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IPL 2024 : प्लेऑफ़ में भिड़ने वाली टीमों का ट्रैक रिकॉर्ड और संभावित चुनौतियां

KKR के लिए ओपनिंग स्लॉट बनेगा मुसीबत? RR और RCB को खलेगी किसकी कमी? SRH की अत्यधिक निर्भरता पड़ेगी भारी?

IPL 2024 के प्लेऑफ़ की तस्वीर पूरी तरह से साफ़ हो चुकी है। क्वालिफ़ायर 1 और एलिमिनेटर अहमदाबाद में खेला जाना है, जहां सनराइज़र्स हैदराबाद (SRH) को लीग स्टेज में हार मिली थी जबकि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने यहां पर जीत दर्ज की थी, वहीं RR और KKR को इस वेन्यू पर इस सीज़न खेलने का अवसर नहीं मिला। क्वालिफ़ायर 2 और फ़ाइनल चेन्नई में खेला जाएगा जहां इस सीज़न प्लेऑफ़ की सभी चार टीमों को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में इन चारों टीमों के अब तक के प्लेऑफ़ इतिहास और इस सीज़न में उनके मौजूदा प्रदर्शन के ज़रिए यह जानने का प्रयास करते हैं कि नॉकआउट स्टेज में इन टीमों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
KKR इस सीज़न की सबसे सफल टीम है। 2011 में नए कप्तान गौतम गंभीर के नेतृत्व में KKR ने पहली बार अंतिम चार में प्रवेश किया और 2012 और 2014 में उनकी ही कप्तानी में इस टीम ने दो बार ख़िताब अपने नाम किया। इसके बाद KKR ने 2016, 2017 और 2018 में लगातार तीन बार प्लेऑफ़ में प्रवेश किया और 2021 का फ़ाइनल भी खेला लेकिन पिछले एक दशक से KKR को ट्रॉफ़ी का इंतज़ार है।
यह सीज़न कैसा रहा?
KKR इस सीज़न की सबसे सफल टीम रही है। अंक तालिका में पहले स्थान पर समाप्त करने के साथ ही उसके अधिकतर खिलाड़ी लय में नज़र आ रहे हैं। नितीश राणा की वापसी से भी उसके मध्य क्रम को मज़बूती मिली है। KKR अगर फ़ाइनल में प्रवेश कर जाती है तब उसे हराना इसलिए भी मुश्किल हो सकता है क्योंकि ख़िताबी जंग का फ़ैसला चेन्नई के चेपॉक पर होगा और वहां की स्पिन को मददगार पिच का फ़ायदा नारायण और वरुण चक्रवर्ती जैसे गेंदबाज़ों को मिल सकता है। kKR ने अपना पहला ख़िताब भी चेपॉक पर ही जीता था। चक्रवर्ती इस समय 12 मैचों में 18 विकेट लेकर KKR की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भी हैं। जबकि सुनील नारायण ने भी अपने बल्ले और गेंद दोनों के साथ ही काफ़ी प्रभावित किया है। KKR में गंभीर की दोबारा वापसी ने नारायण को अपना पुराना ओपनर वाला रोल भी दिला लिया जो कभी वह गंभीर के नेतृत्व में निभाया करते थे।
आगे कैसी चुनौतियां हैं?
KKR के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसके ओपनिंग स्लॉट को लेकर है। इस पूरे सीज़न फ़िल सॉल्ट और नारायण ने अधिकतर अवसरों पर ना सिर्फ़ KKR को एक मज़बूत शुरुआत दिलाई बल्कि उनकी आक्रामक शुरुआत के चलते KKR के मध्य क्रम पर दबाव कम आया। हालांकि सॉल्ट अब स्वदेश लौट चुके हैं और उनकी जगह भरने के लिए रहमानुल्लाह गुरबाज़ और वेंकटेश अय्यर दो बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। गुरबाज़ ने इस सीज़न में अब तक एक भी मैच नहीं खेला है लेकिन सॉल्ट की अनुपस्थिति में KKR को विकेटकीपर की जगह भी भरनी है। सॉल्ट की स्वदेश वापसी के बाद KKR के दोनों लीग मैच बारिश की भेंट चढ़ गए जिसके चलते उन्हें सीधा प्लेऑफ़ में ही अपने ओपनिंग स्लॉट को आज़माने पर मजबूर होना पड़ेगा। इन्होंने पिछला मुक़ाबला 11 मई को खेला था, उसके बाद उनके दोनों मैच बारिश की भेंट चढ़े हैं। ऐसे में बिना मैच प्रैक्टिस के क्वालिफ़ायर में उतरना एक अलग तरह की चुनौती होगी।
RR IPL के पहले सीज़न की विजेता थी। हालांकि इसके बाद से ही RR को एक ट्रॉफ़ी का इंतज़ार है। यह RR का 15वां सीज़न है और अब तक पहले संस्करण के बाद RR ने 2013, 2015 और 2018 में अंतिम चार में क्वालिफ़ाई तो किया लेकिन एक बार भी फ़ाइनल तक नहीं पहुंच पाई। लेकिन 2022 में RR ट्रॉफ़ी के एकदम क़रीब पहुंच ही गई थी कि एकतरफ़ा मुक़ाबले में उसे गुजरात टाइटंस (GT) के हाथों हार झेलनी पड़ी।
यह सीज़न कैसा रहा?
सीज़न के पहले चरण में RR अंक तालिका में पूरी तरह से हावी थी। पहले नौ में से आठ मैच RR जीत चुकी थी लेकिन इसके बाद उसे प्लेऑफ़ में अपनी जगह पक्की करने के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ा। पिछले सीज़न में भी RR का पहला चरण बेहद अच्छा था लेकिन दूसरे चरण में यह टीम पिछड़ गई थी। इस बार भी RR का अंक तालिका में शीर्ष दो पर रहना तय माना जा रहा था लेकिन अंतिम चरण में RR संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पाई और बेहतर नेट रन रेट के चलते SRH ने अंक तालिका को दूसरे स्थान पर समाप्त किया।
आगे कैसी चुनौतियां हैं?
RR के सामने भी KKR वाली ही चुनौती है। सॉल्ट की तरह जॉस बटलर भी स्वदेश लौट चुके हैं जबकि यशस्वी जायसवाल इस सीज़न में अपनी लय में नज़र नहीं आए हैं। हालांकि KKR के इतर RR अपने नए ओपनर टॉम कोहलर कैडमोर को तो एक बार आज़मा चुकी है लेकिन वह भी कुछ ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ पाए। RR के मध्य क्रम का सारा भार संजू सैमसन और रियान पराग के कंधों पर है। अब तक इस सीज़न में कुल सात बल्लेबाज़ों ने 500 से अधिक रन बनाए हैं जिनमें पांच ओपनर और दो मध्य क्रम के बल्लेबाज़ हैं। यह दोनों ही मध्य क्रम के बल्लेबाज़ सैमसन (504) और पराग (531) हैं। ऐसे में इन दोनों पर RR की बल्लेबाज़ी की अत्यधिक निर्भरता उन्हें नॉकआउट में भारी पड़ सकती है। RR को सैमसन और पराग पर अत्यधिक निर्भरता की कीमत SRH के ख़िलाफ़ मैच में चुकानी पड़ी थी जब वह इन दोनों के आउट होने के बाद एक पकड़ में आया हुआ मैच एक रन से हार गई थी।
इसके साथ ही प्लेऑफ़ के दो निर्णायक मैच चेन्नई में ही खेले जाने हैं और वहां की पिच को देखते हुए RR के दोनों प्रमुख स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल का लय में लौटना ज़रूरी है। इस सीज़न RR के पास ऐडम ज़ैम्पा भी नहीं हैं और चहल पहले चरण में पर्पल कैप के बड़े दावेदार भी थे लेकिन अचानक उनके फ़ॉर्म में गिरावट आ गई। हालांकि अश्विन और चहल ने चेपॉक में चेन्नई और गुवाहाटी में पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ लय में लौटने के संकेत ज़रूर दिए हैं लेकिन अहमदाबाद में इस सीज़न RR ने एक भी मैच नहीं खेला है, जहां उनका सामना इसी सीज़न अहमदाबाद में रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा चुकी RCB से होने वाला है।
SRH का यह 12वां सीज़न है और यह टीम सातवीं बार अंतिम चार में पहुंची है। दो बार SRH ने फ़ाइनल भी खेला और 2016 में वह विजेता भी बनी। 2016 से लेकर 2020 तक SRH लगातार पांच बार प्लेऑफ़ में पहुंची लेकिन उसके बाद SRH को तीन सीज़न का इंतज़ार करना पड़ा। इस नीलामी साइकिल में SRH ने बड़े नाम रिलीज़ कर दिए थे। 2022 में SRH ने अच्छे नोट पर सीज़न की शुरुआत भी की
यह सीज़न कैसा रहा?
SRH के लिए यह सीज़न सपनों सरीखा रहा है। मैच दर मैच SRH की तूफ़ानी बल्लेबाज़ी ने नए नए कीर्तिमान स्थापित किए। ट्रैविस हेड और अभिषेक शर्मा की जोड़ी ने अधिकतर मौकों पर SRH के मध्य क्रम पर बोझ ही नहीं पड़ने दिया। जबकि गेंदबाज़ी में भी टी नटराजन, भुवनेश्वर कुमार और पैट कमिंस की तिकड़ी ने अपना काम मिलाजुला ही किया है।
आगे कैसी चुनौतियां हैं?
SRH की सबसे मज़बूत कड़ी हेड और अभिषेक की जोड़ी तो है लेकिन इनके ऊपर अत्यधिक निर्भरता इन्हें भारी भी पड़ सकती है। हालांकि मध्य क्रम में नितीश कुमार रेड्डी और हाइनरिक क्लासेन ने कुछ अच्छी पारियां ज़रूर खेलीं। अंतिम लीग मैच में मध्य क्रम ने बागडोर ज़रूर संभाली लेकिन नॉकआउट स्टेज में शीर्ष क्रम के विफल होने की स्थिति में निचले मध्य क्रम पर अगर भार पड़ता है तब इस चुनौती से निपटना SRH के लिए आसान नहीं होगा। पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ मैच में ही SRH ने हेड का विकेट शुरुआत में खो दिया था। अगर SRH के दोनों ओपनर सस्ते में पवेलियन लौट गए तब SRH के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। यह पहलू SRH के लिए कुछ वैसी ही मुश्किल खड़ी कर सकता है जो ख़ुद लगभग ढ़ाई हफ़्ते पहले SRH की गेंदबाज़ी ने RR के लिए किया था। पंजाब किंग्स (PBKS) के विरुद्ध अंतिम लीग मैच को छोड़कर बड़े लक्ष्य को चेज़ ना कर पाना भी SRH के लिए इस सीज़न चुनौती बना रहा।
SRH का पास एक अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण है और टी नटराजन इस सीज़न SRH के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भी हैं। हालांकि इस बार SRH ने काफ़ी रन भी लुटाए हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि वनिंदु हसरंगा की चोट ने SRH के स्पिन आक्रमण को जो झटका दिया उससे SRH इस पूरे सीज़न में उबर नहीं पाई है। SRH अब तक हसरंगा का विकल्प नहीं ख़ोज पाई है।
RCB IPL के दूसरे, तीसरे और चौथे लगातार तीन सीज़न में अंतिम चार में पहुंची थी। 2011 और 2016 के फ़ाइनल सहित यह टीम अब तक के IPL इतिहास में कुल नौ बार अंतिम चार में पहुंची लेकिन एक बार भी उसे ट्रॉफ़ी नसीब नहीं हुई।
यह सीज़न कैसा रहा?
इस सीज़न RCB ने उतार और चढ़ाव दोनों देखे। पहले आठ मैचों में सिर्फ़ एक मैच जीतने वाली इस टीम ने अपने अंतिम लगातार छह मैच जीते और अंक तालिका में अंतिम पायदान से चौथे पायदान तक का सफ़र तय कर लिया। सीज़न की शुरुआत में RCB की गेंदबाज़ी में धार की साफ़ तौर कमी दिखाई दे रही थी। बल्लेबाज़ी में भी विराट कोहली अकेले ही पूरे लाइन अप का भर संभाले नज़र आ रहे थे। हालांकि इसके बाद RCB ने अपने ड्रीम रन में टीम एफ़र्ट का परिचय दिया।
आगे कैसी चुनौतियां हैं?
इस सीज़न की शुरुआत में ग्लेन मैक्सवेल की फ़ॉर्म RCB के लिए बड़ी चिंता का विषय थी। लगातार फ़्लॉप होने के बाद मैक्सवेल ने ख़ुद को ही ड्रॉप करने के लिए सिफ़ारिश भी कर दी थी। हालांकि मैक्सवेल की अनुपस्थिति में इंग्लैंड के ऑलराउंडर विल जैक्स ने बल्ले और गेंद दोनों के साथ प्रभावित किया। गुजरात टाइटंस (GT) के ख़िलाफ़ जैक्स के शतक ने RCB के नेट रन रेट को बढ़ाने में अहम भूमिका भी निभाई। हालांकि KKR के लिए सॉल्ट और RR के लिए बटलर की अनुपस्थिति की तरह ही RCB को भी जैक्स की स्वदेश वापसी के बाद उनकी कमी खल सकती है। जैक्स के जाने के बाद RCB मैक्सवेल को प्लेइंग इलेवन में वापस लेकर आई और उसे प्लेऑफ़ में मैक्सवेल से काफ़ी उम्मीदें होंगी।
शुरुआत में कप्तान फ़ाफ़ डुप्लेसी की ख़राब फ़ॉर्म भी RCB के लिए चिंता का विषय थी। हालांकि डुप्लेसी भी टूर्नामेंट के आगे बढ़ने के साथ साथ लय में आ गए और मध्य क्रम में रजत पाटीदार ने अपना काम बखूबी किया है। RCB के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसका गेंदबाज़ी लाइन अप है। RCB ने पिछली नीलामी से पहले जिस गेंदबाज़ को रिलीज़ किया उसके नाम इस समय सर्वाधिक विकेट हैं। जबकि सर्वाधिक विकेट लेने वाले शीर्ष 20 गेंदबाज़ों में RCB का सिर्फ़ एक गेंदबाज़ ही शामिल है। RCB का स्पिन अटैक भी अभी तक प्रभावी नज़र नहीं आया है। उन्होंने नीलामी से पहले हसरंगा को भी रिलीज़ कर दिया था, हालांकि वह चोट के चलते IPL से बाहर हो गए। लेकिन SRH को छोड़कर RR और KKR प्लेऑफ़ की दोनों टीमों के पास मज़बूत स्पिन अटैक है। अगर RCB अहमदाबाद में RR को पटखनी देने में सफल भी हो जाती है तब भी चेपॉक में KKR के मज़बूत स्पिन आक्रमण या SRH की विध्वंसक बल्लेबाज़ी लाइन अप से निपटना उनके लिए आसान नहीं होगा।

नवनीत झा ESPNcricinfo में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।