ज़िम्बाब्वे के बेहतरीन ऑलराउंडर हीथ स्ट्रीक का 49 साल की उम्र में निधन
स्ट्रीक को लीवर कैंसर था और वह साउथ अफ़्रीका में अपना इलाज करवा रहे थे
ESPNcricinfo स्टाफ़
03-Sep-2023
अपने संन्यास के बाद स्ट्रीक ने कई देशों के लिए कोचिंग भी की • ICC via Getty
ज़िम्बाब्वे के पूर्व कप्तान और संभवतः उनके सबसे महान ऑलराउंडर हीथ स्ट्रीक का निधन हो गया। स्ट्रीक को लीवर कैंसर हो गया था और वह मई से बुलावायो स्थित अपने घर से यात्रा करते हुए साउथ अफ़्रीका के जोहान्सबर्ग के एक अस्पताल में उपचार करवा रहे थे। वह 49 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं।
स्ट्रीक 1990 के दशक की ज़िम्बाब्वे टीम में एक प्रमुख खिलाड़ी थे। उन्होंने 65 टेस्ट मैचों में ज़िम्बाब्वे का प्रतिनिधित्व किया, साथ ही 1993 और 2005 के बीच 189 वनडे मैच खेले। टेस्ट में उन्होने कुल 216 और वनडे में 239 विकेट लिए। वह ज़िम्बाब्वे के एकमात्र ऐसे गेंदबाज थे, जिसने 100 से अधिक टेस्ट विकेट और 200 से अधिक वनडे विकेट लिए हों। टेस्ट में उन्होंने कुल 1990 रन बनाए, टेस्ट क्रिकेट में वह ज़िम्बाब्वे के लिए सातवें सबसे बड़े रन स्कोरर थे। वनडे में भी उन्होंने 2943 रन बनाए।
स्ट्रीक ने 1993 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट डेब्यू किया था और अपने दूसरे ही टेस्ट में उन्होंने आठ विकेट लिए थे•Stu Forster /Allsport
स्ट्रीक ने अपना पहला वनडे मैचसाउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ बेंगलुरू में हीरो कप के दौरान खेला था। हालांकि वह मैच रद्द हो गया था। उसी साल उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट डेब्यू भी किया था। अपने दूसरे ही टेस्ट में उन्होंने आठ विकेट लिए थे।
पाकिस्तान उनकी सबसे प्रिय विपक्षी टीमों में से एक थी। उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सबसे ज़्यादा (44) टेस्ट विकेट लिए थे। उन्होंने सात बार टेस्ट क्रिकेट में पांच या उससे ज़्यादा विकेट लिए थे, जिसमें तीन बार पाकिस्तान के ख़िलाफ़ ही था।
स्ट्रीक डेब्यू करने के बाद उन आठ टेस्ट मैचों का हिस्सा थे, जिसमें ज़िम्बाब्वे को जीत मिली थी। स्ट्रीक ने तीन वनडे विश्व कप (1996, 1999,2003) भी खेले। 1999 के विश्व कप में ज़िम्बाब्वे की टीम ने भारत और साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ जीत हासिल की थी। इस दौरान उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ 36 रन देकर तीन विकेट और साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भी 35 रन देकर तीन विकेट लिए थे। वह 2000 में ज़िम्बाब्वे के कप्तान बने, लेकिन यह कार्यकाल उथल-पुथल भरा साबित हुआ।
2001 में स्ट्रीक ने पहली बार आधिकारिक तौर पर अपनी कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया था। उन्होंने उस दौरान कहा था कि कप्तानी के कारण उनके प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ रहा था। हालांकि माना जाता है कि पर्दे के पीछे व्यक्तिगत और राजनीतिक कारण भी थे।