गौड़: मैंने बस अपनी लाइन और लेंथ पर ध्यान दिया
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच में भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ने तीन विकेट लिए
शशांक किशोर
06-Oct-2025 • 11 hrs ago
विकेट लेने के बाद गौड़ • Associated Press
मई 2025 में 22 साल की क्रांति गौड़ को आर प्रेमदासा स्टेडियम में भारत के लिए डेब्यू की सूचना मिली थी। इस दौरे पर उन्हें शुरुआत में रिज़र्व के तौर पर चुना गया था क्योंकि भारत अपनी दो सीनियर खिलाड़ियों रेणुका सिंह और पूजा वस्त्रकर की रिहैब रिपोर्ट का इंतज़ार रहा था।
उनका डेब्यू साधारण रहा और पहले मैच में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। इसके बाद वह इंग्लैंड दौरे पर गईं।
जब उन्होंने डरहम में छह विकेट लिए, तब यह बात साफ़ हो गई कि गौड़ ने विश्व कप में अपनी जगह पक्की कर ली है, चाहे चोटिल तेज़ गेंदबाज़ लौटें या नहीं।
रविवार को गौड़ ने पाकिस्तान के शीर्ष क्रम को अपने नई गेंद के स्पेल से हिला दिया। उन्होंने कोलंबो में भारत की 88 रन की जीत में 3 विकेट लिए। मध्य प्रदेश के ग्रामीण कस्बे घुवारा के मुहल्ले में एक बड़ी LED स्क्रीन लगाकर यह मैच देखा गया।
गौड़ ने प्लेयर ऑफ़ द मैच बनने के बाद कहा, "बात बस लाइन और लेंथ पर ध्यान देने की थी। मैंने ज़्यादा सोचा नहीं। बाउंसर या स्लोअर जैसी चीज़ें तो हालात पर निर्भर करती हैं। कोच ने कहा था कि हालात के हिसाब से लेंथ थोड़ी पीछे रखो, वही किया।"
यह सिर्फ़ कोच की बात को मानना भर नहीं था, उन्होंने कप्तान से अपनी पसंद के फ़ील्ड भी लगवाए। 12वें ओवर में लगातार छठे ओवर के लिए जब गौड़ गेंदबाज़ी कर रही थीं और गेंद अपनी चमक खो रही थी, तब हरमनप्रीत कौर ने दीप्ति शर्मा को स्लिप से हटाया, लेकिन गौड़ ने उन्हें वापस वहीं खड़ा करने को कहा।
नतीजा? आलिया रियाज़ गेंद की लेट मूवमेंट से बीट हुईं और दीप्ति ने स्लिप में कैच पकड़ा। उत्साहित गौड़ ने तुरंत कप्तान की ओर देखा, जिन्होंने दौड़कर उनकी तारीफ़ की।
गौड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, "गेंद शुरू में बहुत स्विंग कर रही थी। फिर जब गेंद पुरानी हो गई तो हरमन ने स्लिप हटाना चाहा, लेकिन मैंने कहा, 'नहीं दीदी, इस ओवर स्लिप रखो।' मुझे भीतर से अहसास था कि विकेट मिलेगा और पहली ही गेंद पर मिला।"
भारत की जीत में दूसरा योगदान निचले क्रम की बल्लेबाज़ी थी। गौड़ ने ऋचा घोष के साथ 21 रन जोड़कर टीम को 247 तक पहुंचाया। उन्होंने 4 गेंदों पर 8 रन बनाए, जिनमें दो चौके शामिल थे।
उन्होंने कहा, "ऋचा ने कहा अगर गेंद हिट करने लायक है तो मारो, वरना मुझे सिंगल दो। बस कुछ ही ओवर बचे थे, जितना हो सके उतना स्कोर करना था। पहली गेंद हिट करने लायक थी, मैंने चौका मारा। फिर उन्होंने कहा ऐसे ही खेलो। दूसरी शॉर्ट गेंद थी, तो मैंने फिर से मारी। आगे भी ऐसे ही अच्छा खेलना चाहती हूं।"
गौड़ मानती हैं कि आगे और मुश्किल इम्तिहान होंगे, लेकिन रविवार का मंच छोटा नहीं था। उन्होंने कहा, "मैं भारत-पाकिस्तान या और किसी चीज़ के बारे में नहीं सोच रही थी। मेरा काम गेंदबाज़ी करना है और मैं वही कर रही थी।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo के वरिष्ठ संवाददाता हैं