इंग्लैंड के ख़िलाफ़ गुरुवार से शुरू होने वाले पहले टेस्ट में
कुलदीप यादव होंगे या
अक्षर पटेल? भारत जानता है कि उन्हें प्लेयिंग इलेवन में किसे खिलाना है लेकिन वे चाहते हैं कि विरोधी टीम इस बारे में लगातार सोचती रहे।
भारतीय कप्तान
रोहित शर्मा ने मैच से एक दिन पहले हैदराबाद में कहा कि दोनों खिलाड़ी अलग तरह की क्वालिटी देते हैं। कुलदीप के पास एक्स फ़ैक्टर है। जबकि मार्च 2017 में डेब्यू करने के बाद से कुलदीप केवल आठ टेस्ट खेले हैं। उन्होंने हाली ही में अपनी गेंदबाज़ी पर काम किया और दिखाया कि उनमें बहुत क़ाबिलियत है, जहां वे गेंद को स्टंप्स पर रखते हैं यहां तक की सीमित ओवर क्रिकेट में भी।
रोहित ने कहा, "कुलदीप आपको अपनी गेंदबाज़ी से एक निश्चित एक्स-फैक्टर देते हैं। आपने देखा है कि वह पिछले कुछ समय से कितनी अच्छी गेंदबाज़ी कर रहा है। विशेषकर विकेट पर यदि उछाल है, या यदि इसमें उछाल नहीं है, तो कुलदीप इस प्रकार की परिस्थितियों में भी एक कारक बन जाता है क्योंकि उसके पास शानदार विविधताएं हैं।"
"वह अब काफ़ी परिपक्व गेंदबाज़ भी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से [आर] अश्विन और [रवींद्र] जाडेजा के कारण भारत में बहुत अधिक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है। लेकिन ऐसा ही होता है। हमारे मध्य क्रम की तरह, हम सभी को बहुत देर से मौक़ा मिला। लेकिन इसकी हक़ीक़त यही है, आप इससे छुप नहीं सकते। लेकिन कुलदीप कुछ साल पहले जैसे गेंदबाज़ थे, अब उनमें काफ़ी सुधार हुआ है और वह बिना किसी संदेह के एक बहुत ही आकर्षक विकल्प हैं।"
इस श्रृंखला की शुरुआत से पहले कुलदीप ने एक रणजी ट्रॉफ़ी मैच खेला, सात वर्षों में यह उनका पहला और टेस्ट क्रिकेटर बनने के बाद पहला था। उस मैच में केरल के ख़िलाफ़ उन्होंने दो पारियों में 26 ओवर फ़ेंके और चार विकेट लिए, जिसमें विपक्षी टीम के सर्वोच्च स्कोरर भी शामिल थे। उनके तस्वीर में वापस आने का कारण यह है कि फ़रवरी-मार्च 2023 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भारत की पिछली घरेलू श्रृंखला में अक्षर वास्तव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। अक्षर ने पहले तीन टेस्ट मैचों में से प्रत्येक में केवल 13 ओवर फ़ेंके, लेकिन वह टीम के सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे।
रोहित ने कहा, "अक्षर ने अपनी हरफ़नमौला क्षमता से हमें बल्लेबाज़ी में गहराई दी है और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में इन परिस्थितियों में खेलते हुए जो निरंतरता दिखाई है, वह भी हमारे लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। यह हमारे लिए थोड़ा सिरदर्द था। यह तय करना कि कौन खेलेगा। मैं यह नहीं कहूंगा कि यह कौन है लेकिन यह निर्णय लेना हमारे लिए एक चुनौती थी। हम जानते हैं कि हमारे स्पिन-गेंदबाज़ी विभाग में गुणवत्ता है, जो एक अच्छा संकेत है। जब आपकी टीम में गुणवत्ता हो, जब अंतिम एकादश बनाने में सिरदर्द हो, तो यह एक अच्छा संकेत है।"
अक्षर का बेशक़ीमती हथियार वह गेंद है जो घूमती नहीं है। उनके 50 टेस्ट विकेटों में से आधे या तो बोल्ड या एलबीडब्ल्यू हैं, और उनमें से अधिकांश में बाएं हाथ के स्पिनर द्वारा दाएं हाथ के बल्लेबाज़ को अंदर आती गेंद डालना है। वह ऐसा इसलिए करते रहे क्योंकि उन्हें अज़ीब गेंद को भी टर्न मिल रहा था। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ऐसा लग रहा था कि वह थोड़ा हार गए हैं। लेकिन अब, चोट से उबरने के बाद ऐसा लगता है कि अक्षर अपने पुराने स्वरूप में वापस आ रहे हैं। बाएं हाथ के स्पिनर ने पिछले दो महीनों में ऑस्ट्रेलिया और अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ खेले गए सात टी20 मैचों में दस विकेट लिए हैं।
हैदराबाद की पिच टर्न लेगी। रोहित से जब प्री-मैच पत्रकार वार्ता में इसके बारे में पूछा गया, जहां उन्होंने कई अन्य विषयों पर विस्तार से बात करने में खुशी जताई, जैसे टेस्ट क्रिकेट का हाल, नए खिलाड़ियों को शामिल करने का महत्व और घरेलू परिस्थितियों में उनकी टीम की ताक़त। उन्होंने ज़वाब दिया "अच्छा लग रहा है।"
राहुल द्रविड़ ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि इसमें बदलाव आएगा। इंग्लैंड इस हद तक निश्चिंत है कि वे तीन फ़्रंटलाइन स्पिनरों और केवल एक तेज़ गेंदबाज़ के साथ उतरेंगे। कुलदीप एक संभावना बने हुए हैं, ख़ासकर ऐसे प्रतिद्वंद्वी के ख़िलाफ़ जो आक्रमण करने से नहीं हिचकिचाएगा। वनडे और टी20 में सफलता ने उन्हें सिखाया है कि सामने आने वाले बल्लेबाज़ों से कैसे निपटना है। बात सिर्फ़ इतनी थी कि उनके टेस्ट खेल में थोड़ा नियंत्रण की कमी थी और तब से उन्होंने इस पर काम किया है।
लेकिन अक्षर में बल्लेबाज़ी की क़ाबिलियत है और भारत की ओर से विराट कोहली नहीं होंगे तो वे चाहेंगे कि टीम में अधिक ऑलराउंड विकल्प हों।