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चिन्नास्वामी भगदड़: नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए KSCA के सचिव और कोषाध्यक्ष ने इस्तीफ़ा दिया


इस्तीफ़े की चिट्ठियां KSCA अध्यक्ष रघुराम भट को सौंपी गई हैं

Shashank Kishore
शशांक किशोर
07-Jun-2025 • 11 hrs ago
Royal Challengers Bengaluru fans in large numbers outside the M Chinnaswamy Stadium, Bengaluru, June 4, 2025

बुधवार को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बड़ी संख्या में जुटे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के प्रशंसक  •  AFP/Getty Images

कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के दो वरिष्ठ अधिकारियों सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ईएस जयराम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL 2025 जीत के जश्न के दौरान बुधवार को हुई भगदड़ के लिए "नैतिक ज़िम्मेदारी" लेते हुए अपने पदों से इस्तीफ़ा दे दिया है। उनके इस्तीफ़े KSCA अध्यक्ष रघुराम भट को सौंपे गए हैं।
इस समारोह का आयोजन RCB की 18 प्रयासों में पहली IPL ट्रॉफ़ी जीत का उत्सव मनाने के लिए किया गया था, लेकिन इस दौरान 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए
शुक्रवार रात KSCA को भेजे अपने पत्र में शंकर और जयराम ने लिखा, "पिछले दो दिनों में जो अप्रत्याशित और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटी हैं, और भले ही हमारी भूमिका बहुत सीमित थी, पर नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए, हम यह बताना चाहते हैं कि हमने बीती रात KSCA के सचिव और कोषाध्यक्ष पद से अपने इस्तीफ़े सौंप दिए हैं।"
बेंगलुरु पुलिस ने गुरुवार को RCB फ़्रैंचाइज़ी के ख़िलाफ़ एक पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की। ESPNcricinfo द्वारा देखी गई FIR में पुलिस ने कहा कि उन्होंने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में इस कार्यक्रम को आयोजित करने की अनुमति RCB को नहीं दी थी, और वहीं भगदड़ हुई। FIR में RCB को पहला आरोपी बनाया गया है, साथ ही DNA एंटरटेनमेंट (RCB के इवेंट पार्टनर) और स्टेडियम संचालित करने वाले KSCA को भी नामज़द किया गया है।
शुक्रवार को पुलिस ने पुष्टि की कि नए नियुक्त पुलिस आयुक्त एसके सिंह के निर्देश पर RCB के मार्केटिंग और राजस्व प्रमुख निखिल सोसले को गिरफ़्तार किया गया है। सिंह ने अपने पद के पूर्ववर्ती को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा हटाए जाने के बाद ज़िम्मेदारी संभाली थी।
बाद में दिन में KSCA ने एक रिट याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने FIR को पुलिस द्वारा राज्य सरकार के दबाव में उठाया गया "जल्दबाज़ी में लिया गया" कदम बताया।
KSCA ने यह भी कहा कि भीड़ के अचानक उमड़ने और दबाव के चलते हुई दुर्घटना थी, न कि किसी जानबूझकर की गई लापरवाही का नतीजा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि गेट और भीड़ प्रबंधन की ज़िम्मेदारी KSCA की नहीं थी, बल्कि यह RCB, आयोजनकर्ता और पुलिस की ज़िम्मेदारी थी।
KSCA की ओर से दलील देने वाले वकील ने निखिल सोसले की गिरफ़्तारी पर भी सवाल उठाए और इसे "टारगेटेड" कार्रवाई बताया। सोसले ने अपनी गिरफ़्तारी को अदालत में चुनौती दी और कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख़ किया।
RCB ने गिरफ़्तारी के बाद अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि गुरुवार को फ़्रैंचाइज़ी ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवज़ा देने और घायलों के इलाज का ख़र्च उठाने की घोषणा की थी।

शशांक किशोर ESPNcricinfo के वरिष्ठ संवाददाता हैं