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भारतीय टीम के नेट्स में दिखा पाटीदार बनाम सरफ़राज़

गेंदबाज़ भी इस तरह का अभ्‍यास करते दिखे कि कैसे बल्‍लेबाज़ों को स्‍वीप और रिवर्स स्‍वीप से रोका जाए

Shreyas Iyer, Sarfaraz Khan, Rajat Patidar, Yashasvi Jaiswal in action at India's training session, Vizag, January 31, 2024

ट्रेनिंग सत्र में सरफ़राज और रजत के साथ बाक़ी भारतीय खिलाड़ी  •  Getty Images

भारत का विशाखापत्‍तनम में बुधवार का ट्रेनिंंग सत्र सभी के लिए जरूरी था। लेकिन सभी की निगाहें दो नए खिलाड़ी सरफ़राज ख़ान और रजत पाटीदार पर थीं। यहां तक कि बीसीसीआई के कंटेंट क्रिएटर भी उनको ही फ़ॉलो करते दिखे।
सरफ़राज़ नेट्स पर सबसे अंत में आए और दोपहर में ऐसे इंसान के साथ समय बिताया जिसने उनका सपना पूरा किया, कोई और नहीं रोहित शर्मा
यह बातचीत लंबी थी। हाथ हिलाए जा रहे थे और सर लगातार हिल रहे थे। कुछ सोच के साथ हल्‍का सा पॉज़ था और हंसी मज़ाक भी था। बाक़ी सभी बल्‍लेबाज़ी या गेंदबाज़ी में व्‍यस्‍त थे लेकिन ये दोनों लगातार बातचीत कर रहे थे जैसे किसी स्‍कूल के बैक बेंचर्स।
फ‍िर आख़‍िरकार सरफ़राज़ का समय आया। वह गए और खुली हुई किट में से बल्‍ला निकाला। सूरज की चमक बल्‍ले पर पड़ रही थी और पीले रंग का स्टिकर इस पर था। कुछ ऐसा जहां बॉलीवुड भी अभी तक हीरो का इंट्रो इस तरह से नहीं कराया हो। 2020 से सरफ़राज़ का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 84.42 की औसत है। अब कंधे पर उस थपक का समय आ चुका था।
इस बीच जब यह सब हो रहा था तो रजत पाटीदार भी अपने काम में व्‍यस्‍त थे। उन्‍होंने स्पिनरों पर हिट के साथ शुरुआत की। पहली छह गेंद में से चार उन्‍होंने कई तरह की स्‍वीप से जुटाए। कई फ़ारवर्ड पुश थे क्‍योंकि मोहम्‍मद सिराज स्‍ट्रोकप्‍ले का मौक़ा देने के मूड में नहीं थे।
भारत हैदराबाद की ग़लती नहीं दोहराने पर काम कर रहा था जहां वे इंतज़ार कर रहे थे कि स्पिनर ख़राब गेंद करें और रन बनाए और ऐसा कभी नहीं हुआ। यहां तक कि कुलदीप यादव समेत हर बल्‍लेबाज़ आक्रामक दिखा। पाटीदार को सरफ़राज़ से पहले टीम से बुलावा आया था और टीम प्रबंधन ने पहले आओ, पहले पाओ की रणनीति अपनाई।
इस सेशन में वह फ़ारवर्ड डिफ़ेंस से अधिक शॉट खेलते दिखे। पाटीदार चाहे अगला पैर निकाल रहे हों या बैकफ़ुट पर जा रहे हों वह आंखों के नीचे गेंद को खेलते दिखे। उन्‍होंने आर अश्विन पर रिवर्स खेला। यह मुमकिन भी था क्‍योंकि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका औसत क़रीब 50 का है।
सरफ़राज़ बराबर वाले जाल में थे। वह शरीर के आगे गेंद को खेलते दिखे। जैसे ही गेंद डिप होती तो एकदम से वह पॉज़‍िशन से अलग हो जाते। फ‍िर उनकी कलाई का जादू सामने आया। भले ही वह परेशानी में दिखे फिर भी वह गेंद को नीचे रखते हैं क्योंकि उनके हाथ कितनी जल्दी सामंजस्य बैठाने में सक्षम थे। फ‍िर उनकी क़ीमत उनकी ताक़त है, एकदम प्राकृतिक ताक़त। वह जब गेंद को मार रहे तो ऐसा लग रहा था गेंद में से आग निकल रही थी। चलिए साउथ अफ़्रीका चलते हैं, उनके छोटे भाई मुशीर का अंडर-19 विश्‍व कप में बढ़‍िया समय चल रहा है। अगर सरफ़राज़ का डेब्‍यू इस सप्‍ताह हो जाता है तो यह एक शानदार कहानी होगी। जैसा कि कहा गया है पाटीदार बहुत कम सीधा फ़ैसला ले रहे थे। तो ऐसे में वह मध्‍य क्रम के स्‍थान के लिए पसंदीदा हैं।
वहीं कुलदीप उधर रवींद्र जाडेजा की जगह लेने के लिए तैयार हैं। वह पहले गेंदबाज़ थे जिन पर पहली रिवर्स स्‍वीप लगाई गई। थोड़ी देर बाद उनका सारा फ़ोकस यह था कि कैसे इसे खेलने से बचाया जाए और उनको इसमें थोड़ी सफ़लता भी मिली। कलाई के स्पिनर उंगलियों के स्पिनरों की तुलना में अधिक गेंद को डीप कर सकते हैं और यही कुलदीप का सबसे अच्‍छा पक्ष रहा।
अभी भी बहुत सी सूचनाएं बाक़ी हैं। यह सेशन की शुरुआत में रोहित के अश्विन पर स्‍वीप लगाने से होती है लेकिन गेंद बल्‍ले के निचले हिस्‍से पर लगती है। इसके बाद दोनों बात करते हैं कि ऐसा क्‍यों हुआ। बल्‍लेबाज़ी कोच विक्रम राठौड़ शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर की ओर थे। प्रमुख कोच राहुल द्रविड़ जसप्रीत बुमराह को बल्‍ले को सही से पकड़ने की पॉज़‍िशन बताते दिखे।
अश्विन ने बल्लेबाज़ों को यह बताने के लिए एक बिंदु बनाया कि उन्‍होंने कहां क्षेत्ररक्षकों को खड़ा किया था और शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि उनमें से बहुत से बल्‍लेबाज़ केवल गैप खोजने के प्रयास में लगातार स्‍वीप और रिवर्स स्‍वीप कर रहे थे। इसके कुछ ही समय बाद बल्‍लेबाज़ रन बनाना शुरू कर दिए और उनको अपनी ताक़त पर वापस लौटना पड़ा।
इस सब से बमुश्किल 20 मिनट पहले, राठौड़ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठे थे और कह रहे थे कि भारत स्पिन खेलने के अपने तरीके़ पर भरोसा करेगा, जो कि बॉल के नीचे आने की कोशिश करना या क्रीज़ की गहराई का उपयोग करना है और काफ़ी हद तक सीधा बल्ला सामने रखना है।
यह सच है कि सर्वश्रेष्ठ में से सर्वश्रेष्ठ लोग न केवल चीज़ों को बेतरतीब ढंग से बदलते हैं, बल्कि वे लोग हारना भी पसंद नहीं करते हैं।

अलगप्‍पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।