ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज़
डेविड वॉर्नर ने टेस्ट क्रिकेट के साथ-साथ वनडे क्रिकेट से भी संन्यास की घोषणा कर दी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो 2025 के चैंपियंस ट्रॉफ़ी में वनडे खेलने के लिए वह टीम में वापस आ सकते हैं।
उन्होंने सोमवार को अपने घरेलू मैदान सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में कहा, "मैं वनडे क्रिकेट से भी संन्यास ले रहा हूं। इसके बारे में मैंने विश्व कप के दौरान सोचा था। भारत में पूरा विश्व कप खेलना और उसे जीतना एक बड़ी उपलब्धि थी। मैं इस फ़ॉर्मेंट से संन्यास लेने का निर्णय ले रहा हूं, ताकि मुझे दुनिया भर में टी20 लीगों में जाने और खेलने का समय मिल सके। इसके साथ ही हमारे वनडे टीम में कुछ युवा खिलाड़ियों को मौक़ा भी मिलेगा। मुझे पता है कि चैंपियंस ट्रॉफ़ी आ रहा है। अगर मैं अगले दो साल के समय में अच्छा प्रदर्शन करता हूं और टीम को मेरी जरूरत पड़ती है, तो मैं उपलब्ध रहूंगा।"
अगर वॉर्नर दो साल के बाद वनडे में वापसी नहीं करते हैं तो अहमदाबाद में भारत के ख़िलाफ़ खेला गया विश्व कप
फ़ाइनल उनका अंतिम वनडे रहेगा। इस फ़ॉर्मेट में उन्होंने 22 शतकों के साथ 45.30 की औसत से 6932 रन बनाए। वह पुरुषों के वनडे मैचों में ऑस्ट्रेलिया के छठे सबसे
अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं और रिकी पोंटिंग के बाद शतकों की सूची में
दूसरे स्थान पर हैं। हालांकि एक बात यह भी है कि वॉर्नर की तुलना में पोंटिंग ने 205 वनडे पारियां ज़्यादा खेली थीं।
पहले से ही उम्मीद की जा रही थी कि वॉर्नर अगले महीने वेस्टइंडीज़ के ख़िला़फ़ तीन मैचों की वनडे सीरीज में नहीं खेल पाएंगे ताकि वह दुबई कैपिटल्स के साथ आईएलटी20 में अपने करार को पूरा कर सकें। वह टी20 सीरीज़ में भी नहीं खेल पाते। हालांकि वॉर्नर ने इच्छा जताई है कि जून में होने वाले टी20 विश्व कप तक वह अपना टी20 करियर जारी रखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "यह एक ऐसा निर्णय था जिसके साथ मैं बहुत सहज था। भारत में हमने वनडे विश्व कप में जिस तरह से वापसी करते हुए ट्रॉफ़ी जीती, वह आश्चर्यजनक था। जब हम भारत में लगातार दो मैच हार गए, तो टीम में एक-दूसरे के साथ हमारे संबंध और भी मज़बूत हो गए। हालांकि फ़ाइनल जीतना कोई संयोग नहीं था। मैक्सी [ग्लेन मैक्सवेल] की शानदार पारी, कमिंस की बेहतरीन कप्तानी और जिस तरह से हमने फ़ाइनल खेला, वह अभूतपूर्व था। साथ ही सेमीफ़ाइनल में भी हमने जिस तरह का प्रदर्शन किया था, वह सराहनीय था।"
इसके अलावा वॉर्नर ने इस बात का भी खुलासा किया है कि वह पिछले साल ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के बारे में विचार कर रहे थे। उन्होंने यह सोच लिया था कि अगर उनके बल्ले से रन नहीं निकले तो ऐशेज़ में लॉर्ड्स टेस्ट के बाद संन्यास ले लेंगे।
उन्होंने कहा, "मैंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप से पहले इंग्लैंड में स्पष्ट रूप से इसके बारे में बात की थी। उस समय मेरे और मेरे फ़ॉर्म के बारे में बहुत चर्चा हो रही थी। साथ ही उज़ी (उस्मान ख़्वाजा) के साथ भी मेरी पार्टनरशिप अच्छी नहीं चल रही थी। हालांकि उसके बाद हमने एक साथ कुछ अच्छी पारियां खेलीं। मैंने कभी भी इंग्लैंड में शतक नहीं बनाया था और मैं हमेशा से वहां शतक बनाना चाह रहा था। उस सीरीज़ के दौरान हमने एक टीम के रूप में भी काफ़ी बढ़िया प्रदर्शन किया।"
वॉर्नर ने आगे कहा, "मैं टीम या चयनकर्ताओं को ऐसी स्थिति में नहीं डालना चाहता था, जहां उन्हें मेरे बारे ज़्यादा सोचना पड़े। मेरा करियर बहुत अच्छा रहा है।''