अभी भी यक़ीन करना मुश्किल है कि शेन वॉर्न अब हमारे बीच नहीं हैं : सचिन
शेन वॉर्न स्मृति समारोह से एक दिन पहले सचिन और ब्रायन लारा ने उन्हें दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
पीटीआई
29-Mar-2022
सचिन और शेन वॉर्न एक दूसरे के काफ़ी अच्छे मित्र थे • Getty Images
सचिन तेंदुलकर ने शेन वॉर्न को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें एक "भयंकर प्रतियोगी" बुलाया और याद किया कि कैसे वॉर्न मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने में माहिर थे और शारीरिक भाषा से विपक्ष को कोई भी संकेत नहीं देते थे। क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में शुमार वॉर्न का निधन संदिग्ध दिल के दौरे से 52 वर्ष की उम्र में 4 मार्च को थाईलैंड मैं हुआ।
सचिन ने कहा, "मेरे और शेन वॉर्न के बीच पहली बड़ी भिड़ंत 1998 में हुई। लोगों ने उस सीरीज़ को सचिन बनाम वॉर्न का दर्जा दिया लेकिन मुझे उन्हें याद दिलाना पड़ा कि दरअसल यह भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया है। इस क़दर का दीवानापन था उस समय।"
"ऐसी फ़ॉलोइंग से काफ़ी दबाव भी पैदा होता है। उनके जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाज़ के विरुद्ध आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि आप मैदान पर उतरेंगे और सब कुछ सही हो जाएगा। इसीलिए उनके ख़िलाफ़ खेलने के लिए तैयारी अलग तरह की होती थी। सिर्फ़ नेट्स पर ही नहीं आपको अपने कमरे में बैठे सोचना पड़ता था की आप उनके विरुद्ध क्या नीति अपनाएंगे। वह आप पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने में माहिर थे और आप को आउट करने के कई उपाय सोचते थे।" 1998 की सीरीज़ में वॉर्न और सचिन के बीच लड़ाई के क़िस्से आज भी क्रिकेट के महान प्रतियोगिता के मिसाल हैं।
सचिन ने कहा, "आप उनकी शारीरिक भाषा से कभी पता नहीं लगा पाते कि क्या उन्होंने चार विकेट लिए हैं, पांच विकेट या एक भी नहीं। वह हर गेंद डालते हुए एक भयंकर प्रतियोगी थे। तो चाहे वह दिन का अंतिम ओवर या उससे पहले का ओवर ही क्यों ना डाल रहे हों, आप उनसे यही उम्मीद रखते थे कि वह किसी तरह आप को आउट करने की कोशिश करेंगे।"
वॉर्न और अन्य स्पिनरों के बीच फ़र्क़ के बारे में सचिन ने कहा, "वह उन चंद गेंदबाज़ों में थे जिन्हें आप ऑन द अप (हवा में) नहीं मार पाते थे। उनकी ख़ूबी थी कि अगर आप उनकी गेंद की पिच तक नहीं पहुंचे तो आपके लिए हवा में ड्राइव लगाना असंभव था। उनकी ड्रिफ़्ट का राज़ था उनके ताक़तवर कंधे और वह गेंद पर ज़बरदस्त फिरकी देते थे जिससे गेंद लेग स्टंप के बाहर ड्रिफ़्ट करती हुई आपके शरीर के दूसरी ओर टर्न लेती थी। मुझे उनसे पहले किसी ने राउंड द विकेट से रफ़ पर गेंद डालकर आउट करने का प्रयास नहीं किया था और इसके लिए मुझे अतिरिक्त अभ्यास की ज़रूरत पड़ी। यह एक सुरक्षात्मक नीति होती है लेकिन वॉर्न के लिए नहीं।"
वेस्टइंडीज़ के दिग्गज ब्रायन लारा ने वॉर्न को ऑस्ट्रेलिया का सबसे प्रभावशाली प्लेयर बताते हुए कहा कि ऐशेज़ में उनकी गेंदबाज़ी उन्हें विश्व क्रिकेट की सर्वोच्च श्रेणी में डालती है। उन्होंने कहा, "मैं कैरिबियाई क्षेत्र में ट्रिनीडैड और गयाना जैसे देशों में से एक से हूं जहां स्पिन गेंदबाज़ी को प्राथमिकता मिलती है। लेकिन वॉर्न ने हमेशा हमारे बल्लेबाज़ों को बहुत परेशान किया है। मैंने उनके ख़िलाफ़ कई बार यादगार बल्लेबाज़ी की है लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।"
"वह एक करिश्माई गेंद अपने पिटारे से निकाल ही लेते थे और ऐसे में मुझे बहुत ज़्यादा सतर्क रहना पड़ता था। वह बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ों के साथ गेंदबाज़ी करने वाले एक ज़बरदस्त बोलर थे। वह इतने बड़े व्यक्तित्व थे, एक लेजेंड, एक किंग, और खेल जगत में उनका बहुत बड़ा स्थान था। यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि वह अपने परिवार को छोड़ कर चले गए हैं। सोच कर दुःख भी लगता है और विश्वास भी नहीं होता।"
सचिन ने याद किया कि 2021 में वह आख़िरी बार वॉर्न से मिले थे। उन्होंने कहा, "पिछले आईपीएल के बाद मैं लंदन गया था और हम मिले। हमने अच्छा समय बिताया और काफ़ी मज़े किए। मैंने समझा कि वह स्पिन ही नहीं स्विंग भी बड़ी अच्छी कराते हैं। वह इतने अच्छे गॉल्फ़र भी थे...अभी भी उनके बारे में 'थे' कहते हुए अजीब लग रहा है। वह हमारे दिलों में हमेशा बसे रहेंगे। उनका जीवन के प्रति नज़रिया बहुत सकारात्मक था। वह हमेशा दूसरों को प्रोत्साहित करते थे। इस बात से सुलह करना आसान नहीं कि अब वह हमारे बीच में नहीं रहे।"