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दुबई में खेलने के विवाद पर गंभीर : कुछ लोगों को हमेशा शिक़ायत करने की आदत होती है

भारत के मुख्य कोच ने कहा कि उन्हें दुबई में हर मैच खेलने का कोई 'अनुचित लाभ' नहीं मिला

Shreyas Iyer gets creative, Australia vs India, Champions Trophy semi-final, Dubai, March 4, 2025

सेमीफ़ाइनल में खेली गई पिच पिछले कुछ दुबई की पिचों से अधिक आसान थी  •  ICC via Getty Images

भू-राजनीतिक मुद्दों के कारण भारत चैंपियंस ट्रॉफ़ी के लिए मेजबान देश पाकिस्तान नहीं गया और अपने सभी मैच दुबई में खेले हैं। इस कारण अन्य टीमों को पाकिस्तान की यात्रा करनी पड़ी और फिर भारत के ख़िलाफ़ खेलने के लिए दुबई भी आना पड़ा।
अब यह कहा जा रहा है कि इससे भारत को दो तरह से फायदा हुआ- उनके खिलाड़ियों को कम यात्रा करनी पड़ी और उनके सभी मैच एक ही मैदान पर हुए। कोच गौतम गंभीर ऐसे आरोपों से ज़रूर चिढ़े हुए दिखें और उन्होंने सीधे पूछे बिना भी ऐसी बातों को ज़ोर देकर नकार दिया।
गंभीर से पूछा गया कि क्या भारत को दुबई की परिस्थितियों के बारे में पता था, जब उन्होंने अपने 15-सदस्यीय दल में पांच स्पिनरों को चुना। हालांकि इनमें से तीन ऑलराउंडर हैं। गंभीर ने जवाब में "हमेशा शिक़ायत करने वालों" पर निशाना साधा।
गंभीर ने कहा, "देखिए, सबसे पहले, यह हमारे लिए उतना ही सामान्य मैदान है, जितना किसी और टीम के लिए। हमने यहां नहीं खेला है। मुझे याद नहीं कि हमने आख़िरी बार यहां कब खेला था। और सच कहूं तो हमने ऐसी कोई योजना नहीं बनाई थी। योजना यह थी कि अगर आप 15 खिलाड़ियों की टीम में दो मुख्य स्पिनर चुनते हैं, तो चाहे हम पाकिस्तान में या कहीं भी खेलते, हम दो मुख्य स्पिनर ही चुनते क्योंकि यह उपमहाद्वीप में होने वाली एक प्रतियोगिता थी।
"इसलिए ऐसा नहीं है कि हम स्पिनरों का जाल बिछाना चाहते थे। अगर आप देखें तो हमने पहले दो मैचों में सिर्फ़ एक मुख्य स्पिनर को खिलाया। हमने इस मैच और पिछले मैच में दो मुख्य स्पिनर खिलाए। जहां तक 'अनुचित फ़ायदे' की बात है और इसके बारे में बहुत बहस हो रही है तो कैसा अनुचित फ़ायदा? हमने यहां एक दिन भी अभ्यास नहीं किया है, हम ICC अकादमी में अभ्यास कर रहे हैं। वहां और यहां की परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं। कुछ लोग सिर्फ़ हमेशा शिक़ायत करते रहते हैं यार, उन्हें समझदार होना चाहिए। मुझे लगता है कि ऐसा कुछ नहीं था कि हमें कोई अनुचित फ़ायदा मिला हो।"
यह कहना सही होगा कि हारे हुए कप्तान स्टीव स्मिथ उन शिक़ायत करने वालों में से नहीं हैं। उन्होंने मैच से पहले भारत के किसी भी फ़ायदे को कम करके आंका और बाद में भी जब उनसे इसके बारे में दोबारा पूछा गया तो उन्होंने कहा, "देखिए, मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता। मुझे लगता है कि यह जैसा है, वैसा ही है। भारत ने यहां वाकई अच्छा क्रिकेट खेला। उनके पास जिस तरह के स्पिनर और तेज़ गेंदबाज हैं, यह पिच उनकी शैली के अनुकूल है। उन्होंने अच्छा खेला और हमें हराया। वे जीत के हक़दार हैं।"
एक अन्य सवाल के जवाब में गंभीर ने कहा, "आपने एक बहुत अच्छा शब्द इस्तेमाल किया कि हमने 'बिना किसी ग़लती के क्रिकेट' खेला। मुझे लगता है कि हां, हमने खेला, लेकिन हमें अभी एक और मैच खेलना है। हम जानते हैं कि हम एक अच्छी एकदिवसीय टीम हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने इस प्रतियोगिता में वास्तव में अच्छा खेला है। देश के लिए कुछ ख़ास करने की भूख, प्रतिबद्धता और उत्सुकता हमेशा ड्रेसिंग रूम में रहती है।
"अंतर्राष्ट्रीय खेल में, आप सुधार करते रहना चाहते हैं, सुधार की हमेशा गुंजाइश होती है। बल्लेबाज़ी, क्षेत्ररक्षण या गेंदबाज़ी में सुधार करने के लिए हमेशा कुछ न कुछ होता है। हमने अभी तक एक भी परफेक्ट गेम नहीं खेला है और हमें अभी एक और मैच खेलना है। उम्मीद है कि हम एक परफेक्ट गेम खेल सकते हैं।
"मैं उस तरह का व्यक्ति हूं, जो प्रदर्शन से कभी संतुष्ट नहीं होता हूं। हम सुधार करते रहना चाहते हैं, हम विनम्र रहना चाहते हैं, लेकिन क्रिकेट के मैदान पर निर्दयी भी बनना चाहते हैं। यह कुछ उस तरह की संस्कृति है, जिसे हम ड्रेसिंग रूम में बनाना चाहते हैं और बिल्कुल ईमानदार बनना चाहते हैं। इसलिए उम्मीद है कि हम एक और अच्छा मैच खेल सकते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं।"