मैच (16)
आईपीएल (2)
Pakistan vs New Zealand (1)
WT20 Qualifier (4)
County DIV1 (4)
County DIV2 (3)
PAK v WI [W] (1)
CAN T20 (1)
फ़ीचर्स

सैमसन और श्रेयस : अंदाज़ अलग और सपना एक

यह दुर्भाग्य की बात है कि भारत अक्सर इन दोनों को एक साथ एकादश में नहीं चुन सकता है

श्रेयस अय्यर और संजू सैमसन। यदि आप सोशल मीडिया पर ज़्यादा ध्यान देते हैं तो आपको लगेगा कि ये दोनों शत्रु हैं।
उन्होंने गुरुवार को एक वनडे में साथ बल्लेबाज़ी की लेकिन हम उस पर थोड़ी देर बाद आएंगे। टी20 विश्व कप का मौसम चल रहा है तो क्यों ना उसकी बात की जाए।
श्रेयस ने इस साल 15 तो सैमसन ने छह टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं। इन दोनों में से एक टी20 विश्व कप की दावेदारी पेश करने के मामले में दूसरे से आगे था। विश्व कप के लिए 15 सदस्यीय दल में ना तो श्रेयस और ना ही सैमसन है। हालांकि कम से कम श्रेयस रिज़र्व खिलाड़ियों में शामिल हैं जबकि सैमसन के साथ ऐसा नहीं है।
आप तर्क दे सकते हैं कि भारतीय टीम सैमसन और उनके जैसे बल्लेबाज़ों को सही महत्व नहीं देती है जो अपनी औसत को बिगाड़ने के ख़तरे के बावजूद पारी की शुरुआत से ही जोखिम उठाते हैं। एक और तर्क यह भी दिया जाता है कि श्रेयस चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन द्वारा मिले समर्थन का हक़दार नहीं है क्योंकि शॉर्ट गेंद उनकी कमज़ोरी है।
चलिए इस तर्क पर चर्चा करते हैं। शॉर्ट गेंद के विरुद्ध श्रेयस का खेल अपरंपरागत है और इसमें क्रीज़ में शफ़ल करना शामिल है। कभी वह ऑफ़ स्टंप के बाहर चले जाते हैं तो कभी लेग स्टंप से बाहर हटकर गैप ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं। काम करने पर यह शानदार लगता है लेकिन नहीं काम करने पर बहुत अजीब। इस साल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल में कई मौक़े पर यह काम नहीं किया है।
हालांकि आंकड़ों पर नज़र डालने पर पता चलेगा कि श्रेयस ने इस साल टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 40.25 की औसत और 135.86 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। यह अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट नहीं है लेकिन इसे ख़राब भी नहीं कहा जा सकता।
और तो और यह आंकड़े और भी अच्छे लगने लगते हैं जब आप इनमें स्पिन के विरुद्ध श्रेयस के रन जोड़ दें। 37 की औसत और 158.57 का स्ट्राइक रेट जो इस साल कम से कम 50 गेंद खेलने वाले भारतीय बल्लेबाज़ों में केवल सूर्यकुमार यादव से पीछे है।
मध्य क्रम में स्पिन खेलना (सूर्यकुमार के अलावा) भारतीय बल्लेबाज़ों की कमज़ोरी रही है और टीम प्रबंधन शायद इसे हल करने के लिए श्रेयस को अपना स्पिन हिटर बना रहा था। स्पिन के विरुद्ध उनके आंकड़े बताते हैं कि उन्होंने अपना काम बख़ूबी पूरा किया और शायद इसी वजह से श्रेयस को विश्व कप के रिज़र्व खिलाड़ियों में चुना गया है।
आप कह सकते हैं कि सैमसन को भी श्रेयस की तरह ज़्यादा मौक़े मिलने चाहिए थे लेकिन मध्य क्रम में बहुत कम जगह होती है। चयनकर्ताओं को अनगिनत प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक या दो को चुनना होता है, जिनमें से एक को टीम में पर्याप्त मौक़े दिए जाते है।
सैमसन इस बात को समझते हैं और हाल ही में इस विषय पर उन्होंने एक वीडियो जारी किया था।
उन्होंने कहा, "मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने पांच वर्षों बाद भारतीय टीम में वापसी की हैं। भारतीय टीम पांच साल पहले विश्व की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक थी और आज भी नंबर एक है। नंबर एक टीम की एकादश में जगह पाना आसान नहीं है, टीम में बहुत प्रतिभा है। इस समय आप अपने बारे में सोचते हैं कि कब आपको अगला मौक़ा मिलेगा। हालांकि आपका सही मानसिकता में होना और सकारात्मक सोच रखना ज़रूरी है।"
सैमसन ने आगे कहा, "हाल ही में सोशल मीडिया पर बातें चल रही है कि संजू को ऋषभ पंत या केएल राहुल की जगह लेनी चाहिए। हालांकि मेरी सोच साफ़ है। केएल राहुल हो या ऋषभ पंत, वह अपनी टीम के लिए खेल रहे हैं। अगर मैं अपने साथी खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बारे में सोचता हूं तो मैं अपने देश और अपनी भारतीय टीम को निराश कर रहा हूं। मैं हमेशा सकारात्मक सोच रखता हूं - जब भी मौक़ा मिले, जाओ और टीम के लिए दिया हुआ काम करो।"
गुरुवार को भी श्रेयस और सैमसन हमेशा की तरह अपनी टीम के लिए दिया हुआ कार्य पूरा कर रहे थे। बारिश के कारण छोटे किए गए वनडे मैच में, जहां पिच तेज़ गेंदबाज़ी के साथ-साथ स्पिन को मदद कर रही थी, वह 51 के स्कोर पर चार विकेट गंवाने के बाद साथ आए। टीम को जीतने के लिए लगभग नौ के रन रेट से 199 रन बनाने थे।
उनकी साझेदारी में उनके खेलने का विपरीत अंदाज़ साफ़ नज़र आया। स्पिन के विरुद्ध श्रेयस ने अपने हाथ खोलते हुए तबरेज़ शम्सी को आड़े हाथों लिया। एक समय पर शम्सी के विरुद्ध लगातार तीन चौके लगाकर उन्होंने बताया कि क्यों स्पिन के ख़िलाफ़ उनके खेल की प्रशंसा की जाती है।
सैमसन ने शम्सी के ख़िलाफ़ एक छक्का तो लगाया लेकिन इसके बाद उन्होंने सेट होने में अपना समय लिया। जब 33 गेंदों पर श्रेयस ने अपना अर्धशतक पूरा किया, सैमसन 21 गेंदों पर 15 रन बनाकर खेल रहे थे।
फिर लुंगी एनगिडी ने वनडे क्रिकेट में लगातार चौथी बार श्रेयस को अपना शिकार बनाया। शॉर्ट ऑफ़ लेंथ गेंद पर श्रेयस मिडऑन पर कैच आउट हुए और भारत को जीत के लिए 80 गेंदों पर 132 रन बनाने थे।
इसके बाद सैमसन ने ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली और शार्दुल ठाकुर के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे। शम्सी के विरुद्ध पगबाधा की क़रीबी अपील पर बचने (साउथ अफ़्रीका के पास इस समय कोई रिव्यू नहीं बचा था) के बाद उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ी पर अपनी शानदार टाइमिंग के चलते बड़े शॉट लगाना शुरू किया।
शार्दुल ने कगिसो रबाडा को लगातार तीन चौके जड़े लेकिन उनकी विकेट के बाद दो और विकेट गिरे और मैच साउथ अफ़्रीका के पक्ष में झुक गया। सैमसन अब भी क्रीज़ पर थे और शम्सी का एक ओवर शेष था जिसे साउथ अफ़्रीका हो सके उतना अंत तक बचाकर रख रहा था।
शम्सी अंतिम ओवर में गेंदबाज़ी करने आए जब उनको छुपाना असंभव था लेकिन भारत लक्ष्य से 31 रन दूर था। वाइड और फिर सैमसन के छक्के से ऐसा लगा कि शायद मैच पलट सकता है लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सैमसन ने कहा, "उनके गेंदबाज़ अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे लेकिन शम्सी महंगे साबित हुए थे। हमें लगा कि हम उन पर प्रहार कर सकते हैं। उनका एक ओवर शेष था और मुझे पता था कि अगर 24 रन भी होते तो मैं आत्मविश्वास के साथ चार छक्के लगा सकता था। इसे ध्यान में रखते हुए ही मैं मैच को अंत तक लेकर जा रहा था।"
भारत मैच तो हार गया लेकिन सैमसन को पता था कि टीम का प्लान सही था। उन्होंने कहा, "हम दो शॉट से चूक गए - एक चौका और एक छक्का। अगर हमने वह लगाए होते तो हम जीत जाते।"
यह एक शांत और सोचा-समझा मूल्यांकन था। सभी शीर्ष खिलाड़ी शायद ऐसा ही सोचते हैं लेकिन सैमसन उन कुछ लोगों में से एक हैं जो प्रेस कॉन्फ़्रेंस में यह भाषा बोलते हैं।
सैमसन ने ऐसी पारी खेली थी जिसने दर्शाया कि क्यों उन्हें आगे चलकर भारतीय सीमित ओवर टीमों का अहम हिस्सा होना चाहिए। श्रेयस ने भी ठीक ऐसा ही किया। यह टीम के दृष्टिकोण से सौभाग्य तथा निजी तौर पर दुर्भाग्य की बात है कि भारत अपनी एकादश में इन दोनों को एक-साथ चुनने में सक्षम नहीं है। हालांकि भविष्य अब भी इन दोनों के हाथों में है।

कार्तिक कृष्णास्वामी ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।