हालांकि उन्होंने अपनी लेग स्पिन गेंदबाज़ी से श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों को रोके रखा और पारी के अंत में एक विकेट भी हासिल किया।
राजेश्वरी गायकवाड़, 8.5: गायकवाड़ इस टूर्नामेंट में चोट के बाद और कई सवालों के साथ आ रही थीं। लेकिन आज उनका भी दिन था। उन्होंने अपनी फ़्लाइट से श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों को परेशान किया और दो बेहतरीन विकेट झटके।
तितास साधु, 9.5: आज फ़ाइनल था और फ़ाइनल तितास का दिन होता है। अंडर-19 विश्व कप फ़ाइनल के बाद उन्होंने इसे फिर से साबित किया। अपना सिर्फ़ दूसरा मैच खेल रहीं तितास ने अपनी गति, स्विंग और सीम मूवमेंट से श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों को हवा तक नहीं लगने दिया और अपने पहले ही गेंद से विकेट निकाले। लेकिन उनके लिए सबसे बड़ा विकेट श्रीलंकाई कप्तान चमारी अटापट्टू का था, जो अगर टिक गई होती तो मैच श्रीलंका के नाम भी हो सकता था। अगर जेमिमाह ने उनकी गेंद पर नीलाक्षी डिसिल्वा का एक मुश्किल कैच लपका होता, तो उनके नाम पहले ही स्पेल में चार विकेट होते। इस मैच से बहुत कुछ ले जाएंगी तितास और यह भारतीय टीम के लिए भी शुभ संकेत है, जो लगातार अच्छे तेज़ गेंदबाज़ों की कमी से जूझ रही हैं।

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं. @dayasagar95