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रायपुर में दिखी पुराने सदाबहार शमी की झलक

उनकी सटीक लेंथ वाली आग उगलती गेंदों का न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ों के पास कोई जवाब नहीं था



फ़िन ऐलेन को तीन बाहर निकलती गेंदें और फिर एक अंदर आती सीमिंग गेंद। यह गेंद पूरी तरह से सीम पर पड़ती है और ऐलेन के बल्ले को छकाते हुए पिछले पैड पर लगकर उनका मिडिल स्टंप उड़ा ले जाती है। यह पूरी तरह से सेट-अप किया गया विकेट था, जिसमें पुराने सदाबहार मोहम्मद शमी की झलक दिखी। उन्होंने रायपुर में खेले गए दूसरे वनडे के दौरान पहले ही ओवर में विकेट लिया।

इस पिच पर घास ज़रूर थी लेकिन यह कोई हैमिल्टन का विकेट नहीं था। शमी लगातार सही जगहों पर गेंद डालते रहे और बल्लेबाज़ों को परेशान करते रहे। उन्होंने बल्लेबाज़ों को बाहरी और अंदरूनी दोनों किनारों पर बीट किया। उनकी गेंदबाज़ी में रूम नहीं था और ना ही वह ड्राइव करने के लिए बल्लेबाज़ को ओवरपिच फ़ुल गेंदें फेंक रहे थे।



डैरिल मिचेल ने क्रीज़ से बाहर निकलकर स्विंग को ख़त्म करने और ड्राइव करने की कोशिश की लेकिन लेंथ गेंद को दूर से खेलने के चक्कर में वह शमी को ही वापस कैच दे बैठे। मिचेल निराशा में अपना सिर हिलाकर पवेलियन वापस जा रहे थे, वहीं शमी गेंद को हवा में उछाल झूम रहे थे।

शमी ने पावरप्ले के दौरान ड्राइव करने वाली एक भी गेंद नहीं फेंकी। उनके 24 में से बस एक ही गेंद फ़ुल लेंथ पर थी और वो भी ऐसी गेंद थी, जिसे आसानी से नहीं मारा जा सकता था। इस दौरान मोहम्मद सिराज और हार्दिक पंड्या ने उनका भरपूर सहयोग किया। पहले 10 ओवर में न्यूज़ीलैंड का स्कोर 15 रन पर चार विकेट था। वह 34.3 ओवर में 108 रन पर ऑलआउट हो गए।

इस मैच के बाद शमी ने कहा, "जितना दिख रहा था, परिस्थितियां गेंदबाज़ों के उतने अनुकूल नहीं थीं। सही लेंथ पर गेंद करके हमने उनका इम्तिहान लिया और वे जल्दी आउट हो गए। हमारे सभी गेंदबाज़ अनुशासित थे और परिणाम सबके सामने है।" न्यूज़ीलैंड के कप्तान टॉम लेथम ने भी स्वीकार किया कि शमी और सिराज की सटीक गेंदबाज़ी के कारण उनके बल्लेबाज़ जल्दी पवेलियन में थे।

उन्होंने कहा, "वास्तव में उन्होंने बेहतरीन गेंदबाज़ी की। वे अपने लाइन और लेंथ पर कायम थे और हमें आसान रन बनाने के मौक़े नहीं दे रहे थे। 10वें या 11वें ओवर में ही हमारी आधी टीम पवेलियन में थी और उसके बाद वापसी करना मुश्किल था। 100 रन के आस-पास ऑलआउट होने के बाद आपके लिए मैच में कुछ ख़ास नहीं बचता है। यह कुछ वैसे दिन के जैसा था, जब भारत के लिए कुछ भी ग़लत नहीं गया।"



पहले ही मैच की तरह एक बार फिर से माइकल ब्रेसवेल ने न्यूज़ीलैंड की वापसी कराने की कोशिश की। उन्हें शार्दुल ठाकुर से ड्राइविंग लेंथ गेंद मिली तो उन्होंने एक शानदार स्ट्रेट ड्राइव भी मारा। लेकिन इसके बाद फिर शमी को आक्रमण पर लगाया गया। ब्रेसवेल ने उनकी छह गेंदों पर तीन चौके मारे और ऐसा लगा कि एक बार फिर न्यूज़ीलैंड ने वापसी कर ली है। हैदराबाद में पहले वनडे के दौरान भी ब्रेसवेल ने शमी को निशाना बनाया था। लेकिन यहां पर शमी ने बाज़ी मारी।

शमी ने यॉर्कर का प्रयास किया लेकिन वह गेंद बाउंड्री में थी। इसके बाद उन्होंने बाउंसर करने के लिए अपना एंगल बदला। वह राउंड द विकेट से आए और बाएं हाथ के ब्रेसवेल को सिर पर बाउंसर मारा। ब्रेसवेल शायद इसके लिए तैयार नहीं थे। उनके पास इस गेंद पर कोई शॉट खेलने के लिए समय और जगह भी नहीं था। अंत में वह हुक के लिए गए, गेंद ने उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लिया और कीपर इशान किशन उसे लपकने के लिए ही खड़े थे।

हाल के दिनों में प्रसिद्ध कृष्णा और उमरान मलिक भारत के प्रमुख मध्य ओवर गेंदबाज़ रहे हैं। हालांकि प्रसिद्ध अभी चोटिल हैं और उमरान की एकादश में अभी जगह नहीं बन रही है। भारत को नंबर आठ पर भी ऐसे किसी गेंदबाज़ की ज़रूरत है, जो उपयोगी बल्लेबाज़ी करना जानता हो। इसलिए वहां पर शार्दुल को प्राथमिकता मिल रही है।

नई गेंद से कमाल करने के बाद शमी ने पुराने गेंद से भी बल्लेबाज़ों को परेशान किया और यह दिखाया कि उनकी जगह विश्व कप दावेदारों में अब भी है।

देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं