डेविड ने दस गेंदों में दिखाया दिल्ली को बाहर का रास्ता
अगर ऋषभ पंत ने रिव्यू ले लिया होता तो शायद मैच का नतीजा दिल्ली के पक्ष में घूम सकता था
अलगप्पन मुथु
21-May-2022
डेविड के 34 रनों ने मैच का पासा पलट दिया • BCCI
मुंबई इंडियंस 160 पर पांच (किशन 48, डेविड 34, ठाकुर 2-32) ने
दिल्ली कैपिटल्स 159/7 (पॉवेल 43, बुमराह 3-25) को पांच विकेट से हराया
दस गेंदों, इन्हीं दस गेंदों ने दिल्ली के प्लेऑफ़ में पहुंचने के सपने को चकनाचूर कर दिया और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की अंतिम चार में जगह पक्की कर दी।
टिम डेविड 15वें ओवर में बिना खाता खोले ही आउट हो गए होते यदि पंत ने रिव्यू के लिए चले गए होते। उस समय मुंबई को जीत के लिए 33 गेंदों में 65 रनों की दरकार थी। इस जीवनदान के बाद अगली दस गेंदों पर डेविड ने ताबड़तोड़ 34 रन जड़ डाले जो कि पंत और दिल्ली को हमेशा सताएगा।
एक बार फिर गरजे बुमराह
एक धीमी पिच पर भी जसप्रीत बुमराह ने अपनी तेज़ गेंदों से दिल्ली के अहम विकेट हासिल किए। चार ओवर में 25 रन देकर तीन विकेट झटकने वाले बुमराह ने बाउंसर पर पृथ्वी शॉ को चलता किया, मार्श को पहली स्लिप पर कैच आउट करवाया और अपनी यॉर्कर से रोवमन पॉवेल की गिल्लियां बिखेर दीं। ज़रा सोचिए अगले सीज़न में विपक्षी टीमों को एक साथ बुमराह और जोफ्रा आर्चर की गेंदों का सामना करना होगा।
पॉवेल का पावर
वानखेड़े की धीमी पिच पर पंत जैसे बल्लेबाज़ ने भी पहली 15 गेंदों पर दस रन बनाए थे। बाद में उन्होंने 28 गेंदों पर 24 रन बनाए। पॉवेल जब बल्लेबाज़ी करने आए तब नौवें ओवर में दिल्ली के 50 के स्कोर पर चार विकेट गिर चुके थे। पॉवेल ने पहले तो पिच को समझने में अपना समय लिया लेकिन 12वें ओवर में वह जोखिम उठाने गए और उन्होंने शौक़ीन के ओवर में 20 रन बना डाले।
34 गेंदों पर 43 रनों की पारी की बदौलत पॉवेल ने दिल्ली को खेल में वापस ला दिया। इस पारी में सबसे दर्शनीय स्ट्रोक छक्के के लिए वह पुल था जो उन्होंने बुमराह की गेंद पर मारा था। जो कि खेलने के लिहाज़ से काफ़ी कठिन लग रही थी।
दिल्ली का संघर्ष
5.1 ओवर में दिल्ली के जीतने की संभावना 57 प्रतिशत थी। अगली गेंद पर रोहित शर्मा के आउट होने के बाद यह 62 प्रतिशत हो गया।
11.2 ओवर में दिल्ली की जीत की संभावना 43 फ़ीसदी थी लेकिन अगली ही गेंद पर किशन के विकेट ने इसे 51 फ़ीसदी तक पहुंचा दिया। 14.2 ओवर में जीत की संभावना 69 प्रतिशत थी, ब्रेविस के विकेट के बाद यह 77 प्रतिशत हो गई। गेंदबाज़ों ने खेल में बने रहने के लिए हरसंभव प्रयास किया लेकिन तभी इसकी आमद हुई, ठाकुर, डेविड को, शून्य रन। यह एक ऐसी लेंथ थी जिस पर बल्लेबाज़ हमेशा दुविधा में होते हैं कि गेंद को खेलने जाएं या नहीं।
अचानक अपील हुई, अंपायर तपन शर्मा ज़रा भी हिले डुले नहीं। पंत और ठाकुर के बीच चर्चा भी हुई, लेकिन वह रीव्यू के लिए नहीं गए। दिल्ली के खेमे में तब तक खलबली नहीं मची जब तक उस गेंद का रीप्ले नहीं देख लिया गया। दिल्ली का खेमा अचंभित था क्योंकि लगातार दूसरी बार उनका अभियान एक बेहद ही दुखदाई मोड़ पर समाप्त हो रहा था।
अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।