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अधूरा रह गया उन्मुक्त का भारतीय ड्रेसिंग रूम में जाने का सपना

28 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले उन्मुक्त चंद अब अमेरिका में खेलते दिखेंगे

Unmukt Chand poses for a picture at his residence, New Delhi, August 26, 2019

अंडर-19 के दिनों से ही उन्मुक्त को भारतीय टीम का अगला 'बड़ा खिलाड़ी' माना जा रहा था  •  Hindustan Times via Getty Images

कुछ साल पहले एक कोल्ड ड्रिंक का विज्ञापन आया था, जिसमें भारतीय कप्तान विराट कोहली के पदचिन्हों पर चलते हुए क्रिकेट में आगे बढ़ रहा एक युवा खिलाड़ी भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में झांकता दिख रहा था। यह विज्ञापन इशारा कर रहा था कि यह खिलाड़ी जल्द ही भारतीय जर्सी में दिख सकता है, लेकिन अब ऐसा कभी नहीं हो सकेगा, क्योंकि शुक्रवार को ही 28 वर्षीय उन्मुक्त चंद ने भारतीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। उन्होंने अब 2012 अंडर--19 विश्व कप टीम के साथी स्मित पटेल की तरह अमेरिका में बसकर लीग क्रिकेट खेलने का फ़ैसला किया है। आख़िर उन्मुक्त ने इतनी उम्र में संन्यास क्यों ले लिया?
अमेरिका से फ़ोन पर ESPNcricinfo से बातचीत में उन्मुक्त ने कहा, "मेरे लिए पिछले कुछ साल बेहतर नहीं रहे। मैं ऐसे हिम्मत नहीं हारने वाला था। अगर मुझे यहां खेलने के मौके ही नहीं मिलेंगे तो मेरा करियर आगे कैसे बढ़ेगा, क्योंकि अगले चार से पांच साल मेरे लिए बहुत अहम हैं। भारत के लिए मैं अब नहीं खेल सकूंगा, यह सोचकर ही मैं बहुत भावुक हो जाता हूं। मेरी कई बहुत अनमोल यादें यहां से जुड़ी हुई हैं।"
उन्मुक्त ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 2016 सत्र में दिल्ली के लिए नौ मैचों में 34.50 के औसत से 276 रन बनाए, जिसमें गुजरात के ख़िलाफ़ 58 गेंद में 103 रन शामिल थे। यह शतक इसीलिए भी ख़ास था क्योंकि उस वक्त वह तीन टी20 शतक लगाने वाले सिर्फ़ तीसरे भारतीय बल्लेबाज़ बने थे। उन्होंने तब रोहित शर्मा और सुरेश रैना की बराबरी की थी। वह अभी भी सैयद मुश्काल अली ट्रॉफी में तीन शतक लगाने वाले अकेले बल्लेबाज़ हैं। इसके बाद 2017 में उन्हें विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में टीम में जगह नहीं मिली। रणजी ट्रॉफ़ी में उन्हें टीम में रहने के बावजूद खेलने का मौका नहीं मिला।
उन्मुक्त ने कहा, "लाल गेंद के क्रिकेट में मुझे ज़रूर मुश्क़िल आ रही थीं, लेकिन सफ़ेद गेंद क्रिकेट में मैं अच्छा कर रहा था। हालांकि दिल्ली में मेरे लिए चीज़ें ख़राब होने लगी थीं। तभी मैंने 2019 में उत्तराखंड से खेलने का फ़ैसला किया। उस दौरान मैं चोटिल हो गया और उस वक़्त भी सब बिगड़ गया।"
उन्मुक्त ने 18 साल 15 दिन की उम्र में आईपीएल में डेब्यू किया था और उनकी तुलना कोहली से होने लगी थी, जिन्होंने 2008 में अंडर 19 विश्व कप जिताया था। उन्मुक्त ने कहा, "आईपीएल में खेलना मेरे लिए बड़ा अनुभव था, लेकिन कह सकते हैं कि मैं ख़ुशक़िस्मत नहीं था।"
उन्मुक्त ने मुंबई इंडियंस की टीम में जगह बनाई और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ 2015 में अपना पहला आईपीएल अर्धशतक लगाया। इसके बाद अगले मैच में मुंबई के लिए ओपनिंग साझेदारी लंबी हुई और अंत में आक्रमण के लिए कायरन पोलार्ड को भेज दिया गया। उनकी बल्लेबाज़ी ही नहीं आई। इसके कुछ मैच बाद वह बेंच पर बैठे रहे और आख़िरकार आईपीएल से ही बाहर हो गए।
अब उन्होंने अपने क्रिकेट करियर को फिर से बनाने की तैयारी कर ली है। आईपीएल में वह ज़रूर नहीं खेल पाएंगे, लेकिन अब उनके पास दुनिया भर की लीग में खेलने का मौक़ा है। उन्मुक्त को अपने अब तक के क्रिकेट करियर को लेकर कोई पछतावा भी नहीं है।
2012 अंडर 19 विश्व विजेता टीम के बैच को 'अनलकी बैच' भी कहा जा सकता है। उन्मुक्त चंद, बाबा अपराजित, हरमीत सिंह, विजय ज़ोल, संदीप शर्मा, अक्षदीप नाथ, हनुमा विहारी, स्मित पटेल ऐसे नाम थे जिनमें भारतीय क्रिकेट का भविष्य देखा जा रहा था। इनमें सिर्फ हनुमा और संदीप ही भारतीय टीम तक पहुंच सके और अभी सिर्फ हनुमा ही भारतीय टेस्ट टीम का नियमित हिस्सा हैं।
भारत के लिए बीसीसीआई के टूर्नामेंट में अब नहीं खेल पाने पर उन्मुक्त ने कहा, "मैंने भी देश के लिए खेलने का सपना देखा था। मैंने अंडर 19 और इंडिया ए में रहकर यह सपना तो पूरा किया ही। पिछले दो महीनों से मैं अमेरिका में हूं, मुझे लगता ही नहीं है कि मैं भारत से बाहर हूं और अनजान लोगों के साथ खेल रहा हूं। यहां पर बहुत भारतीय हैं। अमेरिका में अब क्रिकेट को गंभीरता से लिया जा रहा है। बस जर्सी ही तो नीली नहीं है।"
उन्मुक्त सैन फ़्रांसिस्को के बे एरिया में बसे हैं और उन्होंने माइनर क्रिकेट लीग में सिलिकोन वैली स्ट्राइकर्स के साथ कई वर्षों का अनुबंध किया है, जिसमें वह खेलने के साथ-साथ ही अमेरिका में आने वाली जेनेरेशन को तैयार करेंगे। इस सप्ताह शुरू होने वाला माइनर लीग क्रिकेट चैंपियनशिप राष्ट्रीय टी20 टूर्नामेंट है जिसमें पूरे अमेरिका से 27 शहरों की टीम हिस्सा लेंगी। 26 स्थानों पर 200 से ज्यादा मुक़ाबले खेले जाएंगे, जिसमें 400 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। उन्मुक्त अब दुनिया भर की पेशेवर लीग में खेल सकते हैं, क्या पता अमेरिका में रहकर उन्मुक्त चंद अपने करियर को नए आयाम तक पहुंचा दें।

निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26