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बुमराह के अलावा क्या किसी अन्य गेंदबाज़ ने भी 200 टेस्ट विकेट 20 से कम की औसत पर लिए हैं?

क्या किसी टेस्ट में दो विपक्षी खिलाड़ियों ने अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू भी किया है?

Jasprit Bumrah got Travis Head as his 200th Test wicket, Australia vs India, 4th Test, Melbourne, 4th day, December 29, 2024

बुमराह के अलावा 200 विकेट लेते समय किसी भी गेंदबाज़ का औसत 20 से कम नहीं था  •  Cricket Australia via Getty Images

मेलबर्न में हुए बॉक्सिंग डे टेस्ट और सिडनी में हुए न्यू ईयर टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया का कोई भी खिलाड़ी अपनी उम्र के 20s में नहीं था। सैम कॉन्स्टास 19 साल के हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया के बाक़ी खिलाड़ियों की उम्र 30 पार है। ऐसा पहले भी कभी हुआ है?
ऐसा कभी नहीं हुआ है। हालांकि चार बार ऐसा ज़रूर हुआ है कि किसी टीम के सभी 11 खिलाड़ी 30 के ऊपर के हों। दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 में जब न्यूज़ीलैंड की टीम कराची में दो टेस्ट मैचों के लिए पाकिस्तान से भिड़ी थी, तब उनके सबसे कम उम्र के खिलाड़ी ईश सोढ़ी 30 साल दो महीने के थे। इसके बाद फ़रवरी 2023 में जब कीवी टीम वेलिंगटन में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उतरी, तो उनके सबसे युवा सदस्य विल यंग 30 साल तीन महीने के थे।
1921 के ऐशेज़ सीरीज़ के दौरान हेडिंग्ली टेस्ट में इंग्लैंड की पूरी टीम 30 साल से ऊपर की थी, जबकि उनके 11 में से चार खिलाड़ी डेब्यू कर रहे थे।
जसप्रीत बुमराह के अलावा क्या किसी अन्य गेंदबाज़ ने भी 200 टेस्ट विकेट 20 से कम की औसत से लिया है?
मेलबर्न टेस्ट के दौरान ट्रैविस हेड को आउट करके जसप्रीत बुमराह ने अपना 200वां टेस्ट विकेट पूरा किया है। इस टेस्ट की समाप्ति तक बुमराह के नाम 19.42 की औसत से 203 विकेट थे।
किसी भी अन्य गेंदबाज़ का औसत 200 टेस्ट विकेट तक पहुंचने के समय तक 20 से कम नहीं था। वेस्टइंडीज़ के तेज़ गेंदबाज़ जोएल गार्नर का औसत अपने 200वें टेस्ट विकेट के समय 20.34 था।
ज़िम्बाब्वे के ब्रायन बेनेट ने अपना पहला टेस्ट शतक और पहला पंजा अपने दूसरे मैच के दौरान एक साथ ही बनाया। ऐसा पहले कभी हुआ है?
अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ बुलवायो के पहले टेस्ट की पहली पारी में ज़िम्बाब्वे के ब्रायन बेनेट ने नाबाद 110 रन बनाने के साथ-साथ पांच विकेट भी लिए। वह ऐसा करने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने दूसरे ही मैच में पहला शतक लगाने के साथ-साथ ही पहला पंजा भी खोला हो। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के जैक ग्रेगरी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 1921 में और वेस्टइंडीज़ के रोस्टन चेज़ भारत के ख़िलाफ़ 2016 में ऐसा कर चुके हैं।
न्यूज़ीलैंड के ब्रूस टेलर ने अपना पहला शतक और पहला पंजा अपने डेब्यू मैच में ही बनाया था। हालांकि बेनेट (21 साल) ऐसा करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं।
इयन बाथम ने पांच और आर अश्विन ने चार बार ऐसा किया है, जब उनके नाम एक ही टेस्ट में शतक और पंजा दोनों दर्ज हो। ज़िम्बाब्वे के लिए इससे पहले पॉल स्ट्रैंग ने एक ही मैच में पंजा और शतक दोनों बनाया था।
बुलवायो के पहले टेस्ट के दौरान दोनों देशों के एक-एक खिलाड़ी प्रथम श्रेणी डेब्यू भी कर रहे थे। ऐसा पहले कब हुआ था?
बुलवायो के पहले टेस्ट के दौरान छह खिलाड़ियों ने टेस्ट डेब्यू किया, जिसमें दो खिलाड़ियों- ज़िम्बाब्वे के न्यूमैन न्यामहूरी और अफ़ग़ानिस्तान के अल्लाह ग़ज़नफ़र का यह प्रथम श्रेणी डेब्यू भी था। 1900 के बाद से सिर्फ़ ऐसा आठ बार ही हुआ है, जब किसी टेस्ट में किसी खिलाड़ी ने अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू भी किया हो। हालांकि 1900 से पहले यह बहुत सामान्य था, क्योंकि साउथ अफ़्रीका में तब घरेलू प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट नहीं होता था।
इंग्लैंड और साउथ अफ़्रीका के बीच 1896 के पोर्ट एलिज़ाबेथ टेस्ट में इंग्लैंड के ऑडली मिलर और साउथ अफ़्रीका के जोसेफ़ विलोबाय ने प्रथम श्रेणी डेब्यू भी किया था और यह किसी टेस्ट में दोनों टीमों सो प्रथम श्रेणी डेब्यू की आख़िरी घटना थी।

Steven Lynch is the editor of the updated edition of Wisden on the Ashes