पाकिस्तान क्रिकेट का नया प्रशासन काट सकता है बाबर के पर
बोर्ड का सेटअप बदलने के बाद अलग प्रारूपों के लिए स्प्लिट कप्तानी की संभावना है
उमर फ़ारूक़
12-Jan-2023
बाबर आज़म का तीनों फ़ॉर्मैट में कप्तान बने रहना मुश्किल • AFP
पाकिस्तान क्रिकेट अपने टीम संयोजन की व्यापक समीक्षा के लिए ख़ुद को तैयार कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप निराशाजनक घरेलू सत्र की समाप्ति के बाद कप्तानी में बदलाव हो सकता है। बोर्ड के नए मैनेजमेंट सेटअप में वरिष्ठ अधिकारियों ने खिलाड़ियों और कोचों को अपनी उत्सुकता का संकेत दिया है कि वे "यदि आवश्यक हो, तो अभी जो चल रहा है, उसको चुनौती देंगे।" इस बात से इनकार नहीं किया गया है कि इस तरह की चुनौती पाकिस्तान की कप्तानी को सभी प्रारूपों में स्प्लिट कर सकती है। इसका मतलब है, बाबर आज़म के कुछ प्रभाव को कम करना, जो वह वर्तमान में सभी प्रारूपों के कप्तान के रूप में रखते हैं।
वर्तमान पीसीबी प्रशासन, जो ख़ुद अंतरिम व्यवस्था है, ने अंतरिम चयन समिति नियुक्त की है और राष्ट्रीय पुरुष टीम के मुख्य कोच सक़लैन मुश्ताक़ के फ़रवरी में अनुबंध समाप्त होने के बाद जाने की संभावना है। मार्च में पीएसएल समाप्त होने के बाद बोर्ड इसकी समीक्षा करने और बदलाव करने की योजना बना रहा है। नजम सेठी के नेतृत्व वाले मैनेजमेंट ने सिर्फ़ तीन हफ़्ते पहले रमीज़ राजा को हटाकर पदभार संभाला था और तब से पाकिस्तान के हालिया प्रदर्शनों और टीम के भीतर स्ट्रकचरों की सक्रिय रूप से समीक्षा कर रहा है। उनका पहला क़दम मोहम्मद वसीम की अध्यक्षता वाली चयन समिति को भंग करना और उनकी जगह जारी न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ के लिए वनडे टीम को घोषित करने के लिए शाहिद अफ़रीदी को लाना था।
वर्तमान पीसीबी प्रशासन, जो ख़ुद अंतरिम व्यवस्था है, ने अंतरिम चयन समिति नियुक्त की है और राष्ट्रीय पुरुष टीम के मुख्य कोच सक़लैन मुश्ताक़ के फ़रवरी में अनुबंध समाप्त होने के बाद जाने की संभावना है। मार्च में पीएसएल समाप्त होने के बाद बोर्ड इसकी समीक्षा करने और बदलाव करने की योजना बना रहा है। नजम सेठी के नेतृत्व वाले मैनेजमेंट ने सिर्फ़ तीन हफ़्ते पहले रमीज़ राजा को हटाकर पदभार संभाला था और तब से पाकिस्तान के हालिया प्रदर्शनों और टीम के भीतर स्ट्रकचरों की सक्रिय रूप से समीक्षा कर रहा है। उनका पहला क़दम मोहम्मद वसीम की अध्यक्षता वाली चयन समिति को भंग करना और उनकी जगह जारी न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ के लिए वनडे टीम को घोषित करने के लिए शाहिद अफ़रीदी को लाना था।
लेकिन असली सरगर्मी टीम के ही मामले में होती दिख रही है। सेठी ने वनडे के नियमित उप-कप्तान शादाब ख़ान की अनुपस्थिति में शान मसूद को टीम का उप-कप्तान बनाया। यह आश्चर्यजनक फ़ैसला था, यह देखते हुए कि मसूद ने आख़िरी बार 2019 में वनडे खेला था। हारिस सोहेल की भी अचानक वापसी हुई, जो कुछ समय से टीम में नहीं थे, इस आधार पर कि पिछले चयनकर्ताओं द्वारा उनके साथ ग़लत व्यवहार किया गया था।
लेकिन उप-कप्तान के रूप में मसूद के अचानक प्रमोशन को कुछ लोगों ने उन्हें और बाबर की कप्तानी दोनों के लिए एक चुनौती के रूप में समझा और माना जाता है कि राष्ट्रीय टीम के कोर में अशांति और असंतोष पैदा हुआ है, जिनमें से अधिकांश बाबर के प्रति निष्ठावान हैं। न्यूज़ीलैंड के ख़िालाफ़ वनडे सीरीज़ की पूर्व संध्या पर बाबर ने उप-कप्तानी को कम महत्व देने की कोशिश की थी, यह कहते हुए कि उप-कप्तान बनाए जाने का मतलब यह नहीं है कि मसूद स्वत: एकादश में जगह बना लेंगे और निश्चित रूप से मसूद पहले दो मैच नहीं खेले हैं। लेकिन ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो समझता है कि सेठी ने मसूद को एकादश में शामिल करने में प्रत्यक्ष रुचि ली है, हालांकि पाकिस्तान के शीर्ष चार अभी पूरी तरह से स्थायी हैं।
मसूद की नियुक्ति इस बात का उदाहरण है कि यह प्रशासन कैसे जो अभी चल रहा है उसे बिगाड़ना चाहता है। बाबर का अपनी टीम पर नियंत्रण है और वह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाज़ बने हुए हैं, लेकिन हाल ही में समाप्त हुए घरेलू टेस्ट सीज़न - जहां पाकिस्तान ने पांच में से तीन टेस्ट गंवाए और एक भी नहीं जीता - ने उनके नेतृत्व पर असंतुष्टि तेज़ कर दी है। विडंबना यह है कि यह बदलाव उस प्रारूप - वनडे - में हो रहा है जिसमें यह टीम विशेष रूप से अनुकूल और व्यवस्थित लगती है। हालांकि टी20 अंतर्राष्ट्रीय में उनकी कप्तानी को लेकर सवाल उठाए गए हैं, बाबर ने पाकिस्तान को लगातार दो टी20 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल के साथ-साथ एशिया कप के फ़ाइनल तक पहुंचाया है।
लेकिन उप-कप्तान के रूप में मसूद के अचानक प्रमोशन को कुछ लोगों ने उन्हें और बाबर की कप्तानी दोनों के लिए एक चुनौती के रूप में समझा और माना जाता है कि राष्ट्रीय टीम के कोर में अशांति और असंतोष पैदा हुआ है, जिनमें से अधिकांश बाबर के प्रति निष्ठावान हैं। न्यूज़ीलैंड के ख़िालाफ़ वनडे सीरीज़ की पूर्व संध्या पर बाबर ने उप-कप्तानी को कम महत्व देने की कोशिश की थी, यह कहते हुए कि उप-कप्तान बनाए जाने का मतलब यह नहीं है कि मसूद स्वत: एकादश में जगह बना लेंगे और निश्चित रूप से मसूद पहले दो मैच नहीं खेले हैं। लेकिन ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो समझता है कि सेठी ने मसूद को एकादश में शामिल करने में प्रत्यक्ष रुचि ली है, हालांकि पाकिस्तान के शीर्ष चार अभी पूरी तरह से स्थायी हैं।
मसूद की नियुक्ति इस बात का उदाहरण है कि यह प्रशासन कैसे जो अभी चल रहा है उसे बिगाड़ना चाहता है। बाबर का अपनी टीम पर नियंत्रण है और वह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाज़ बने हुए हैं, लेकिन हाल ही में समाप्त हुए घरेलू टेस्ट सीज़न - जहां पाकिस्तान ने पांच में से तीन टेस्ट गंवाए और एक भी नहीं जीता - ने उनके नेतृत्व पर असंतुष्टि तेज़ कर दी है। विडंबना यह है कि यह बदलाव उस प्रारूप - वनडे - में हो रहा है जिसमें यह टीम विशेष रूप से अनुकूल और व्यवस्थित लगती है। हालांकि टी20 अंतर्राष्ट्रीय में उनकी कप्तानी को लेकर सवाल उठाए गए हैं, बाबर ने पाकिस्तान को लगातार दो टी20 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल के साथ-साथ एशिया कप के फ़ाइनल तक पहुंचाया है।
शान मसूद वनडे टीम के नियमित सदस्य नहीं रहे हैं, लेकिन उन्हें शादाब ख़ान की अनुपस्थिति में उप-कप्तान बनाया गया है•Cameron Spencer/Getty Images
सेठी ने एक नया कोचिंग सेट-अप बनाने में भी व्यक्तिगत रुचि ली है और पूर्व मुख्य कोच मिकी आर्थर को वापस लाने की योजना बना रहे थे। लेकिन डर्बीशायर के साथ आर्थर के दीर्घकालिक अनुबंध का मतलब था कि वह पाकिस्तान के साथ पूर्णकालिक मुख्य कोच की भूमिका नहीं निभा सकते थे। हालांकि दोनों पक्षों ने उनके लिए पार्ट-टाईम सलाहकार की भूमिका बनाने की कोशिश की, पीसीबी ने कहा, "दोनों पक्ष कुछ कारणों की वजह से इसे अमल में में लाने में असफल रहे।"
हालांकि, सेठी अभी भी आर्थर को लेने के इच्छुक हैं। इसलिए कि आर्थर, सेठी को क्रिकेट के मामलों पर सलाह दे सकें। उदाहरण के लिए समझा जाता है कि मसूद को ऊपर लाने का सुझाव सेठी और आर्थर के बीच एक अनौपचारिक चर्चा से आया है। मसूद ने पिछले समर में आर्थर के छत्रछाया में डर्बीशायर के लिए खेला था। उन्होंने सभी प्रतियोगिताओं में 1832 रन बनाए, लेकिन पाकिस्तान के घरेलू सत्र में अपनी फ़ॉर्म को परिवर्तित करने में विफल रहे थे। छह टेस्ट पारियों में उनकी औसत 35 के उच्चतम स्कोर के साथ 20.33 की रही।
नया प्रशासन उसी स्थिति में लौटना चाहता है जैसा कि 2018 में था। 2018 में सेठी ने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान ख़ान के प्रधान मंत्री चुने जाने के बाद पद छोड़ दिया था। सेठी ने इमरान के प्रधानमंत्री बनने के बाद आए घरेलू स्ट्रक्चर को पहले ही ख़त्म कर दिया है और क्षेत्रीय और विभागीय क्रिकेट की वापसी कराते हुए इसे 2018 वाली स्थिति में वापस ले गए हैं। पीसीबी ने पूर्व महिला मुख्य कोच मार्क कोल्स को भी एक साल के अनुबंध पर वापस लाया; जिन्होंने 2019 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफ़ा दे दिया था।
पिछले महीने पीसीबी के पेट्रन और देश के प्रधान मंत्री शाहबाज़ शरीफ़ ने रमिज़ और उनके बोर्ड को सेठी के नेतृत्व वाली 14 सदस्यीय मैनेजमेंट समिति से रिप्लेस कर दिया। पीसीबी के संविधान को बदलने के लिए समिति के पास 120 दिनों का समय है। पीसीबी के संविधान के 2014 संस्करण को वापस लाया जा रहा है जिसे 2019 में बदल दिया गया था।
हालांकि, सेठी अभी भी आर्थर को लेने के इच्छुक हैं। इसलिए कि आर्थर, सेठी को क्रिकेट के मामलों पर सलाह दे सकें। उदाहरण के लिए समझा जाता है कि मसूद को ऊपर लाने का सुझाव सेठी और आर्थर के बीच एक अनौपचारिक चर्चा से आया है। मसूद ने पिछले समर में आर्थर के छत्रछाया में डर्बीशायर के लिए खेला था। उन्होंने सभी प्रतियोगिताओं में 1832 रन बनाए, लेकिन पाकिस्तान के घरेलू सत्र में अपनी फ़ॉर्म को परिवर्तित करने में विफल रहे थे। छह टेस्ट पारियों में उनकी औसत 35 के उच्चतम स्कोर के साथ 20.33 की रही।
नया प्रशासन उसी स्थिति में लौटना चाहता है जैसा कि 2018 में था। 2018 में सेठी ने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान ख़ान के प्रधान मंत्री चुने जाने के बाद पद छोड़ दिया था। सेठी ने इमरान के प्रधानमंत्री बनने के बाद आए घरेलू स्ट्रक्चर को पहले ही ख़त्म कर दिया है और क्षेत्रीय और विभागीय क्रिकेट की वापसी कराते हुए इसे 2018 वाली स्थिति में वापस ले गए हैं। पीसीबी ने पूर्व महिला मुख्य कोच मार्क कोल्स को भी एक साल के अनुबंध पर वापस लाया; जिन्होंने 2019 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफ़ा दे दिया था।
पिछले महीने पीसीबी के पेट्रन और देश के प्रधान मंत्री शाहबाज़ शरीफ़ ने रमिज़ और उनके बोर्ड को सेठी के नेतृत्व वाली 14 सदस्यीय मैनेजमेंट समिति से रिप्लेस कर दिया। पीसीबी के संविधान को बदलने के लिए समिति के पास 120 दिनों का समय है। पीसीबी के संविधान के 2014 संस्करण को वापस लाया जा रहा है जिसे 2019 में बदल दिया गया था।
उमर फ़ारूक़ ESPNcricinfo के पाकिस्तान के संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।