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क्या क्रिकेट के प्रारूपों के संतुलन को सुलझाने में पहले ही बहुत देर हो चुकी है?

टी20 विशेष रूप से आईपीएल एक ऐसी गति विस्तार कर रहा है जहां खेल का आकार पहचान से परे खड़ा हो सकता है

A view of the Royal Challengers Bangalore's table at the IPL auction, Bengaluru, February 13, 2022

फ्रै़ंचाइज़ी क्रिकेट ने टी20 प्रारूप पर दबाव बढ़ाया है  •  Arjun Singh/BCCI

भविष्य की पूरी तरह से कल्पना या योजना नहीं बनाने के लिए किसी को भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, लेकिन क्रिकेट अपने विभिन्न प्रारूपों के रास्तों की ठीक से योजना नहीं बनाने के लिए निंदा का पात्र है।
टी20 क्रिकेट के अस्तित्व में आने के समय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक स्थिर खाका तैयार करने के लिए प्रशासकों के पास पर्याप्त समय और अवसर था। इसमें आगे बढ़ने का एक तरीका होना चाहिए था।
इसके बजाय, आईपीएल ने चतुराई से खु़द को फ़्रैंचाइज़ी क्रिकेट में प्रमुख आयोजन के रूप में स्थापित किया, अपने लिए एक विशेष विंडो प्राप्त की। इससे कोई नुक़सान नहीं हुआ कि उन्होंने यह भी तय किया कि लीग में विशेष रूप से खेलने के लिए भारतीय खिलाड़ियों को अच्छी तरह से मुआफ़जा दिया जाए।
आईपीएल अब सूक्ष्म रूप से क्रिकेट के भविष्य को तय करता है क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय फ़्रैंचाइज़ी ख़रीदने के लिए अपने पंख फैला रहा है। इस बीच खिलाड़ियों पर पहले से कहीं अधिक वित्तीय दबदबा है और खेल में उनके भविष्य पर पर्याप्त नियंत्रण है।
प्रशासक कभी सोच भी नहीं सकते थे कि 1977 की वर्ल्‍ड सीरीज़ क्रिकेट क्रांति अंततः खिलाड़ी शक्ति को बदल देगी। वर्ल्‍ड सीरीज़ के आने तक यदि खिलाड़ी एक नियंत्रित बोर्ड के पारिश्रमिक से नाखु़श थे, तो उनके पास कहीं ओर से खेलने का चारा नहीं था। अब एक खिलाड़ी अगर दिए जा रहे पैसे से नाखु़श है तो वह अपने होम बोर्ड को झील में कूदने (अपना टूर्नामेंट शुरू करने) को कह सकता है और फिर विश्व फ़्रैंचाइज़ी बाज़ार में अपना व्यापार कर सकता है।
यह स्थिति दिख भी रही है क्योंकि आईपीएल फ़्रैंचाइज़ी वेस्टइंडीज़, साउथ अफ़्रीका, यूएई और यूएसए में अंतरराष्ट्रीय लीगों में टीमों को ख़रीदकर विस्तार कर चुकी है। इस तरह की सफलता से उत्साहित आईपीएल वर्तमान में व्यक्तिगत खिलाड़ियों को लंबी अवधि के अनुबंध की पेशकश करके निवेश करने पर विचार कर रहा है। यह अंततः खिलाड़ियों को उनके राष्ट्रीय बोर्डों के साथ अनुबंध से मना करते हुए विभिन्‍न लीगों में अपनी आईपीएल फ़्रैंचाइज़ी का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए प्रेरित कर सकता है। प्रशासकों द्वारा दूरदर्शिता की कमी ने खिलाड़ियों को वित्तीय लाभ दिया है और आईपीएल मालिकों को समृद्ध होने दिया है।
इस बात का ख़तरा है कि आईपीएल फ़्रैंचाइज़ी बड़े व्यवसाय के तौर पर क्रिकेट पर हावी हो जाएंगे और यह टी-20 भविष्य का स्वीकृत तरीका बन जाएगा।
जब दर्शक खु़शी से टी20 देखने के लिए भुगतान करते हैं और प्रायोजक और मीडिया आउटलेट खेल के अधिकारों के लिए पर्याप्त पैसा देने को तैयार हैं, यह महत्वपूर्ण है कि क्रिकेट एक संतुलन बनाए रखे। खेल को अपने शेड्यूलिंग में विविधता की ज़रूरत है लेकिन बड़ा व्‍यवसाय इस बारे में नहीं सोचता है। जैसा कि वर्ल्‍ड सीरीज़ क्रिकेट के क्रांतिकारी नेता और व्यवसायी केरी पैकर ने कहा, "कभी भी किसी मीडिया संगठन को अपना खेल चलाने न दें।"
अत्यधिक सफल आईपीएल की मदद से भारत क्रिकेट पर हावी है और बीसीसीआई आईसीसी के वित्तीय रकम का एक बड़ा हिस्सा मांग रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत क्रिकेट की महाशक्ति है, लेकिन खेल को किसी एक राष्ट्र के अधीन होने के बजाय समग्र रूप से समृद्ध होना चाहिए। खेल कई बड़े देशों को कम वित्त पोषित नहीं कर सकता।
क्रिकेट के पास खेल की निगरानी के लिए एक निकाय नियुक्त करने का अवसर था, साथ ही एक समझदार खेल कार्यक्रम भी था। इसके बजाय, स्व-हित और राजनीतिक शक्ति का बोलबाला रहा और इसने आईपीएल को बढ़ावा देने में स्‍वतंत्रता दी।
कोई भी खिलाड़ियों को बड़े वित्तीय पुरस्कारों को स्वीकार करने के लिए दोष नहीं दे सकता क्योंकि उनके पास केवल एक छोटा करियर है जिसमें वे अपनी कमाई को भुनाना चाहते हैं। इसी तरह आईपीएल ने बाजार में कमज़ोरी को पहचाना और अब इसका पूरा फ़ायदा उठा रहा है। पिछले वर्षों में प्रशासकों की दूरदर्शिता की कमी के कारण यह कमज़ोरी और बढ़ गई थी।
यदि प्रशासक पहले खेल में विभिन्न हितधारकों को शामिल करते, तो वे बेहतर ढंग से क्रिकेट के भविष्य की योजना बना सकते थे और पैसा अब अधिक समान रूप से वितरित किया जा सकता था। खिलाड़ियों, प्रशासकों, प्रायोजकों और प्रशंसकों की विभिन्न रायों को ध्यान में रखते हुए क्रिकेट भविष्य के लिए एक ठोस रोडमैप तैयार किया जा सकता था और यह सुनिश्चित कर सकता था कि खेल की लोकप्रियता उसी के अनुसार बढ़े।
अब एक ख़तरा है कि बहुत अधिक धन बहुत कम लोगों के हाथों में समाप्त हो जाएगा और टी20 लीग क्रिकेट शेड्यूल पर हावी हो जाएगी।
ग्राहकों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए क्रिकेट को खेलने के विभिन्न प्रारूपों में विविधता की ज़रूरत है। इस बात का ख़तरा है कि इस सिद्धांत की अनदेखी की जाएगी और क्रिकेट के सामान्य ज्ञान पर बड़ी व्यावसायिक सोच हावी होने पर खेल का नाजु़क संतुलन बिगड़ जाएगा।

इयन चैपल ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व कप्‍तान हैं