इंग्लैंड के ख़िलाफ़ विशाखापटनम में होने वाले दूसरे टेस्ट से पहले यही चर्चा है कि
सरफ़राज़ ख़ान या
रजत पाटीदार में से किसको मौक़ा मिलता है, दोनों को मिलता भी है या दोनों ही चुने जाते हैं। इस बीच बीसीसीआई डॉट टीवी पर इन दोनों ही बल्लेबाज़ों ने गंभीरता के साथ अपने करियर और टीम में चुने जाने को लेकर बातचीत की।
सरफ़राज़ ख़ान ने कहा, "यह खेल धैर्य का है। अगर मुझे टेस्ट क्रिकेट खेलना है तो मुझे धैर्य रखना होगा। जीवन में कई बार हम चीज़ों में जल्दबाज़ी करने की कोशिश करते हैं। मेरी आंखों में आंसू आ जाते थे जब मेरा चयन नहीं होता था। मेरे अब्बू [पिता] ने मुझसे कहा, 'कड़ी मेहनत करते रहो, तुम्हें कोई नहीं रोक सकता।' मुझे लगता है कि खु़द पर विश्वास रखना और धैर्य रखना बहुत महत्वपूर्ण है।"
"खु़द से अधिक मैं अपने अब्बू के लिए खुश हूं। यह गर्व का पल है कि लाखों लोग मेरे टीम में चुने जाने से खुश हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं अगले रणजी ट्रॉफ़ी मैच के लिए तैयारी कर रहा था। मैंने अपनी इंडिया ए जर्सी हटा दी थी और अपनी रणजी ट्रॉफी जर्सी पैक कर रहा था। मुझे अचानक फोन आया कि मेरा चयन हो गया है। मुझे पहले तो इस पर विश्वास नहीं हुआ, मुझे यकीन नहीं था कि मुझे वास्तव में चुना गया है। फिर मैंने घर पर लोगों से कहा, अब्बू उस समय घर पर नहीं थे, वह हमारे गांव में थे, इसलिए मैंने उन्हें और सभी को फोन किया तो मेरी पत्नी, अब्बू, अम्मी बहुत खुश और भावुक थे।"
सरफ़राज ने कहा, "हर कोई जानता है कि मेरे पिता मेरे कोच रहे हैं, इसलिए मैंने हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि उनके प्रयास व्यर्थ न जाएं, मैं चाहता था कि एक दिन भारत के लिए चुना जाऊं। अब मुझे लगता है कि मैंने जो भी काम किया है वह व्यर्थ नहीं गया है। मैं अब टीम में हूं, मैं रोमांचित हूं। मैंने एक सपना देखा है कि मेरी इंडिया ए टीम के सभी साथी मुझे बधाई दे रहे हैं, मुझसे हाथ मिला रहे हैं, मेरा स्वागत करने आ रहे हैं। राष्ट्रीय टीम में चुने जाने का सपना मुझे बार-बार आता रहेगा। मैं भारत के लिए खेल रहा हूं, रन बना रहा हूं और जो कुछ भी होता है, अच्छे के लिए होता है। यह अब एक सपना सच होने जैसा है।"
दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मध्य क्रम के बल्लेबाज़ रजत पाटीदार भी अपने चयन को लेकर उत्साहित हैं। चोटों से भरे करियर में उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों के आस-पास रहकर अपने खेल में सुधार किया।
रजत ने कहा, "जब आप चोटिल हो जाते हैं तो यह हमेशा कठिन होता है। मैंने खु़द से कहा कि मैं इस बारे में कुछ नहीं कर सकता कि मुझे ठीक होने में कितना समय लगेगा, मैं इसे बदल नहीं सकता। इसलिए मैं वर्तमान में रहा और जो कुछ भी मैं कर सकता था वह किया। चोट से उबरने के तुरंत बाद टेस्ट टीम में कॉल-अप मिलना मेरे लिए सबसे खुशी का पल है, क्योंकि मेरा सबसे बड़ा सपना हमेशा अपने देश के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना था। तो जब कॉल आया तो मैं बहुत खुश हुआ। मैं इंडिया ए के साथ था और खुश था कि जो मैंने सपना देखा था वह पूरा हो गया।"
"मैंने घरेलू क्रिकेट में कई खिलाड़ियों [जो भारत की टेस्ट टीम में हैं] के साथ खेला है। मैं राहुल द्रविड़ सर से तब बात करता रहा हूं जब मैं उनके आसपास रहा हूं। मैंने पहले रोहित [शर्मा] भाई से अधिक बात नहीं की थी, लेकिन इस दौरे पर बल्लेबाज़ी के बारे में उनसे बात करने का मौक़ा मिला। उन्होंने अपना अनुभव साझा किया। इससे मुझे आत्मविश्वास मिला है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं हमेशा एक आक्रामक बल्लेबाज़ रहा हूं, जब से मैंने घरेलू क्रिकेट में शुरुआत की है, मैंने हमेशा ये शॉट्स खेले हैं। यह मेरी आदत है। मैंने इसके लिए तैयारी की है, इसलिए यह अब एक आदत बन गई है।"
"मैं विपक्षी गेंदबाज़ों, उनकी गेंदबाज़ी के तरीक़े, उनके लगाए क्षेत्ररक्षकों को पढ़ता हूं और रोहित भाई जैसे लोगों को भी देखता हूं कि वह उन क्षेत्ररक्षकों से कैसे निपटते हैं। मैंने अपने खेल में वह सब जोड़ने का प्रयास किया है।"
"मैं हमेशा नेट के पीछे से या जहां भी संभव हो तो देखता हूं, जब विराट कोहली बल्लेबाज़ी करते हैं। मैं ख़ासतौर पर ओवर-पिच डिलीवरी के लिए उनके फु़टवर्क और उनके शारीरिक मूवमेंट को देखता हूं। मैं उसे देखने का आनंद लेता हूं और अपने खेल में वह सब जोड़ने की कोशिश करता हूं। यह आसान नहीं है, लेकिन मैं इसे एक अच्छा मौक़ा मानता हूं।"
"अगर मुझे अपनी भावनाओं को एक शब्द में बयां करना हो तो मैं कहूंगा कि मैं 'उत्साहित' हूं।"