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मैं और बेहतर प्रदर्शन कर सकता था : चामा मिलिंद

सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी 2021 में सर्वाधिक विकेट लेने के बाद उनका लक्ष्य इस फ़ॉर्म को जारी रखने पर है

हैदराबाद के चामा मिलिंद ने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी 2021 में सर्वाधिक 18 विकेट झटके  •  Courtesy of CV Milind

हैदराबाद के चामा मिलिंद ने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी 2021 में सर्वाधिक 18 विकेट झटके  •  Courtesy of CV Milind

सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में सर्वाधिक विकेट लेने के बाद चामा मिलिंद का लक्ष्य आने वाले मैचों में अपने अच्छे प्रदर्शन को बरक़रार रखने पर है। हैदराबाद का प्रतिनिधित्व करते हुए बाएं हाथ के इस तेज़ गेंदबाज़ ने कुल 18 विकेट झटके। इस दौरान उन्होंने पहले उत्तराखंड और फिर उत्तर प्रदेश के ख़िलाफ़ पांच-पांच विकेट भी अपने नाम किए। वह अपने प्रदर्शन से ख़ुश हैं लेकिन उन्हें लगता है कि वह और भी बेहतर कर सकते थे।
मिलिंद ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "यह टूर्नामेंट मेरे लिए काफ़ी अच्छा रहा। हालांकि मुझे लगता है कि मैं कुछ मैचों में और अच्छा कर सकता था। मैंने प्री-सीज़न में जमकर मेहनत की थी। मैंने ख़ूब समय तक गेंदबाज़ी की और जिम में भी काफ़ी समय बिताया। आप कह सकते हैं कि मेरी कड़ी मेहनत रंग लाई है और कुल मिलाकर मैं अपनी उम्मीदों पर खरा उतरा। और मैं आने वाले मैचों में इस प्रदर्शन को बरक़रार रखना चाहता हूं।"
मिलिंद के अच्छे प्रदर्शन के दम पर टीम ने सेमीफ़ाइनल में प्रवेश किया। हालांकि वह आगे नहीं बढ़ पाए, मिलिंद टीम के प्रदर्शन से ख़ुश हैं। उन्होंने कहा, "एक टीम के तौर पर हमने जीतने की आदत डाल ली है। सभी खिलाड़ियों को आत्मविश्वास था कि वह अच्छा कर सकते हैं। ग्रुप स्टेज में कुछ क़रीबी मुक़ाबले भी हुए लेकिन हमने एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। नतीजों की बात करें तो हां हम सेमीफ़ाइनल में हार गए लेकिन हमने सात में से छह मैचों में जीत दर्ज की जो बहुत अच्छी बात है। हमारी टीम के लिए यह एक सफल टूर्नामेंट रहा और मुझे इस टीम पर गर्व हैं।"
पिछले सीज़न में संघर्ष करने के बाद मिलिंद ने इस साल दमदार वापसी की और इस टूर्नामेंट में सबसे अच्छे गेंदबाज़ बनकर उभरे। इस वापसी के पीछे का राज़ बताते हुए मिलिंद ने कहा कि उन्होंने अब ख़ुद पर दबाव डालना कम कर दिया है। उन्होंने बताया कि कैसे अपने कोच टी दिलिप के साथ उन्होंने ज़्यादा सोच विचार नहीं करने की योजना बनाई। भविष्य या भूतकाल पर ध्यान न देते हुए उन्होंने अपनी टीम को मैच जिताने का लक्ष्य रखा, फिर चाहे वह क्लब का मैच हो या कोई लीग मैच।
गेंद के साथ सुर्ख़ियां बटोरने के अलावा मिलिंद ने बल्ले से भी अहम योगदान दिया। सौराष्ट्र के ख़िलाफ़ अपने पहले मैच में उन्होंने एक चौके और एक छक्के की मदद से चार गेंदों में 12 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। इसके बाद दिल्ली के ख़िलाफ़ 171 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने तनय त्यागराजन के साथ आठवें विकेट के लिए 17 गेंदों में 33 रन जोड़े और अंतिम गेंद पर टीम की नैया पार लगाई। मिलिंद का कहना है कि उनमें बल्लेबाज़ी करने की क्षमता पहले भी थी लेकिन अब अपनी भूमिका स्पष्ट रूप से पता होने के बाद उनका काम आसान हो गया है। उन्होंने बताया कि कैसे पिछले साल गेंद से अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बावजूद उन्होंने बल्ले के साथ छोटी लेकिन अहम पारियां खेली थी।
मिलिंद आगामी सीज़न में सफलता पाने के लिए अपनी गेंदबाज़ी में विविधता लाने पर काम कर रहे हैं। इस समय वह एक अलग प्रकार की नकल गेंद पर काम कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में उसका ज़्यादा इस्तेमाल नहीं किया। उनका कहना है, "आप चाहे कितनी ही विविधता क्यों ना लेकर आएं, अंत में बात सही समय पर सही गेंद फेंकने पर आ जाती है। आपको यह समझना पड़ता है कि क्या उस गेंद की सच में ज़रूरत है। मैं ऑफ़ कटर डाल सकता हूं, लेग कटर डाल सकता हूं, नकल गेंद के साथ साथ हाथ के पीछे से धीमी गति की गेंदें भी डाल सकता हूं। लेकिन आपको सही समय पर उसका इस्तेमाल करना आना चाहिए और इस बारे में मैंने अपने कोच से बात की।"
मिलिंद 2014 और 2015 में सनराइज़र्स हैदराबाद और साल 2017 में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब कैपिटल्स) का हिस्सा रह चुके हैं। हालांकि इस दौरान उन्हें मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला। वह आगामी मेगा ऑक्शन को लेकर उत्साहित हैं लेकिन ज़्यादा दूर की नहीं सोच रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हर खिलाड़ी की तरह मैं भी उच्च स्तर पर खेलना चाहता हूं। मैं आईपीएल खेलना चाहता हूं और अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं। लेकिन यह सब भविष्य की बातें हैं। टीम में चुना जाना मेरे हाथों में नहीं है इसलिए मैं इसपर ज़्यादा सोच विचार नहीं कर रहा हूं। यह मुझपर अतिरिक्त दबाव डालेगा। मैं अपने खेल पर ध्यान दूंगा और बाक़ी सब ईश्वर पर छोड़ दूंगा।"

अफ़्ज़ल जिवानी (@jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।