जेम्स एंडरसन ने
ट्रेंट बोल्ट के न्यूज़ीलैंड के केंद्रीय अनुबंध से आज़ाद होने के
फ़ैसले पर अफ़सोस जताया है और माना है कि टी20 फ़्रैंचाइज़ क्रिकेट के बढ़ते प्रभाव के चलते आनेवाले समय में टेस्ट क्रिकेट के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
33 वर्षीय बोल्ट ने पिछले हफ़्ते घोषणा की कि वह केंद्रीय अनुबंध से मुक्त होकर ख़ुद को साउथ अफ़्रीका और यूएई में शुरू होने वाली लीग जैसी फ़्रैंचाइज़ क्रिकेट के लिए उपलब्ध रहना चाहते हैं। इस पर न्यूज़ीलैंड क्रिकेट सीईओ डेविड वाइट ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को आश्वासन दिया था कि न्यूज़ीलैंड का किसी और खिलाड़ी ने ऐसा आग्रह नहीं किया है। हालांकि 40 वर्ष और 172 टेस्ट मैचों का अनुभव रखने वाले एंडरसन का मानना है कि बोल्ट का यह फ़ैसला क्रिकेट में एक निर्णायक कड़ी साबित होगी और इसके बाद और भी खिलाड़ी, ख़ासकर गेंदबाज़, इसी राह पर चलेंगे।
साउथ अफ़्रीका के विरुद्ध टेस्ट से दो दिन पहले जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें बोल्ट के फ़ैसले पर अफ़सोस है तो उन्होंने कहा, "हां, क्योंकि इसमें टेस्ट क्रिकेट की क्षति है। किसी तेज़ गेंदबाज़ के लिए चार ओवर या 20 गेंदें डालना आसान है। ऊपर से अगर आपको इसके लिए अच्छे पैसे मिले तो आप यही विकल्प चुनेंगे। यह (बोल्ट का निर्णय) एक बड़ी बात है क्योंकि वह एक विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। अब और खिलाड़ियों को यह करने का बढ़ावा मिलेगा। ख़ास तौर पर गेंदबाज़ों के लिए यह आसान फ़ैसला बनेगा।"
एंडरसन ख़ुद अपने कार्यभार को संभाल पाते हैं क्योंकि उन्होंने 2015 वनडे विश्व कप के बाद इंग्लैंड के लिए सीमित-ओवर क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था। उनके साथी स्टुअर्ट ब्रॉड भी जनवरी 2016 में साउथ अफ़्रीका के विरुद्ध एक वनडे के बाद केवल टेस्ट क्रिकेट ही खेलते हैं। एंडरसन ने कहा, "ब्रॉडी मानेंगे कि हम ख़ुशक़िस्मत हैं कि हमने विश्व कप के बाद केवल लाल गेंद की क्रिकेट पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इससे हमें फ़ायदा मिला है। मैं ऐसा होते देखता हूं, हालांकि कुछ अवसर में इसका ठीक उल्टा भी होगा। खिलाड़ी अपने पसंदीदा प्रारूप और दौरों को चुनेंगे।"
यदी लॉर्ड्स में साउथ अफ़्रीका के विरुद्ध एंडरसन अपने करियर के 657 विकेटों में एक और जोड़ते हैं तो वह 1994-95 ऐशेज़ में ग्रैम गूच के बाद इंग्लैंड के पहले गेंदबाज़ बनेंगे जिन्होंने 40 की उम्र के बाद टेस्ट विकेट लिया हो। तेज़ गेंदबाज़ों में ऐसा कारनामा लेसली जैकसन ने जुलाई 1961 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ही किया था। एंडरसन का टेस्ट डेब्यू मई 2003 में हुआ था और इतिहास का पहला औपचारिक टी20 मुक़ाबला इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट में एक महीने बाद आयोजित हुआ था।
एंडरसन बोले, "मैं गर्व और आभार का अनुभव करता हूं कि मैं अभी भी गेम से प्यार करता हूं और अभ्यास में और बेहतर बनने की कोशिश करता हूं। कई लोगों के लिए इस चीज़ में जब कमी आने लगती है तो वह ज़्यादा दिन और नहीं टिक पाते। मुझे लगता है मुझ में वह जज़्बा अभी भी है। इसके अलावा मेरा शरीर मेरा साथ दे रहा है और मुझे अपना पसंदीदा काम करने दे रहा है।"
अपनी उम्र की श्रेणी में एंडरसन केवल ब्रॉड को आगे देखते हैं, और कहते हैं, "उनके बाद कोई नहीं होगा क्योंकि कोई भी इतना बेवक़ूफ़ नहीं होगा। आपके पास अब फ़्रैंचाइज़ क्रिकेट है, द हंड्रेड है और क्रिकेट के अन्य छोटे प्रारूप हैं। मुझे लगता नहीं है ऐसे में कोई भी इतने साल टेस्ट खेलना चाहेगा।"
टेस्ट क्रिकेट के स्वास्थ्य के लिए एंडरसन मानते हैं कि विभिन्न क्रिकेट बोर्ड के अलावा खिलाड़ियों और कोचों की भी बड़ी ज़िम्मेदारी है। ब्रेंडन मक्कलम के टेस्ट कोच और बेन स्टोक्स के टेस्ट कप्तान नियुक्त होने के बाद न्यूज़ीलैंड और भारत के ख़िलाफ़ चार टेस्ट मैचों में जीत के अंदाज़ ने इंग्लैंड टेस्ट टीम के समर्थकों में एक नई ऊर्जा भर दी है।
एंडरसन ने कहा, "अगर हमने वह टेस्ट इस तरह नहीं भी जीते होते तो भी मैं कहता टेस्ट एक असाधारण प्रारूप है। टेस्ट क्रिकेट में पूरे विश्व में कुछ लाजवाब मुक़ाबले देखने को मिल रहे हैं। लेकिन हां, बतौर क्रिकेटर, हमारा 100 प्रतिशत फ़र्ज़ बनता है कि हम टेस्ट क्रिकेट का प्रचार करें और लोगों को यह उत्साह दें कि वह बड़े होकर ही नहीं, बूढ़े होकर भी टेस्ट खेलते रहें।"