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भारत को दिनेश कार्तिक की आईपीएल वाले रोल के साथ छेड़छाड़ क्यों नहीं करनी चाहिए

2019 के शुरुआत से बतौर फ़िनिशर कार्तिक का रिकॉर्ड अविश्वसनीय है

Dinesh Karthik tunes up for the South Africa T20Is, Delhi, June 6, 2022

साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ के लिए तैयारी करते कार्तिक  •  PTI

दिनेश कार्तिक जैसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी भारतीय टी20 टीम में अनोखा है। उन्होंने आईपीएल में केवल एक अर्धशतक बनाया। टीम में ऋषभ पंत के अलावा कार्तिक एक विशेषज्ञ बल्लेबाज़ हैं जो शीर्ष क्रम में बल्लेबाज़ी नहीं करेंगे और न ही उन्हें करनी चाहिए। यह एक ऐसा चयन है जहां आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फ़िनिशर की भूमिका निभाने के लिए नहीं कहा गया है।
कार्तिक का रोल "विकेटकीपर-बल्लेबाज़" का होगा, लेकिन उनका टीम के अन्य दो विकेटकीपरों पंत या ईशान किशन के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं है। बल्लेबाज़ी क्रम में कार्तिक की एक विशिष्ट भूमिका होती है, जिसे कोलकाता नाइट राइडर्स ने कठिन तरीक़े से सीखा। विडंबना यह है कि जब वह ख़ुद कप्तान थे, तब कार्तिक ने आईपीएल 2020 में शुरू से अंत तक बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की। संभवत: ओएन मॉर्गन को सही मंच देने के लिए, लेकिन पूरे सीज़न में वह केवल तीन पारियों में सफल रहे: उन तीन पारियों में वह 11वें, 15वें और 18वें ओवर में बल्लेबाज़ी करने आए।
जब आईपीएल 2022 शुरू हुआ, तो स्टार स्पोर्ट्स ने एक उल्लेखनीय आंकड़ा दिखाया: पिछले तीन आईपीएल में कार्तिक जब 14 ओवर से पहले बल्लेबाज़ी करने उतरते हैं तब उनका औसत 18 का रहता है और वह 126 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। आख़िरी छह ओवरों में जब वह बल्लेबाज़ी करने आते हैं तो यह आंकड़ा 37 और 157 का हो जाता है। इस आईपीएल की समाप्ति के बाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के शिवा जयारमन ने 1 जनवरी 2019 से शुरू होने वाले आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय टी20 में अंतिम आठ ओवरों के लिए फ़िल्टर का इस्तेमाल किया। कार्तिक ने पिछले साढ़े तीन साल में 38 पारियों में 12वें ओवर के बाद बल्लेबाज़ी शुरू की जिसमें उन्होंने 47 के औसत और 174 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। 12वें ओवर की समाप्ति से पहले शुरू हुई 28 पारियों में उनका औसत 19 और स्ट्राइक रेट 129 का रहा।
इसके पीछे एक छुपा हुआ कारण है रोल की स्पष्टता, जो बल्लेबाज़ी के साथ आती है, जब पारी में केवल एक निश्चित संख्या में गेंदें बची होती हैं। एक ठोस कारण कार्तिक का स्पिन के ख़िलाफ़ संघर्ष और तेज़ गेंद उनकी प्राथमिकता है। पिछले तीन आईपीएल में कार्तिक ने तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ 37 के औसत और 166 के स्ट्राइक रेट से प्रहार किया है वहीं स्पिन के ख़िलाफ़ 15 के औसत और 111 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। जब आप केवल डेथ ओवरों में बल्लेबाज़ी करते हैं तो आपको कम स्पिन का सामना करना पड़ता है।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने इस साल के आईपीएल में कार्तिक का लगभग परफ़ेक्ट इस्तेमाल किया, लेकिन सवाल यह है कि क्या भारत कार्तिक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकलवाने के लिए उन चीज़ों को देने को तैयार है? और सवाल उठता है क्योंकि अतीत में आईपीएल में सफल कईयों ने अच्छे परिणामों के बिना भी भारत के लिए एक अलग रोल निभाई है।
यह सम्मति के बारे में उतना ही है जितना कि संसाधनों के बारे में है। आरसीबी के पास ऑलराउंडर्स थे जिन्हें जल्दी विकेट गिरने पर कार्तिक से आगे भेज दिया जाता था, और गेंदबाज़ों में वनिंदु हसरंगा की मौजूदगी ने उन्हें इस तरह से खुलकर खेलने की आजादी दी। भारत के पास अक्षर और हर्षल हैं, जिन्हें कार्तिक को अपने पसंदीदा स्थिति में बल्लेबाज़ी करने की अनुमति देने के लिए ज़रूरत पड़ने पर तीन-चार ओवर बल्लेबाज़ी करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
लंबे समय से भारत ने शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों को निचले मध्य क्रम और फ़िनिशिंग रोल में ढालने की कोशिश की है। अब, जब कई शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ आराम कर रहे हैं, तो यह उस व्यक्ति के लिए हर वो चीज़ करने का सही समय है जो उस रोल में अपने फ़्रैंचाइज़ी के लिए खेलता था क्योंकि यह रोल बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही टोटल स्कोर को न देखें, खासकर जब उन्हें बल्लेबाज़ी करने के लिए ज़्यादा नहीं मिलता है जैसा कि हाल के उनके अंतरराष्ट्रीय टी 20 कार्यकाल में हुआ था।
निडहास ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में भारत को अविश्वसनीय जीत दिलाने के बाद कार्तिक ने ख़ुद को टीम से बाहर पाया, और जब वह वापस आए तब उन्हें 12 मैचों में आठ पारियां मिली जिसमें नाबाद 33 रन के उच्चतम स्कोर के साथ 140 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। जबकि भारत ने कार्तिक से डेथ ओवरों से पहले बल्लेबाज़ी नहीं कराके अच्छा प्रदर्शन किया। कार्तिक को बल्लेबाज़ी करने के लिए पर्याप्त गेंदें नहीं मिलीं, क्योंकि कुछ हद तक भारत का शीर्ष क्रम अंत तक बल्लेबाज़ी करता है और कम जोखिम लेता है।
कई वापसी के साथ अपने लंबे करियर में कार्तिक ने विभिन्न भूमिकाएं निभाई हैं, इंग्लैंड और साउथ अफ़्रीका में टेस्ट ओपनर से लेकर विश्व कप सेमीफ़ाइनल में अचानक बिखर रही पारी को संभालने तक। लेकिन अब वह सर्वश्रेष्ठ भूमिका स्पष्टता के साथ एक कार्यकाल शुरू करने का संकेत देते हैं, कुछ ऐसा जो उन्होंने आईपीएल में अपने प्रदर्शन से अर्जित किया है। कार्तिक के पास विश्व कप से पहले इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आज़माने का समय है, और अब उन्हें किसी अन्य रोल में बल्लेबाज़ी करने का कोई कारण नहीं है।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।