मैच (11)
IPL (2)
विश्व कप लीग 2 (1)
County DIV1 (3)
County DIV2 (4)
Women's One-Day Cup (1)
ख़बरें

IPL में इस्तेमाल होगा स्मार्ट रिप्ले सिस्टम, तेज़ और सटीक रिव्यू में आएगा काम

नए सिस्टम में टीवी अंपायर और हॉक-आई ऑपरेटर साथ बैठेंगे

KL Rahul speaks with umpire KN Ananthapadmanabhan after a DRS call against Devdutt Padikkal was turned down, Royal Challengers Bangalore vs Punjab Kings, IPL 2021, Sharjah, October 3, 2021

नए सिस्टम में रिव्यू के समय सटीक फ़ैसले लेना होगा आसान  •  BCCI

IPL 2024 में स्मार्ट रिप्ले सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, जिससे निर्णय लेने में तेज़ी आए और निर्णय अधिक सटीक लिए जा सकें।
ESPNcricinfo को पता चला है कि स्मार्ट रिप्ले सिस्टम में टीवी अंपायर को हॉक-आई ऑपरेटर्स से सीधे जानकारी मिलेगी और दोनों एक ही कमरे में बैठेंगे। अंपायर को हॉक-आई के आठ हाई स्पीड कैमरों से ली गई फोटो मिलेगी। अब तक टीवी ब्रॉडकास्ट डॉयरेक्टर अंपायर और हॉक-आई के बीच की कड़ी होता था और अब नए सिस्टम में उसकी संलिप्तता ख़त्म हो जाएगी।
ऐसा माना जा रहा है कि नए सिस्टम से टीवी अंपायर के पास अधिक विजुअल देखने की सहूलियत होगी, लेकिन पहले ऐसा नहीं हो पाता था। उदाहरण के तौर पर अगर किसी फ़ील्डर ने बाउंड्री पर कैच पकड़ा है तो पहले टीवी ब्रॉडकास्टर फ़ील्डर के हाथ और पैर दोनों को एक साथ स्प्लिट स्क्रीन पर नहीं दिखा पाते थे। नए सिस्टम में एक स्प्लिट स्क्रीन में अंपायर के पास गेंद पकड़े जाने, छोड़े जाने के साथ ही पैरों की फ़ुटेज भी मौज़ूद रहेगी।
मान लीजिए कि एक ओवरथ्रो चौके के लिए गया है तो ऐसे में भी एक स्प्लिट स्क्रीन में देखा जा सकेगा कि जब फ़ील्डर ने गेंद को रिलीज़ किया था, उस समय बल्लेबाज़ों ने छोर बदले थे अथवा नहीं (उदाहरण के लिए 2019 वनडे विश्व कप के फ़ाइनल को याद करिए)। पहले टीवी अंपायर को ऐसे दृश्य देखने को नहीं मिल पाते थे क्योंकि ब्रॉडकास्टर दोनों फोटो को साथ नहीं दिखा पाते थे।
हर मैच में आठ हॉक-आई कैमरा लगे होते हैं: दो सामने की तरफ़ दोनों बाउंड्री पर और दो विकेट के दोनों तरफ़ स्क्वेयर की ओर। IPL 2023 के पहले तक हॉक-आई का इस्तेमाल मुख्य रूप से बॉल ट्रैकिंग और अल्ट्राऐज़ के लिए किया जाता था। पगबाधा और बल्ले का किनारा देखने के अलावा ब्रॉडकास्टर अधिकतर मामलों में अपने कैमरा की फ़ुटेज़ का ही इस्तेमाल किया करते थे। इसमें स्टंपिंग, रन आउट, कैच और ओवरथ्रो सब शामिल होते थे।
स्टंपिंग के मामले में स्मार्ट रिव्यू सिस्टम के अंदर टीवी अंपायर हॉक-आई ऑपरेटर्स से स्प्लिट स्क्रीन की मांग कर सकते हैं। अग़र बल्ले और गेंद का संपर्क नहीं होना साफ़ है तो वह अल्ट्राएज़ की मांग नहीं करेंगे और सीधे साइड-ऑन रिप्ले से देखने की कोशिश करेंगे कि स्टंपिंग है या नहीं। अग़र अंपायर यह तय नहीं कर पाए कि बल्ले और गेंद का संपर्क हुआ है या नहीं तभी अल्ट्राऐज़ की मांग की जाएगी।
स्टंपिंग के लिए नया सिस्टम टीवी अंपायर को साइड-ऑन कैमरा के साथ ही फ़्रंट-ऑन कैमरा की फ़ुटेज़ एक ही फ़्रेम में दिखा देगा। फ़्रंट-ऑन कैमरा का एंगल अहम है क्योंकि इससे साफ़ तौर पर पता चल पाता है कि गिल्लियां कब बिखेरी गईं। पहले ब्रॉडकास्टर दोनों तरफ़ से साइड-ऑन एंगल दिखाते थे और इसके साथ ही स्टंप में लगे कैमरा का एंगल भी दिखाया जाता था। स्टंप कैमरा धीमी गति से एक्शन को रिकॉर्ड करता है और इसकी तुलना में हॉक-आई कैमरा छह गुना तेज़ रिकॉर्ड करता है।
स्मार्ट रिव्यू सिस्टम में उस हालत में भी काफ़ी मदद मिलेगी जब ग्राउंड से कुछ इंच ऊपर कैच पकड़े जाते हैं। ऐसे मामलों में टीवी अंपायर के फैसलों पर पहले काफ़ी सवाल खड़े हो चुके हैं। पुराने सिस्टम में टीवी अंपायर टीवी डॉयरेक्टर से उनका बेस्ट एंगल दिखाने को बोलते थे और देखने की कोशिश करते थे कि गेंद को पकड़े जाने से पहले वह उछली है या फ़िर फ़ील्डर की उंगलियां गेंद के नीचे थी। जूम-इन पर भी कई बार सही सबूत नहीं मिल पाते थे।
स्मार्ट रिव्यू सिस्टम में हॉक-आई सीधे सिंगल फ्रेम दिखाएगा जिसमें फ्रंट-ऑन और साइड-ऑन दोनों एंगल के फोटो होंगे। इसके बाद टीवी अंपायर किसी एक एंगल के लिए जूम-इन की मांग कर सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि टीवी अंपायर और हॉक-आई ऑपरेटर के बीच होने वाली बातचीत को लाइव सुना जा सकेगा जिससे कि दर्शकों को निर्णय के पीछे की प्रक्रिया आसानी से समझ आ सके।
टी-20 क्रिकेट में खेल की गति काफ़ी अहम है और स्मार्ट रिव्यू सिस्टम अनावश्यक चीज़ों को हटाकर कम से कम समय में सही निर्णय तक पहुंचने में मदद कर सकता है। एक अच्छा उदाहरण पगबाधा की रिव्यू है। अब तक की प्रक्रिया के हिसाब से टीवी अंपायर को शुरू में स्पिन विज़न दिया जाता है जो कि सामने की तरफ़ वाली बाउंड्री के बाहर लगे दोनों कैमरों से आते हैं। अग़र गेंद बल्ले के क़रीब है तो टीवी अंपायर अल्ट्राऐज़ की मांग करते हैं।
जब अंपायर को लगता है कि गेंद और बल्ले का संपर्क नहीं हुआ है तब वह बॉल ट्रैकिंग के लिए आगे बढ़ता है। स्मार्ट रिव्यू सिस्टम में अग़र हॉक-आई ऑपरेटर देख लेता है कि गेंद लेग स्टंप के बाहर पिच हुई है तो वह तुरंत अंपायर को बता देगा और फिर वे बॉल ट्रैकिंग को ही महत्व देंगे।
ECB ने पहले द हंड्रेड में ऐसे ही रेफरल सिस्टम का ट्रायल किया था। BCCI ने मुंबई में बीते रविवार और सोमवार को चुनिंदा अंपायर्स के साथ दो दिन का वर्कशॉप मुंबई में किया था। ऐसा बताया जा रहा है कि भारत और विदेश के अंपायर्स को मिलाकर कुल 15 अंपायर IPL 2024 के दौरान स्मार्ट रिप्ले सिस्टम पर काम करेंगे।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं।