मार्क बाउचर ने अपनी प्रेस वार्ता के शुरुआत में ही विश्व क्रिकेट के एक नए मूलमंत्र पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने मज़ाक़ में कहा, "जितनी बार कोई 'बैज़बॉल' बोलेगा उसे शराब गटकना पड़ेगा। बोतल मैं ले आऊंगा।"
कुल 17 मिनट और 45 सेकंड के संवाददाताओं से वार्तालाप के दौरान किसी ने क्रिकेट की शैली को लेकर कोई 'बी-बॉल' का नाम नहीं लिया। हालांकि अगर साउथ अफ़्रीका के फ़ॉर्म को देखें तो शायद 'बाउचबॉल' भी एक मंत्र बन सकता है।
बाउचर ख़ुद इसे एक क्रिकेट की 'सुहावनी' शैली मानते हैं। इस सुहावने अप्रोच के साथ साउथ अफ़्रीका साल भर में कोई टेस्ट सीरीज़ नहीं हारा है। बाउचर का मानना है कि साउथ अफ़्रीका चतुराई के साथ आक्रामक सोच की क्रिकेट खेलेगा। उनके हिसाब से इस टीम में परिस्थितियों के साथ बदलने की और एकजुट होकर मुश्किल स्थितियों से वापसी करने की शक्ति है।
विश्व की शीर्ष टीम भारत के विरुद्ध साउथ अफ़्रीका बॉक्सिंग डे टेस्ट हारा था लेकिन फिर वापसी करते हुए सीरीज़ को 2-1 से अपने नाम किया। इस दौरे पर लायंस के साथ अभ्यास मैच हारने के बाद उन्होंने वनडे सीरीज़ में बराबरी और टी20 सीरीज़ में जीत हासिल की। टेस्ट से पहले भी अभ्यास मुक़ाबले में उन्हें पारी और 56 रनों की करारी हार मिली है लेकिन उन्हें भरोसा है कि वह यहां से ज़ोरदार वापसी करेंगे।
इस बार की तरह 2008 में भी साउथ अफ़्रीका की काफ़ी अनुभवहीन टीम इंग्लैंड आई थी और सीरीज़ में सफल रही थी। उस वक़्त ग्रैम स्मिथ, जाक कैलिस और बाउचर के अलावा केवल मखाया एनटीनी ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने पहले भी इंग्लैंड का दौरा किया था। इस बार भी सिर्फ़ डीन एल्गर, कगिसो रबाडा (हालांकि टखने में चोट के चलते उनका पहला टेस्ट खेलना संदिग्ध है) और केशव महाराज ऐसे सदस्य हैं जो पहले इंग्लैंड में टेस्ट खेल चुके हैं।
बाउचर को भरोसा है इस अनुभव की कमी के बावजूद उनकी टीम लॉर्ड्स जैसे महान पटल पर ख़ुद को पाकर प्रेरित होगी। उन्होंने कहा, "यह क्रिकेट का घर माना जाता है और इसके द्वार से मैदान पर घुसना एक अलग ही अनुभव है। जब कुछ खिलाड़ी यहां घुसे और संग्रहालय के पास से गुज़रे तो उनके चेहरे पर अलग ही जोश दिखा। बतौर कोच आपको ऐसे मौक़ो पर खिलाड़ियों को कुछ कहने की ज़रूरत कम ही है। सारे युवा खिलाड़ी इस अनुभव को यादगार बनाने को उत्सुक हैं।"
साउथ अफ़्रीका के खिलाड़ियों के लिए संग्रहालय में कुछ विशेष चीज़ों को अलग से रखा गया था, ख़ासकर जो पुरानी साउथ अफ़्रीकी दौरों से जुड़ी हों। बाउचर ने कहा, "यह अच्छा लगा की डब्ल्यू जी ग्रेस के ग्लव्स के बीच कहीं हमें साउथ अफ़्रीका से जुड़ी चीज़ें भी देखने को मिली। हम यहां कई बार सफल हुए हैं और उन स्मृतियों को देख कर अच्छा लगा। हम भी इस दौरे को यादगार बनाकर ऐसे ही इतिहास का हिस्सा बनना चाहेंगे।"
इतिहास के अलावा साउथ अफ़्रीका पर वर्तमान में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अंक तालिका के शीर्ष पर होने का दबाव भी है। बाउचर का मानना है नील मकेंज़ी, शार्ल लांगफ़ेल्ड और जस्टिन ऑनटॉन्ग के साथ उन्होंने बतौर सपोर्ट स्टाफ़ खिलाड़ियों को इस दबाव के साथ जूझने के लिए तैयार कर दिया है।
शायद इस तैयारी में शराब की कोई भूमिका नहीं हो, लेकिन बाउचर ने इंग्लैंड में रहते हुए बार में जाकर ड्रिंक पीने से मना नहीं किया, ख़ासकर अगर उससे उन्हें इंग्लैंड के 'बैज़बॉल' के लिए प्रतिबद्धता के बारे में कुछ पता चले। उन्होंने कहा, "शायद मुझे बैज़ (ब्रेंडन मक्कलम) को यह सवाल साथ मिलकर बीयर पीते वक़्त पूछना पड़ेगा।"
फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के संपादक देबायन सेन ने किया है